EVM को सबके सामने हैक करके दिखाएंगे अमेरिकी एक्सपर्ट

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 21, 2019
क्या वाकई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन या ईवीएम को हैक किया जा सकता है? इस साल लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में इस सवाल की अहमियत ज्यादा बढ़ जाती है। पिछले काफी समय से ईवीएम की साख पर सवाल उठते रहे हैं। आज हमें इस सवाल का सटीक जवाब मिल सकता है। भारत में इस्तेमाल किए गए ईवीएम को डिजाइन करने वाले अमेरिका के एक साइबर एक्सपर्ट का दावा है कि वो दिखा सकते हैं कि इन मशीनों को हैक किया जा सकता है। सोमवार यानी 21 जनवरी 2019 को लंदन में वह एक प्रेजेंटेशन देंगे, जिसमें वह दिखाएंगे कि ऐसा कैसे किया जा सकता है। माना जा रहा है कि इस प्रजेंटेशन में वे उस ईवीएम को हैक करके दिखाएंगे, जिनका इस्तेमाल हाल के चुनावों में किया गया है।


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूरोप में मौजूद इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन (IJA) की ओर से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें एक अमेरिकी साइबर एक्सपर्ट को बुलाया गया है। गौरतलब है कि बीते कई चुनावों में राजनीतिक दलों ने ईवीएम के हैक होने के आरोप लगाए हैं, हालांकि चुनाव आयोग (EC) ने लगातार इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है।

गौरतलब है कि 2004 के बाद से ही भारत में चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल तेजी से हो रहा है। 2014 के चुनाव के बाद कई विपक्षी दलों ने बीजेपी पर ईवीएम में धांधली करने का आरोप लगाया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में अब सिर्फ तीन महीने ही बचे हैं, रिपोर्ट्स की मानें तो चुनाव आयोग मार्च महीने की शुरुआत में चुनाव की तारीखों को ऐलान कर सकता है।

विपक्ष ने बनाई समिति
आपको बता दें कि हाल ही में कोलकाता में हुई विपक्षी दलों की महारैली के बाद नेताओं ने ईवीएम की सुरक्षा के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। विपक्षी पार्टियों की ओर से एक समिति का गठन किया गया है, जो ईवीएम की सत्यता पर मंथन करेगी और इसके बारे में चुनाव आयोग को अपनी शंकाओं से अवगत कराएगी।

विपक्ष की इस समिति में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी, बहुजन समाज पार्टी नेता सतीश चंद्र मिश्र और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शामिल हैं। इस मुद्दे को लेकर ये लोग जल्द ही चुनाव आयोग से मुलाकात भी कर सकते हैं।

चुनाव आयोग ने जून 2017 में एक हैकथॉन भी आयोजित किया था, जहां ईवीएम पर संदेह जताने वालों को चुनौती दी गई कि वे मशीन को हैक करके दिखाएं। लेकिन इसमें केवल दो दलों- एनसीपी और सीपीएम ने भाग लिया। कोई भी ये चुनौती पूरी नहीं कर पाया।

AAP विधायक सौरभ भारद्वाज ने दावा किया था कि ईवीएम के मदरबोर्ड को बदलकर और एक कोड का इस्तेमाल कर वोटों को बदलने के लिए उसमें हेरफेर किया जा सकता है। उन्होंने एक प्रोटोटाइप के साथ इसे दिखाया भी था। चुनाव आयोग ने उनके दावों को खारिज कर दिया था।

 

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