फैसल खान की गिरफ्तारी पर खुदाई खिदमतगार का बयान

Written by Sabrangindia Staff | Published on: November 3, 2020
नई दिल्ली। मथुरा के नंद मंदिर में नमाज पढ़ने वाले फैसल खान को यूपी पुलिस ने दिल्ली के जामिया नगर से गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में चार लोगों पर केस दर्ज किया गया है। फैसल खान की गिरफ्तारी पर खुदाई खिदमतगार ने अपना बयान जारी किया है।



खुदाई खिदमतगार ने अपने बयान में कहा है कि गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता और खुदाई खिदमतगार (खान अब्दुल गफ़्फ़ार खान द्वारा स्थापित किया गया गांधीवादी संगठन) के राष्ट्रीय संयोजक फैसल खान 24 से 29 अक्टूबर तक कृष्ण की पवित्र भूमि ब्रज पर अपनी पांच दिवसीय तीर्थयात्रा (यात्रा) पर थे। वह गोवर्धन की प्राचीन चौरासी कोसी यात्रा में भाग ले रहे थे। अपनी यात्रा में उन्होंने कई लोगों के साथ-साथ विभिन्न मंदिरों के पुजारियों से मुलाकात की।

बयान में आगे कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति उनकी यात्रा के वीडियो, चित्र देख सकता है जो उनके फेसबुक प्रोफाइल पर उपलब्ध हैं। इस दौरान हिंदू धर्म के दर्शन, तुलसीदास जी के छंद, रसखान जी और रहीमदास के बारे में बड़ी चर्चा हुई।

खुदाई खिदमत ने आगे अपने बयान में कहा है कि अपनी यात्रा के अंतिम दिन फैसल खान ने 'नंद बाबा' के पवित्र मंदिर का दौरा किया। उसने वहां अपनी श्रद्धा का पालन किया। वह उसकी दोपहर की प्रार्थना का समय था, इसलिए उसने उपयुक्त जगह मांगी। मंदिर में वहां मौजूद लोगों ने उन्हें यह कहकर मंदिर परिसर में ही प्रार्थना करने की अनुमति दी कि आप पहले से ही भगवान के घर में हैं इसलिए आपको कहीं और जाने की क्या आवश्यकता है।

यह सुनकर फैसल खान ने अपनी प्रार्थना पूरी की। इसके बाद वह और अन्य सदस्य कुछ और समय मंदिर में रहे और उन्होंने उसी मंदिर में अपना दोपहर का भोजन किया। सब कुछ ठीक था। 29 अक्टूबर को यात्रा पूरी हुई और वह सभी के साथ दिल्ली लौट आए। 3 दिनों के बाद उन्हें कुछ स्थानीय मीडिया के लोगों से जानकारी मिली कि कुछ लोग हैं जो 29 अक्टूबर को हुई घटनाओं से खुश नहीं हैं और वे पुलिस से शिकायत करने जा रहे हैं।

खुदाई खिदमतगार ने आगे कहा है कि जिसके बाद 2 नवंबर को उन्हें यूपी पुलिस ने धारा 153A, 295 और 505 के तहत गिरफ्तार कर लिया और मथुरा ले जाया गया। कुछ टीवी मीडिया में झूठी कहानियां दिखाई जा रही हैं। फैसल खान, उनके सहयोगी चांद मोहम्मद, नीलेश गुप्ता और सागर रत्न पर लगे सभी आरोपों का हम पुरजोर विरोध करते हैं।

अपने बयान में संस्था ने आगे कहा है कि खुदाई खिदमतगार शांति, प्रेम और सांप्रदायिक सद्भाव में विश्वास करती है, फैसल खान एक व्यक्ति के रूप में इन मुद्दों पर पिछले तीन दशकों से काम कर रहे हैं और खुदाई खिदमतगार का उद्देश्य भी यही है। हम इस समाज में धार्मिक अतिवाद के किसी भी रूप का मुकाबला करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। कई हिंदू धार्मिक संस्थानों ने फैसल खान के काम को शांति और भाईचारे के लिए उनके अनकहे काम के लिए सराहा और स्वीकार किया है।

बयान में आगे कहा गया है कि फैसल खान और हम सभी खुदाई खिदमतगार के सदस्यों को मानवता के साथ-साथ नियम-कानून पर पूरा भरोसा है। हमारे प्रयास हमेशा समाज की भलाई के लिए थे, हैं, और होंगे। हम लगातार समावेशी दृष्टिकोण के माध्यम से विभिन्न प्लेटफार्मों से अपने विचार रखने की कोशिश कर रहे हैं। आखिरी में हम यह भी कहना चाहते हैं कि यदि किसी व्यक्ति या संगठन को लगता है कि हमने उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है तो हमें इसके लिए खेद है लेकिन फिर यह भी जोड़ना चाहते हैं कि हमारा ये इरादा कभी नहीं था।

 

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