ऐसा कितनी बार होता है कि सोशल मीडिया विशेष कर फेसबुक पर कोई एक सैनिक की फोटो लगाकर आपसे लाइक्स करने की गुहार लगाई जाती है और इन लाइक्स और शेयर्स के ज़रिये आपकी देशभक्ति का पैमाना तै किया जाता है।
भला हो केंद्र की भाजपा सरकार का कि भक्तों या फिर कहलें अंध भक्तों की टोलियों ने देशभक्ति तै करने की अहम् ज़िम्मेदारी अपने कांधों पर उठा ली है और इन्ही ‘शूरवीरों’ की वजह से अब देशप्रेम का भाव भारत में रहने वाले हर शख्स में कूट कूट कर भर दिया गया है।
जो आसानी से बात समझ जाएं तो ठीक और जिन्हें अब भी नहीं पता कि 26 मई 2014 के बाद देश वाक़ई में बदल चूका है तो एक एमएलए वाली पार्टी के नेता राज ठाकरे और जनता द्वारा चुने हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जैसे देशभक्ति के ठीकेदार फ़ौरन पांच करोड़ रूपये के जुर्माने या extortion के ज़रिये आपको आपकी औक़ात याद दिला देते हैं।
और बात जब देश भक्ति की हो तो भक्त महाशय उन लोगों को भी नहीं बख्शते जिन्हों ने कभी केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों का समर्थन किया था.
अभी दिवाली की मिसाल ले लीजिये। सर्जिकल स्ट्राइक पर छाती (56 इंच की न सही) ठोंक कर मोदी सरकार के समर्थन में वीडियो रिलीज़ करने वाले बॉलीवुड कलाकार अक्षय कुमार ने जब दिवाली में पटाखे न छोड़ने की अपील की तो सोशल मीडिया पर मोदी भक्तों ने उनकी तुलना कुत्ते और गधे से कर डाली।
लेकिन आज देशभक्ति की बात मैं जिस सन्दर्भ में कर रहा हूं वो है फेसबुक का एक ख़ास पोस्ट, जिसे तक़रीबन 6 लाख लोगों ने लाइक्स किया है हज़ारों की तादाद में शेयर किया जा रहा है और कमैंट्स की जैसे बारिश हो रही हैं यहां पर।
इस पोस्ट में जसप्रीत कौर नामी एक महिला ने खून में लतपत इराक में स्थित कुर्दिस्तान के एक सिपाही की तस्वीर डाल कर लोगों को या बताने की कोशिश की है कि ये किसी भारतीय सैनिक की तस्वीर है।
फोटो के साथ पोस्ट होने वाले में मैसेज में कहा गया है , “आज पता चल जाएगा facebook पर कितने देशभक्त हैं ”
मज़े की बात ये है कि किसी भी एक शख्स ने ये जानने की कोशिश नहीं की कि ये सैनिक किसी तरीके से भारतीय नहीं लग रहा है। इसके यूनिफार्म पर जी झंडा है वो लाल, सफ़ेद और हरे का मिश्रण है और इस के बीच बैन अशोकचक्र नहीं बल्कि पीले रंग का कोई और ही निशान है। फौजी के साथ हेलमेट पहने दुसरे शख्स ने अपने गले में एक स्कार्फ़ पहन रखा है जो भारतीय सैनिक नहीं पहनते।
और चूँकि हम जनता का रिपोर्टर पर सबूत के बिना कभी कुछ नहीं कहते तो इस झूठ का सच जानने केलिए देखिये ये ट्वीट। ज़रा दोनों पोस्ट्स की तारीखों पर भी एक नज़र डाल लीजिये तो आपको आपको इस पोस्ट के पीछे छुपे घिनौने मक़सद का भी पता चल जाएगा।
चैंकियेगा मत अगर जसबीर कौर नामी इस महिला का ये पोस्ट बाद में भाजपा के चुनाव पोस्टर्स पर भी आ जाए , इस देश में बेवक़ूफ़ों की कमी नहीं है और शायद इन्ही बेवक़ूफ़ों केलिए मई 2014 के बाद भक्त शब्द का ‘आविष्कार’ हुआ था।
