तेलंगाना स्टेट बोर्ड ऑफ़ इंटरमीडिएट एजुकेशन (TSBIE) के ग्यारहवीं एवं बारहवीं के परिणाम आने के बाद दो हफ्तों में 19 छात्रों ने आत्महत्या कर ली है। बोर्ड ने 18 अप्रैल गुरुवार को परीक्षा परिणाम प्रकाशित किया था। द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार बीते 24 घण्टों में 24-25 अप्रैल के बीच तीन छात्रों ने आत्महत्या कर ली है।
परिणाम प्रकाशित होने के साथ ही छात्र एवं अभिभावकों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। उनका आरोप है कि रिजल्ट सही नहीं है, इसमें लापरवाही बरती गई है। द न्यूज़ मिनट के अनुसार, "विद्याथियों ने रिजल्ट आते ही उसमें गलतियां खोज ली थीं, उनमें से कुछ को पहले के मूल्यांकन में अव्वल आने के बाद भी बहुत ही कम अंक प्राप्त हुए हैं"। वहीं ANI को छात्रों ने बताया कि परीक्षा देने के बाद भी रिजल्ट में उन्हें अनुपस्थित बताया गया है। कुछ मामलों में विद्याथियों को एक तरफ कुछ विषयों में उत्तीर्ण अंक मिला है तो दूसरी ओर अन्य एक- दो विषय में उन्हें फेल कर दिया गया है। साथ ही कुछ बच्चों ने प्रथम वर्ष अच्छे अंक प्राप्त किये थे परन्तु द्वितीय वर्ष उन्हें बहुत कम अंक मिले हैं।
ANI से बात करते हुए मोहम्मद अब्दुल मोहसिन ने कहा, "मेरा बच्चा बहुत ही होनहार है पर वो फेल हो गया है। जाँच प्रक्रिया में त्रुटि है, हमें हमारे बच्चों के लिए न्याय चाहिए।" वहीं एक छात्र निज़ाम ने कहा, "मुझे प्रथम वर्ष 90% अंक मिले थे और इस वर्ष सिर्फ 60% मिले हैं। इतने कम अंक के कारण मुझे किसी भी अच्छे कॉलेज में दाखिला नहीं मिलेगा। मेरा अनुरोध है कि बिना किसी शुल्क के मेरी कॉपी पुनः जाँची जायें"।
गणित में फेल होने के बाद नारायण कॉलेज के एक छात्र जी. नागेन्द्र ने आत्महत्या कर ली। द इंडियन एक्सप्रेस को उसके पिता जी. विवेकानंद ने बताया, "मुझे विश्वास ही नहीं होता कि नागेन्द्र गणित में फेल हो जायेगा, वो उसका सबसे प्रिय विषय था। रिजल्ट आने के बाद वो मायूस हो गया था और खाना पीना भी छोड़ दिया था। पर हमने नहीं सोचा था कि वो अपनी जान दे देगा"।
तेलंगाना पेरेंट्स एसोसिएशन के प्रमुख एन. नारायण ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि तकनीकी खराबी के कारण जाँच प्रक्रिया में गड़बड़ी आई है जिसके कारण उत्तीर्ण छात्रों को 5 या 10 अंक मिले हैं, या परीक्षा देने के बाद भी रिजल्ट में अनुपस्थित दिखाया है। उन्होंने कहा, "ग्लोबरेना टेक्नोलॉजी द्वारा दिए सॉफ्टवेयर में तकनीकी खराबी थी जिसे रिजल्ट निकलने पर कंपनी ने स्वीकार करते हुए कहा था कि तकनीकी खराबी ठीक कर दी गई है। फिलहाल अब यह बात साफ है कि रिजल्ट में बहुत गलतियां हैं जिसके कारण फेल छात्र निराश होकर आत्महत्या कर रहे हैं।"
विष्णुवर्धन रेड्डी एक अभिभावक हैं उनका कहना है, "प्रथम वर्ष 90% लाने वाला छात्र द्वितीय वर्ष कम अंक लाए तो हम समझ सकते हैं पर फेल हो जाना हमारी समझ से परे है।"
तेलंगाना के मानचेरिअल जिले की नव्या ने बताया कि प्रथम वर्ष में 98 अंक से उत्तीर्ण होने के बाद भी तेलुगू विषय में उन्हें शून्य मिला था। बाद में तेलुगू अखबार द्वारा मामले पर प्रकाश डाला गया तो पुनः जाँच कर उन्हें 99 अंक दिये गए।
द इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि इस वाकये के बाद बुधवार 24 अप्रैल को प्रदर्शन को नया बल मिला है। नारायण ने कहा "नव्या के मामले ने उनके संदेह को और पक्का कर दिया है। गलती के कारण विद्याथियों को कम अंक मिले और वो फेल हो गए हैं। इस मामले में सरकार को उचित कदम उठाना चाहिए"।
ANI के अनुसार- सोमवार को कांग्रेस ने मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव को TSBIE के सचिव को उनकी गैरज़िम्मेदाना हरकत के लिए निलंबित करने की माँग की। साथ ही जिन घरों के बच्चो ने आत्महत्या की उन्हें 25 लाख का मुआवज़ा देने की मांग की।
इंडिया टुडे ने मुताबिक- नामपल्ली में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कुछ सदस्यों ने BIE के कार्यालय के बाहर धरना भी दिया था। साथ ही तेलंगाना पेरेंट्स एसोसिएशन ने मंगलवार को हाई कोर्ट में TSBIE द्वारा फेल हुए छात्रों की कॉपियां पुनः जाँच करने हेतु पीआईएल दायर की। बातचीत के बाद तेलंगाना के शिक्षा विभाग ने कहा कि पुनः जाँच में लगभग दो माह का समय लगेगा। ग्लोबरेना कंपनी के सॉफ्टवेयर में तकनीकी खराबी थी या नहीं इसकी जाँच कराने के लिए जाँच कमिटी बनाई गई।
कई दिनों से हो रहे प्रदर्शन के बाद आखिरकार बुधवार 24 अप्रैल को KCR द्वारा बैठक बुलाई गई। राज्य के शिक्षा मंत्री जी. जगदीश रेड्डी और शिक्षा सचीव बी. जनार्धन रेड्डी बैठक में शामिल थे। तेलंगाना के सीएमओ ने बयान जारी किया कि KCR ने अफसरों को फ़ेल हुए छात्रों की कॉपियां की पुनः निःशुल्क जाँच कराने का आदेश दे दिया है। द न्यूज़ मिनट की रिपोर्ट के अनुसार, 9.74 लाख छात्रों ने परीक्षा में हिस्सा लिया था जिनमें से 3.28 लाख फेल हुए हैं। साथ ही KCR ने परीक्षा कराने वाली एजेंसी के चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा- कॉन्ट्रैक्ट देने से पहले सभी नियमों का पालन करते हुए विशेषज्ञों द्वारा इनका मूल्यांकन किया जाता है।
कांग्रेस के प्रवक्ता श्रवण दासोजु ने TSBIE पर नियमों के उल्लंघन का आरोप भी लगाया है। एक अफसर ने बताया कि "2015 में कैकनाडा के JNTU परीक्षा को ग्लोबरेना सफलतापूर्वक नहीं करा पाई थी जिसके कारण लाखों विद्याथियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। इसके बाद भी तेलांगना सरकार ने ऐसी कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दिया। जिसके बाद उन्होंने इतना बेकार और निन्दनीय काम किया है कि 18 छात्रों ने आत्महत्या कर ली।
ग्लोबरेना टेक्नोलॉजी के CEO, वीएसएन राजू ने कहा " हमने टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से ये कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया है। हमारे साथ दो अन्य कंपनी भी थीं। हमारा प्रदर्शन सबसे बेहतर था और हमने T-1 अंक प्राप्त किया था। द न्यूज़ मिनट के इस बात पर ज़ोर देने पर कि CEO राजू राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री कादिराम श्रीहरी राजू के करीबी हैं। उन्होंने कहा- "किसी के माध्यम से हमें यह कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिला था।" साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी दो दशक से काम कर रही है और 26 बोर्ड एवं विश्वविद्यालयों का कार्य भी किया है। हमने कोई भी बड़ी गलती नहीं की है, कुछ छोटी खराबी थीं जिसे ठीक कर दिया गया था"।
