हिंदू राष्ट्र से कल्याण नहीं होगा, हमें राम राज्य चाहिए: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

Written by sabrang india | Published on: May 26, 2023


नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही दूसरे समुदायों के प्रति हेट स्पीच की घटनाएं अभिव्यक्ति की आजादी के अंतर्गत आ गई लगती हैं। विभिन्न मंचों से हिंदू राष्ट्र की मांग हो रही है। इनमें भाजपा नेताओं के साथ ही कुछ एंकर और तथाकथित संत समुदाय भी आगे है। मामला अब हिंदू राष्ट्र से भी आगे जाकर राम राज्य तक पहुंच गया है। ज्योतिष पीठाधीश्वर ने हाल ही में बयान दिया है कि हिंदू राष्ट्र से हमारा कल्याण नहीं होगा हमें रामराज्य की आवश्यकता है।
 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि हिंदू राष्ट्र से हमारा कल्याण नहीं होगा हमें रामराज्य की आवश्यकता है। शंकराचार्य दो दिन के प्रवास पर गुरुवार को छिंदवाड़ा पहुंचे थे वहां उन्होंने मीडिया से भी चर्चा की। इस दौरान इन देश में हो रही हिंदू राष्ट्र की चर्चा के सवाल पर उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र से लोगों का हो रहा मोहभंग ही हिंदू राष्ट्र के मांग की प्रमुख वजह हो सकती है।उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र बनने से हिंदुओं की गोलबंदी होगी। शंकराचार्य छिंदवाड़ा में बड़ी माता मंदिर निर्माण की आधारशिला रखने के लिए पहुंचे हैं। 

दरअसल इस साल मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले छतरपुर के बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री लगातार हिंदू राष्ट्र की मांग कर रहे हैं। वो मध्य प्रदेश और उसके बाहर जगह-जगह जाकर भगवत कथा कह रहे हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा सुनने के लिए लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। उनकी कथा सुनने वालों और उसके आयोजकों में बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों के समर्थक शामिल रहते हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के अलावा भी कई और कथावाचक हैं, जो हिंदू राष्ट्र की मांग कर रहे हैं। हालांकि, अब धीरेंद्र शास्त्री के राजनीतिक मंसूबों को देखते हुए उनके कार्यक्रमों का विरोध भी शुरू हो चुका है। पहले महाराष्ट्र और अभी हाल ही में बिहार में उनके कार्यक्रम का राजनीतिक दलों ने विरोध किया था। 

अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ज्ञानवापी परिसर में किया था 108 घंटे तक अनशन
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने 4 जून 2022 को ज्ञानवापी परिसर में पूजा का ऐलान किया था। पुलिस प्रशासन की तरफ से रोके जाने के बाद वे 108 घंटे तक अनशन पर रहे। उसके बाद जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के कहने पर उन्होंने अनशन खत्म किया था।

हिंदू राष्ट्र की मांग के जरिए अल्पसंख्यकों का राक्षसीकरण
बता दें कि जितने भी लोग हिंदू राष्ट्र की मांग करने में जुटे हैं, वे श्रोताओं के सामने अल्पसंख्यक (खासकर मुस्लिम) विरोधी बयान जरूर देते हैं। अल्पसंख्यकों को सबसे बुरा बताकर वे एक ऐसे कल्पनालोक में लोगों को ले जाने का प्रयत्न करते हैं जो कि पूरी तरह से असंवैधानिक है। इन हिंदुत्ववादी संगठनों और लोगों ने जिहाद शब्द को भी एक तरह से बुरा साबित करने का भरसक प्रयत्न किया है बगैर यह जाने कि इसका अर्थ "नैतिक मूल्यों के संरक्षण के लिए किया जाने वाला संघर्ष" है। 

राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड के बाद अब महाराष्ट्र राज्य में भूमि जिहाद, लव जिहाद आदि शब्दों का प्रचलन जोर पकड़ रहा है। इस साल में महाराष्ट्र में चरम हिंदूवादी संगठनों के दो दर्जन से ज्यादा कार्यक्रम हो चुके हैं। चूंकि वहां भाजपा गठबंधन की सरकार है इसीलिए हेट स्पीकर अपने कार्यकलापों को बगैर कानून के भय के अंजाम देने में जुटे हैं। 

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