वाराणसी। बीएचयू से अलग एम्स बनाए जाने की मांग पूरी न होने के विरोध में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. ओमशंकर ने रविवार को अनशन शुरू कर दिया। बीएचयू सिंहद्वार पर बैठे चिकित्सक ने एम्स की घोषणा होने तक अनशन जारी रखने का निर्णय लिया है। बीएचयू के सेवानिवृत्त आचार्यों, अधिवक्ताओं, राजनीतिक, सामाजिक संगठनों के लोगों ने भी इसे अपना समर्थन दिया है। चिकित्सक के मुताबिक बीएचयू से अलग एम्स का निर्माण दूर दराज से आने वाले मरीजों के हित में है।
आईएमएस के हृदय रोग विभाग में चिकित्सक डॉ. ओमशंकर लंबे समय से एम्स निर्माण को लेकर आंदोलनरत हैं। अब तक कई बार प्रधानमंत्री को पत्र भेजने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई तो रविवार से अनशन शुरू कर दिया।
डॉ. ओमशंकर ने बताया कि आईएमएस में एम्स जैसी सुविधा देने का वह विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन जरूरत के हिसाब से बीएचयू से अलग एम्स जरूरी है। वर्तमान में अगर सर सुंदरलाल अस्पताल की व्यवस्था पर नजर डालें तो मानक के अनुसार आईसीयू का बेड बहुत ही कम है, इसके अलावा विशेषज्ञों की कमी भी है।
इन मांगों पर अनशन
- काशी में बीएचयू से अलग हो एम्स की स्थापना
- यूपी में वादे के मुताबिक छह एम्स, 24 सुपर स्पेशियलिटी सेंटर की स्थापना
- छह करोड़ की जनसंख्या पर एक एम्स बनाए जाने की घोषणा
- केंद्र और राज्य के कुल बजट का 10 प्रतिशत हिस्सा स्वास्थ्य बजट के लिए आवंटित किया जाए
- सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों को एम्स की तर्ज पर विकसित करने की राष्ट्रीय नीति स्वीकृत किया जाए
आईएमएस के हृदय रोग विभाग में चिकित्सक डॉ. ओमशंकर लंबे समय से एम्स निर्माण को लेकर आंदोलनरत हैं। अब तक कई बार प्रधानमंत्री को पत्र भेजने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई तो रविवार से अनशन शुरू कर दिया।
डॉ. ओमशंकर ने बताया कि आईएमएस में एम्स जैसी सुविधा देने का वह विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन जरूरत के हिसाब से बीएचयू से अलग एम्स जरूरी है। वर्तमान में अगर सर सुंदरलाल अस्पताल की व्यवस्था पर नजर डालें तो मानक के अनुसार आईसीयू का बेड बहुत ही कम है, इसके अलावा विशेषज्ञों की कमी भी है।
इन मांगों पर अनशन
- काशी में बीएचयू से अलग हो एम्स की स्थापना
- यूपी में वादे के मुताबिक छह एम्स, 24 सुपर स्पेशियलिटी सेंटर की स्थापना
- छह करोड़ की जनसंख्या पर एक एम्स बनाए जाने की घोषणा
- केंद्र और राज्य के कुल बजट का 10 प्रतिशत हिस्सा स्वास्थ्य बजट के लिए आवंटित किया जाए
- सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों को एम्स की तर्ज पर विकसित करने की राष्ट्रीय नीति स्वीकृत किया जाए