नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार और किसान कार्यकर्ता पी साईनाथ ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना राफेल से भी बड़ा घोटाला है। उन्होंने महाराष्ट्र के कुछ जिलों का उदाहरण देते हुए बताया था कि किसान फसल बीमा योजना का लाभ सिर्फ प्राइवेट कंपनियों को मिल रहा है। अब रिपोर्ट आई है कि किसानों के फसल बीमा से जुड़ी 11 प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियां मार्च 2018 में खत्म होने वाले साल में 3 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के मुनाफे में हैं। वहीं, सरकारी इंश्योरेंस कंपनियां 4085 करोड़ रुपये के नुकसान में हैं। प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा सरकार से वसूला गया प्रीमियम किसानों द्वारा उनकी फसल के नुकसान के लिए किए गए क्लेम के मुकाबले ज्यादा है।
किसानों ने ये क्लेम बाढ़, भूकंप या बारिश की कमी से होने वाले फसल के नुकसान को लेकर किया है। इंश्योरेंस रेगुलेटरी ऐंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) की रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइवेट सेक्टर की 11 इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा करीब 11,905.89 करोड़ रुपये बतौर प्रीमियम वसूले गए, लेकिन उनसे बतौर क्लेम 8,831.78 करोड़ रुपये का ही दावा किया गया।
हीं, पीएसयू इंश्योरेंस कंपनियों ने सरकार और किसानों से बतौर प्रीमियम 13,411.1 करोड़ रुपये वसूले। हालांकि, किसानों ने फसलों के नुकसान के लिए 17,496.64 करोड़ रुपये का क्लेम लिया। पीएसयू कंपनियों में अग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (AIC) को बड़ा नुकसान हुआ।
बता दें कि केंद्र और राज्य सरकारें 98 प्रतिशत प्रीमियम चुकाती हैं, जबकि किसान दो पर्सेंट का भुगतान करते हैं। सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों के डेटा से पता चलता है कि किसानों द्वारा किए जाने वाले क्लेम की भरपाई के लिए उनके द्वारा वसूला गया प्रीमियम पर्याप्त नहीं है। सिर्फ AIC की बात करें तो इसने कुल 7,893 करोड़ रुपये बतौर प्रीमियम वसूले लेकिन उससे करीब 12,339 करोड़ रुपये का क्लेम लिया गया। IRDAI की डेटा में यह बात सामने आई है।
किसानों ने ये क्लेम बाढ़, भूकंप या बारिश की कमी से होने वाले फसल के नुकसान को लेकर किया है। इंश्योरेंस रेगुलेटरी ऐंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) की रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइवेट सेक्टर की 11 इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा करीब 11,905.89 करोड़ रुपये बतौर प्रीमियम वसूले गए, लेकिन उनसे बतौर क्लेम 8,831.78 करोड़ रुपये का ही दावा किया गया।
हीं, पीएसयू इंश्योरेंस कंपनियों ने सरकार और किसानों से बतौर प्रीमियम 13,411.1 करोड़ रुपये वसूले। हालांकि, किसानों ने फसलों के नुकसान के लिए 17,496.64 करोड़ रुपये का क्लेम लिया। पीएसयू कंपनियों में अग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (AIC) को बड़ा नुकसान हुआ।
बता दें कि केंद्र और राज्य सरकारें 98 प्रतिशत प्रीमियम चुकाती हैं, जबकि किसान दो पर्सेंट का भुगतान करते हैं। सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों के डेटा से पता चलता है कि किसानों द्वारा किए जाने वाले क्लेम की भरपाई के लिए उनके द्वारा वसूला गया प्रीमियम पर्याप्त नहीं है। सिर्फ AIC की बात करें तो इसने कुल 7,893 करोड़ रुपये बतौर प्रीमियम वसूले लेकिन उससे करीब 12,339 करोड़ रुपये का क्लेम लिया गया। IRDAI की डेटा में यह बात सामने आई है।