मूर्खों की इसी टोली में महामूर्खों को अंधभक्त कहा जाता है। वैसे इस प्रजाति के लोग हर पार्टी में मौजूद हैं, लेकिन देशभक्ति का ठेका इन दिनों भाजपा समर्थक भक्तों ने उठायी हुई है।
Courtesy: Janta ka Reporter
भला हो केंद्र की भाजपा सरकार का कि भक्तों या फिर कहलें अंध भक्तों की टोलियों ने देशभक्ति तै करने की अहम् ज़िम्मेदारी अपने कांधों पर उठा ली है और इन्ही ‘शूरवीरों’ की वजह से अब देशप्रेम का भाव भारत में रहने वाले हर शख्स में कूट कूट कर भर दिया गया है।
जो आसानी से बात समझ जाएं तो ठीक और जिन्हें अब भी नहीं पता कि 26 मई 2014 के बाद देश वाक़ई में बदल चूका है तो एक एमएलए वाली पार्टी के नेता राज ठाकरे और जनता द्वारा चुने हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जैसे देशभक्ति के ठीकेदार फ़ौरन पांच करोड़ रूपये के जुर्माने या extortion के ज़रिये आपको आपकी औक़ात याद दिला देते हैं।
और बात जब देश भक्ति की हो तो भक्त महाशय उन लोगों को भी नहीं बख्शते जिन्हों ने कभी केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों का समर्थन किया था.
अभी दिवाली की मिसाल ले लीजिये। सर्जिकल स्ट्राइक पर छाती (56 इंच की न सही) ठोंक कर मोदी सरकार के समर्थन में वीडियो रिलीज़ करने वाले बॉलीवुड कलाकार अक्षय कुमार ने जब दिवाली में पटाखे न छोड़ने की अपील की तो सोशल मीडिया पर मोदी भक्तों ने उनकी तुलना कुत्ते और गधे से कर डाली।
लेकिन आज देशभक्ति की बात मैं जिस सन्दर्भ में कर रहा हूं वो है फेसबुक का एक ख़ास पोस्ट, जिसे तक़रीबन 6 लाख लोगों ने लाइक्स किया है हज़ारों की तादाद में शेयर किया जा रहा है और कमैंट्स की जैसे बारिश हो रही हैं यहां पर।
इस पोस्ट में जसप्रीत कौर नामी एक महिला ने खून में लतपत इराक में स्थित कुर्दिस्तान के एक सिपाही की तस्वीर डाल कर लोगों को या बताने की कोशिश की है कि ये किसी भारतीय सैनिक की तस्वीर है।
मज़े की बात ये है कि किसी भी एक शख्स ने ये जानने की कोशिश नहीं की कि ये सैनिक किसी तरीके से भारतीय नहीं लग रहा है। इसके यूनिफार्म पर जी झंडा है वो लाल, सफ़ेद और हरे का मिश्रण है और इस के बीच बैन अशोकचक्र नहीं बल्कि पीले रंग का कोई और ही निशान है। फौजी के साथ हेलमेट पहने दुसरे शख्स ने अपने गले में एक स्कार्फ़ पहन रखा है जो भारतीय सैनिक नहीं पहनते।
और चूँकि हम जनता का रिपोर्टर पर सबूत के बिना कभी कुछ नहीं कहते तो इस झूठ का सच जानने केलिए देखिये ये ट्वीट। ज़रा दोनों पोस्ट्स की तारीखों पर भी एक नज़र डाल लीजिये तो आपको आपको इस पोस्ट के पीछे छुपे घिनौने मक़सद का भी पता चल जाएगा।
मूर्खों की इसी टोली में महामूर्खों को अंधभक्त कहा जाता है। वैसे इस प्रजाति के लोग हर पार्टी में मौजूद हैं, लेकिन देशभक्ति का ठेका इन दिनों भाजपा समर्थक भक्तों ने उठायी हुई है।
Courtesy: Janta ka Reporter