सीबीआई की वेबसाइट से गायब हुई हाथरस की एफआईआर

Written by sabrang india | Published on: October 12, 2020
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक 19 वर्षीय दलित युवती के साथ बर्बर गैंगरेप के बाद जब देशभर में हंगामा मचा तो केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानि सीबीआई ने जांच शुरू की। प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) मूल रूप से चंदपा पुलिस स्टेशन, हाथरस, उत्तर प्रदेश में दर्ज की गई थी। सीबीआई ने 11 अक्टूबर, 2020 को हत्या और गैंगरेप और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की। लेकिन यह एफआईआर रहस्यमय तरीके से सीबीआई की आधिकारिक वेबसाइट से केवल कुछ घंटे बाद गायब हो गई!



द मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार बढ़ते राजनीतिक तूफान के बीच 6 अक्टूबर से सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई जांच की सिफारिश कर रही है और कह रही है कि वह यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी निहित स्वार्थ के लिए एक झूठी कहानी बनाने में सक्षम न हो। 

केंद्र सरकार ने रविवार को एक अधिसूचना जारी कर बलात्कार, हत्या और अत्याचार की जांच करने के लिए निर्देश दिया।  सीबीआई के एक सूत्र ने द प्रिंट को बताया कि, "हाथरस का मामला अब सीबीआई की लखनऊ ज़ोन की गाजियाबाद शाखा द्वारा जांचा जाएगा" और "टीम फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ अपराध स्थल का दौरा करेगी। टीम अपराध को फिर से बनाएगी और नए सबूतों की तलाश करेगी। टीम आरोपियों के टावर लोकेशन, उनके कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स का भी विश्लेषण करेगी।

सीबीआई ने रविवार को आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 154 के तहत बलात्कार से संबंधित अपराधों, हत्या का प्रयास, सामूहिक बलात्कार, भारतीय दंड संहिता की हत्या और एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3 के तहत प्राथमिकी अपने आधिकारिक वेबसाइट पर पब्लिश की लेकिन कुछ ही घंटों के बाद इसे हटा दिया। 


हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक दोपहर के बाद एक रिलीज पोस्ट की गई थी जिसमें कहा गया था कि एजेंसी ने एक आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया और मामले की जांच को संभाला, इससे पहले पुलिस स्टेशन चंदपा, जिला-हाथरस (उत्तर प्रदेश) में एक शिकायत पर सीसी नं-136/2020 दर्ज की गई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि 14.09.2020 को आरोपी ने उसकी बहन का बाजरा के खेत में गला घोंटने की कोशिश की। उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार से और अधिसूचना के अनुरोध पर सीबीआई द्वारा मामला दर्ज किया गया है।

19 वर्षीय दलित युवती का चार उच्च जाति के आरोपियों के द्वारा कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया गया था और उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी, 29 सितंबर, 2020 को दिल्ली के एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई। इसके बाद प्रशासन ने परिवार की सहमति के बिना देर रात पीड़ित के शव का अंतिम संस्कार कर दिया, जिसको लेकर देशभर में लोगों ने बड़े पैमाने पर आक्रोश जताया और इस घटना की निंदा हुई।

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