भारतीय ईसाई ने बनवाई मस्जिद और कराया 800 लोगों को इफ्तार, साबित किया कि “मानव धर्म सर्वोपरि”

Written by sabrang india | Published on: May 10, 2019
आज दुनिया में लगभग सभी तरफ धर्म-जात के नाम पर सांप्रदायिक हिंसा हो रही है। ऐसे में एक ईसाई धर्म के व्यक्ति ने अपने मुस्लिम कर्मचारियों के लिए मस्जिद बनवाने की खबर देकर अंगारे पर फूल गिरने का काम किया है। यूएई में एक भारतीय ईसाई ने मस्जिद बनवाकर रमजान के पावन महीने में करीब 800 कर्मियों को इफ्तार करा कर साबित कर दिया है कि मानवता का धर्म ही सभी धर्मों से ऊंचा है।

फुजैरा में मुस्लिम कर्मियों के लिए मस्जिद बनवाकर केरल के कायमकुल के रहने वाले साजी चेरियन ने सभी का दिल जीत लिया है। साजी चेरियन ने पिछले साल यह मस्जिद उस जगह पर बनवाई थी जहां उन्होंने 53 कंपनियों को किराए पर दिया है।

रमजान के दौरान अपने कर्मियों को टैक्सी पर कमाए हुए पैसे खर्च कर मस्जिद में जाकर इबादत करते हुए देखकर साजी चेरियन ने यह कदम उठाया है। मस्जिद का नाम मरियम उम्म ईसा मस्जिद रखा गया है।

साजी चेरियन के बारे में बताते हुए ‘गल्फ न्यूज’ ने लिखा है कि वर्ष 2003 में लगभग सौ दिरहम के साथ चेरियन यूएई पहुंचे थे। अब कई कंपनियों के करीब 800 कर्मियों एवं अधिकारियों को इफ्तार कराते हैं। ‘गल्फ न्यूज’ से साजी चेरियन ने कहा कि मस्जिद पिछले साल रमजान की 17वीं रात को खुली थी। इसलिए, मैं केवल शेष दिनों के लिए ही इफ्तार करवा पाया था। इस साल से मैं हर रोज ऐसा करूंगा। 

मस्जिद में इफ्तार करने वाले एक पाकिस्तानी बस चालक अब्दुल कायूम (63) ने कहा, ‘‘दुनिया को चेरियन जैसे लोगों की आवश्यकता है। यदि दुनिया में उनके जैसे लोग नहीं होंगे, तो दुनिया खत्म हो जाएगी। हम उनके लिए दुआ करते हैं।’’

चेरियन की कंपनियों में से एक कंपनी में भारतीय सहायक प्रबंधक के तौर पर नियुक्त वजास अब्दुल वाहिद ने बताया कि इलाके में 50 से अधिक कंपनियों के कर्मी रहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वरिष्ठ कर्मी एवं श्रमिक अलग अलग आवास में रहते हैं, लेकिन हम जब यहां आते हैं, तब हम बराबर होते हैं। हम साथ में नमाज पढ़ते हैं और इफ्तार करते हैं।’’   

सच में आज जब सांप्रदायिकता के नाम पर इंसानियत खत्म होती जा रही है ऐसे में मानवता की रक्षा के लिए साजी चेरियन जैसे लोगों की काफी जरूरत है। लोगों में ‘नहिं मानवात् श्रेष्ठतरं हि किंचित’ अर्थात संसार में मानव धर्म सबसे ऊंचा है- का ज्ञान खत्म ही हो गया है।  

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