पंजाब में पत्रकार की बेरहमी से पिटाई, सस्पेंड हुए दो आरोपी

Written by sabrang india | Published on: May 25, 2020
पंजाब के एक स्थानीय अखबार के पत्रकार की शुक्रवार को दो पुलिसकर्मियों ने बर्बर पिटाई की। खबरों के अनुसार, रोजाना पहरेदार  नाम के समाचार पत्र के पत्रकार मेजर सिंह पंजाबी एक स्थानीय गुरुद्वारे में दो समूहों के बीच की बैठक कवर करने गए थे। इसी दौरान मोहाली पुलिस स्टेशन फेज-1 के दो सहायक सब इंस्पेक्टर (एएसआई) ने उनकी पिटाई कर दी।



पत्रकार मेजर सिंह पंजाबी की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया। यह घटना बीते शुक्रवार को दोपहर लगभग 1।30 बजे हुई। मेजर सिंह फिलहाल मोहाली के सिविल अस्पताल में भर्ती हैं।

मेजर सिंह ने कहा कि पत्रकार होने की जानकारी देने के बाद भी दोनों पुलिसकर्मी एक निजी वाहन में बैठाकर उन्हें मोहाली के फेज-1 पुलिस स्टेशन ले गए। उन्हें जिस वाहन में बैठाया गया उसकी नंबर प्लेट हरियाणा की थी।

उन्होंने बताया, ‘मेरे वाहन से उतरने से पहले ही एएसआई ओम प्रकाश ने डंडे से मेरी पिटाई करनी शुरू कर दी। दोनों मुझे घसीटकर लॉकअप में ले गए, जहां न सिर्फ मुझे प्रताड़ित किया गया बल्कि बेइज्जत भी किया गया। उन्होंने मेरी पगड़ी भी खोल दी। मैं बार-बार उन्हें कहता रहा कि मेरी पगड़ी को हाथ न लगाएं लेकिन उन्होंने मेरी नहीं सुनी। इतना ही नहीं उन्होंने मेरा कंघा (सिख धर्म के पांच प्रतीकों में से एक) भी फेंक दिया।’

मेजर सिंह ने कहा कि 22 मई की दोपहर को वह गुरुद्वारे में दो समूहों के बीच एक बैठक को कवर करने गए थे। उन्होंने कहा, ‘जब मैं वहां पहुंचा, मैंने देखा कि दोनों समूह के 20 से 25 लोग गुरुद्वारे के भीतर एक कमरे में बैठे हैं। कुछ मिनट बाद मैंने एएसआई ओम प्रकाश और अमरनाथ को देखा, जो जसपाल सिंह नामी को कमरे से बाहर ला रहे थे। पुलिस की इस हरकत को देखकर मैंने अपने मोबाइल फोन से इसे रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया और जसपाल से बात करने की कोशिश की।’

वह कहते हैं, ‘मैं इससे पहले कि कुछ कह पाऊं, जसपाल पुलिस के शिकंजे से बचकर भाग गया। हालांकि बाद में उसे पकड़ लिया गया लेकिन उसे वाहन में बैठाने से पहले वह एक बार फिर भाग गया, जिसके बाद उन्होंने मुझे गाली देनी शुरू कर दी और पुलिस थाने ले गए। अगर मोहाली फेज-1 के एसएचओ मंसूर सिंह मुझे बचाने नहीं आए होते तो मैं मर गया होता।’

मेजर सिंह ने कहा कि मोहाली पुलिस ने अभी इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की है। उन्होंने कहा कि मेरे बाएं पैर, दोनों बाजुओं और पीठ में गंभीर चोटें आई हैं। मोहाली के एसपी हरविंदर सिंह विर्क ने कहा कि दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है और विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

हालांकि, मेजर सिंह का कहना है कि पुलिस ने उनसे सब भुलाकर आगे बढ़ने को कहा है। उन्होंने कहा, ‘यह प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है और अगर एक पत्रकार सुरक्षित नहीं है तो कोई भी स्ट्रिंगर और आम आदमी की दशा की कल्पना कर सकता है। पुलिस को एफआईआर दर्ज करनी चाहिए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।’

मोहाली के उपायुक्त गिरिश दयालन ने कहा कि उन्होंने मोहाली के एसडीएम जगदीप सहगल को मामले की स्वतंत्र मजिस्ट्रेट जांच करने और तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

इस बीच चंडीगढ़ प्रेस क्लब और चंडीगढ़ पत्रकार संघ के अध्यक्ष बलविंदर सिंह और अन्य ने पत्रकार पर हमले की निंदा की और सख्त कदम उठाने की मांग की। वहीं एक अन्य मामले में पंजाब के एक मंत्री के ज्योतिष को लेकर रुझानों के बारे में लिखने पर एक पत्रकार के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। 22 मई को समाचार पत्र पंजाबी जागरण  के पत्रकार जय सिंह छिब्बर के खिलाफ चामकौर साहिब पुलिस ने मामला दर्ज किया।

पत्रकार ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि पंजाब के एक मंत्री ज्योतिषियों से सुझाव लेकर काम करते हैं। पुलिस ने आईपीसी की धारा 188 (लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा) और धारा 505 (शांतिभंग करने के उद्देश्य से जानबूझकर अफवाहें फैलाना) और आईटी एक्ट की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अश्लीलता फैलाना) के तहत छिब्बर के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

मालूम हो कि 22 मई को ही एक झगड़े को लेकर रिपोर्ट करने की वजह से ही जालंधर जिले के भोगपुर के पास कांग्रेस के एक सरपंच ने पीटीसी चैनल के रिपोर्टर हुसन लाल पर हमला कर दिया था।

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