परिणाम प्रकाशित होने के साथ ही छात्र एवं अभिभावकों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। उनका आरोप है कि रिजल्ट सही नहीं है, इसमें लापरवाही बरती गई है। द न्यूज़ मिनट के अनुसार, "विद्याथियों ने रिजल्ट आते ही उसमें गलतियां खोज ली थीं, उनमें से कुछ को पहले के मूल्यांकन में अव्वल आने के बाद भी बहुत ही कम अंक प्राप्त हुए हैं"। वहीं ANI को छात्रों ने बताया कि परीक्षा देने के बाद भी रिजल्ट में उन्हें अनुपस्थित बताया गया है। कुछ मामलों में विद्याथियों को एक तरफ कुछ विषयों में उत्तीर्ण अंक मिला है तो दूसरी ओर अन्य एक- दो विषय में उन्हें फेल कर दिया गया है। साथ ही कुछ बच्चों ने प्रथम वर्ष अच्छे अंक प्राप्त किये थे परन्तु द्वितीय वर्ष उन्हें बहुत कम अंक मिले हैं।
ANI से बात करते हुए मोहम्मद अब्दुल मोहसिन ने कहा, "मेरा बच्चा बहुत ही होनहार है पर वो फेल हो गया है। जाँच प्रक्रिया में त्रुटि है, हमें हमारे बच्चों के लिए न्याय चाहिए।" वहीं एक छात्र निज़ाम ने कहा, "मुझे प्रथम वर्ष 90% अंक मिले थे और इस वर्ष सिर्फ 60% मिले हैं। इतने कम अंक के कारण मुझे किसी भी अच्छे कॉलेज में दाखिला नहीं मिलेगा। मेरा अनुरोध है कि बिना किसी शुल्क के मेरी कॉपी पुनः जाँची जायें"।
गणित में फेल होने के बाद नारायण कॉलेज के एक छात्र जी. नागेन्द्र ने आत्महत्या कर ली। द इंडियन एक्सप्रेस को उसके पिता जी. विवेकानंद ने बताया, "मुझे विश्वास ही नहीं होता कि नागेन्द्र गणित में फेल हो जायेगा, वो उसका सबसे प्रिय विषय था। रिजल्ट आने के बाद वो मायूस हो गया था और खाना पीना भी छोड़ दिया था। पर हमने नहीं सोचा था कि वो अपनी जान दे देगा"।
तेलंगाना पेरेंट्स एसोसिएशन के प्रमुख एन. नारायण ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि तकनीकी खराबी के कारण जाँच प्रक्रिया में गड़बड़ी आई है जिसके कारण उत्तीर्ण छात्रों को 5 या 10 अंक मिले हैं, या परीक्षा देने के बाद भी रिजल्ट में अनुपस्थित दिखाया है। उन्होंने कहा, "ग्लोबरेना टेक्नोलॉजी द्वारा दिए सॉफ्टवेयर में तकनीकी खराबी थी जिसे रिजल्ट निकलने पर कंपनी ने स्वीकार करते हुए कहा था कि तकनीकी खराबी ठीक कर दी गई है। फिलहाल अब यह बात साफ है कि रिजल्ट में बहुत गलतियां हैं जिसके कारण फेल छात्र निराश होकर आत्महत्या कर रहे हैं।"
विष्णुवर्धन रेड्डी एक अभिभावक हैं उनका कहना है, "प्रथम वर्ष 90% लाने वाला छात्र द्वितीय वर्ष कम अंक लाए तो हम समझ सकते हैं पर फेल हो जाना हमारी समझ से परे है।"
तेलंगाना के मानचेरिअल जिले की नव्या ने बताया कि प्रथम वर्ष में 98 अंक से उत्तीर्ण होने के बाद भी तेलुगू विषय में उन्हें शून्य मिला था। बाद में तेलुगू अखबार द्वारा मामले पर प्रकाश डाला गया तो पुनः जाँच कर उन्हें 99 अंक दिये गए।
द इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि इस वाकये के बाद बुधवार 24 अप्रैल को प्रदर्शन को नया बल मिला है। नारायण ने कहा "नव्या के मामले ने उनके संदेह को और पक्का कर दिया है। गलती के कारण विद्याथियों को कम अंक मिले और वो फेल हो गए हैं। इस मामले में सरकार को उचित कदम उठाना चाहिए"।
