यूपी: दक्षिणपंथी संगठन क्रांति सेना ने मुस्लिम युवकों के मेहंदी लगाने का विरोध किया

Written by Sabrangindia Staff | Published on: August 12, 2021
मुजफ्फरनगर में संगठन ने आरोप लगाया कि मुस्लिम लोग ऐसी नौकरी के बहाने हिंदू महिलाओं को फंसाते (लव जिहाद) हैं।


 
चरमपंथी दक्षिणपंथी संगठन, क्रांति सेना के अज्ञात गुंडों ने मुजफ्फरनगर में कथित तौर पर एक "चेकिंग ड्राइव" चलाया और लोगों से कहा कि मुस्लिम युवक मेहंदी लगाते समय हिंदू महिलाओं को गुमराह कर उनका फोन नंबर ले लेते हैं। साथ ही उन्होंने अपील की कि ब्यूटी पार्लरों में भी मुस्लिम युवकों को काम पर न रखा जाए। हालांकि इससे संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है। 
 
मनोज सिन्हा, जो क्रांति सेना के महासचिव हैं, ने फेसबुक पर कहा कि उनके संगठन ने एक चेकिंग अभियान चलाया और विभिन्न दुकान मालिकों से किसी भी मुस्लिम को रोजगार न देने की अपील की। टाइम्स ऑफ इंडिया ने क्षेत्र के एक दुकानदार के हवाले से कहा, "वे हमारी दुकान पर आए थे लेकिन मुझे वास्तव में समझ नहीं आया कि वे क्या बताना चाहते हैं।"
 
एक अन्य दुकानदार ने कहा, “हम लोगों को उनके धर्म के आधार पर कैसे रोजगार दे सकते हैं? इसके अलावा, जो ग्राहक हमारी दुकान पर आते हैं, उन्होंने कभी हमारे स्टाफ के धर्म के बारे में नहीं पूछा।”
 
इस अभियान की एक छोटी सी क्लिप पत्रकार अलीशान जाफरी ने साझा की, जिस पर मुजफ्फरनगर पुलिस की नजर पड़ी। पुलिस ने कहा, ''उपरोक्त मामले में जिला पुलिस लगातार बाजारों में गश्त कर रही है। शांति और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।


 
कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, एक अन्य संगठन के सदस्य राजेश कश्यप ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि अगर मुस्लिम पुरुष हरियाली तीज (एक हिंदू त्योहार) पर मेहंदी कलाकारों के रूप में काम करते हुए पाए जाते हैं, तो क्रांति सेना उन्हें सबक सिखाएगी।
 
यह अभियान डासना मंदिर (गाजियाबाद) के मुख्य पुजारी यति नरसिंहानंद सरस्वती बे बयान के कुछ दिन बाद चलाया गया है जिसमें उन्होंने एक सार्वजनिक संबोधन में कहा था कि ज्यादातर बिजली मिस्त्री, दुकानदार, प्लंबर मुस्लिम हैं जो हिंदुओँ के घरों में प्रवेश करते हैं और हिंदू महिलाओं के लिए खतरा साबित होते हैं।
 
सबरंगइंडिया के सह प्रकाशन सीजेपी ने यति द्वारा दिए गए ऐसे अपमानजनक बयानों का संज्ञान लेने के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग से संपर्क किया है, जिसमें समय पर हस्तक्षेप की मांग की गई है।

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