ओलंपिक में महिला हॉकी टीम की हार पर वंदना कटारिया के घर के सामने नाचे सवर्ण युवक, जातिगत टिप्पणी की

Written by Sabrangindia Staff | Published on: August 5, 2021
भारत में जातिवाद की जड़ें कितनी गहरी हैं उसके उदाहरण आए दिन सामने आते रहते हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक 9 साल की दलित बच्ची को श्मशान में एक लड़की को कथित तौर पर रेप के बाद मार डाला गया। यह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि जातिवाद का एक और मामला सामने आया है। कथित ऊंची जाति के (सवर्ण) युवकों ने टोक्यो ओलंपिक में हॉकीटीम की अहम प्लेयर वंदना कटारिया के घर के बाहर जातिसूचक टिप्पणियां कीं। 


Image Credit- Sportskeeda

मामला टोक्यो ओलिंपिक में महिला हॉकी के सेमीफाइनल मुकाबले में अर्जेंटीना के हाथों भारतीय हॉकी टीम की हार के बाद का है। भारतीय हॉकी टीम की खिलाड़ी वंदना कटारिया के घर के बाहर पटाखे फोड़े गए और जातिगत टिप्पणी की गई। जाति का मामला इतना गहरा है कि जब भी कोई खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करता है तो लोग उसकी जाति सर्च करने में जुट जाते हैं। इससे पहले क्वार्टर फाइनल में वंदना कटारिया ने ओलंपिक में हैट्रिक लगाने का कारनामा कर दिखाया था, इसके साथ ही वे भारत की इकलौती महिला खिलाड़ी बन गई थीं लेकिन जातिवादी अपनी कुंठा निकालने की फिराक में तैयार बैठे थे जिसे उन्होंने टीम इंडिया की हार पर निकाल दिया।    

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आरोपियों ने कहा कि 'कई सारे दलित खिलाड़ियों की वजह' से हार मिली।' हरिद्वार के रोशनाबाद गांव में फॉरवर्ड प्लेयर वंदना कटारिया के घर पर यह घटना हुई। उनके भाई शेखर ने मीडिया को बताया कि 'टीम की हार से हम सभी दुखी थे। लेकिन इस बात का गर्व है कि लड़ते हुए हार मिली। मैच के थोड़े ही देर के बाद घर के बाहर पटाखों का शोर सुनाई दिया। बाहर जाकर देखा तो गांव के ही उच्च जाति के दो युवक नाच रहे थे।'

वंदना के भाई शेखर की तरफ से पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार परिवार के लोग बाहर निकले तो पटाखे जलाकर डांस कर रहे युवकों ने जातिगत टिप्पणी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि टीम में कई दलित खिलाड़ियों की वजह से ही हार मिली है। आरोपियों ने कहा कि केवल हॉकी ही नहीं, बल्कि हर एक खेल से दलितों को दूर रखना चाहिए। एफआईआर के अनुसार आरोपियों ने परिवार के सदस्यों का अपमान किया और शर्ट उतारकर नाचने लगे। सिडकुल थाने के एसएचओ एल. एस. बुटोला ने बताया कि शिकायत के आधार पर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में जांच जारी है।

भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने इस घटना के बाद भारतीय महिला टीम को कांस्य पदक जीतने की बधाई देते हुए कहा कि भारत की हार पर पटाखे जलाकर जश्न मनाने वालों के खिलाफ उत्तराखंड सरकार राष्ट्रद्रोह और SC/ST एक्ट के तहत मुक़दमा क़ायम करे। अगर सरकार हमारे परिवार को सुरक्षा देने में असफल रहती है तो भीम आर्मी और ASP उत्तराखंड की टीम परिवार की सुरक्षा करेगी।



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