ANI के अनुसार- सोमवार को कांग्रेस ने मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव को TSBIE के सचिव को उनकी गैरज़िम्मेदाना हरकत के लिए निलंबित करने की माँग की। साथ ही जिन घरों के बच्चो ने आत्महत्या की उन्हें 25 लाख का मुआवज़ा देने की मांग की।
इंडिया टुडे ने मुताबिक- नामपल्ली में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कुछ सदस्यों ने BIE के कार्यालय के बाहर धरना भी दिया था। साथ ही तेलंगाना पेरेंट्स एसोसिएशन ने मंगलवार को हाई कोर्ट में TSBIE द्वारा फेल हुए छात्रों की कॉपियां पुनः जाँच करने हेतु पीआईएल दायर की। बातचीत के बाद तेलंगाना के शिक्षा विभाग ने कहा कि पुनः जाँच में लगभग दो माह का समय लगेगा। ग्लोबरेना कंपनी के सॉफ्टवेयर में तकनीकी खराबी थी या नहीं इसकी जाँच कराने के लिए जाँच कमिटी बनाई गई।
कई दिनों से हो रहे प्रदर्शन के बाद आखिरकार बुधवार 24 अप्रैल को KCR द्वारा बैठक बुलाई गई। राज्य के शिक्षा मंत्री जी. जगदीश रेड्डी और शिक्षा सचीव बी. जनार्धन रेड्डी बैठक में शामिल थे। तेलंगाना के सीएमओ ने बयान जारी किया कि KCR ने अफसरों को फ़ेल हुए छात्रों की कॉपियां की पुनः निःशुल्क जाँच कराने का आदेश दे दिया है। द न्यूज़ मिनट की रिपोर्ट के अनुसार, 9.74 लाख छात्रों ने परीक्षा में हिस्सा लिया था जिनमें से 3.28 लाख फेल हुए हैं। साथ ही KCR ने परीक्षा कराने वाली एजेंसी के चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा- कॉन्ट्रैक्ट देने से पहले सभी नियमों का पालन करते हुए विशेषज्ञों द्वारा इनका मूल्यांकन किया जाता है।
कांग्रेस के प्रवक्ता श्रवण दासोजु ने TSBIE पर नियमों के उल्लंघन का आरोप भी लगाया है। एक अफसर ने बताया कि "2015 में कैकनाडा के JNTU परीक्षा को ग्लोबरेना सफलतापूर्वक नहीं करा पाई थी जिसके कारण लाखों विद्याथियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। इसके बाद भी तेलांगना सरकार ने ऐसी कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दिया। जिसके बाद उन्होंने इतना बेकार और निन्दनीय काम किया है कि 18 छात्रों ने आत्महत्या कर ली।
ग्लोबरेना टेक्नोलॉजी के CEO, वीएसएन राजू ने कहा " हमने टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से ये कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया है। हमारे साथ दो अन्य कंपनी भी थीं। हमारा प्रदर्शन सबसे बेहतर था और हमने T-1 अंक प्राप्त किया था। द न्यूज़ मिनट के इस बात पर ज़ोर देने पर कि CEO राजू राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री कादिराम श्रीहरी राजू के करीबी हैं। उन्होंने कहा- "किसी के माध्यम से हमें यह कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिला था।" साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी दो दशक से काम कर रही है और 26 बोर्ड एवं विश्वविद्यालयों का कार्य भी किया है। हमने कोई भी बड़ी गलती नहीं की है, कुछ छोटी खराबी थीं जिसे ठीक कर दिया गया था"।