देवरिया में मुजफ्फरपुर जैसा मामलाः आखिर कहां हैं 18 लड़कियां?

Written by Sabrangindia Staff | Published on: August 8, 2018
उत्तर प्रदेश के देवरिया से मुजफ्फरपुर जैसा सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक शेल्टर होम को भले ही सोमवार की देर रात सील कर दिया गया लेकिन 15 से 18 लड़किया अब भी कहां गायब हैं, इसका अब तक कोई सुराग नहीं मिला है. इस मामले में शेल्टर होम की संचालिका पत्नी और उनके पति को गिरफ्तार किया जा चुका है.



कानून की हर तरह से धज्जियां उड़ाते हुये साल 2017 में लाइसेंस रद्द होने और सीबीआई की जांच में गड़बड़ी के बावजूद भी ये शेल्टर होम अवैध तरीके से चल रहा था. मां विन्ध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं सामाजिक सेवा संस्थान के नाम से चल रहे इस शेल्टर में अनियमितताओं को लेकर सीबीआई जांच चल रही थी और आर्थिक अनुदान बंद कर दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद संचालिका हाईकोर्ट का धौंस दिखाकर संस्था को चला रही थी. 

वहीं इस मामले पर डीपीओ देवरिया का कहना है कि मां विन्ध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं सामाजिक सेवा संस्थान के खिलाफ अनिमियता पाई गई थी. उसके आधार पर इनकी मान्यता स्थगित कर दी गई थी. शासन से एक आदेश हुआ था कि सभी बच्चों को यहां से ट्रांसफर किया जाये, लेकिन बच्चों को जबरदस्ती अवैध तरीके से यहां रखा गया था.

सोमवार की सुबह जब यहां से एक लड़की किसी तरह भागकर महिला थाने पहुंची तो उसकी आपबीती सुनकर सभी चौंक गए. महिला थाने पहुंच कर लड़की ने अपनी आप बीती सुनाई. इसके तुरंत बाद महिला थाना के एसओ ने तत्काल एसपी को इसकी सूचना दी. एसपी रोहन पी कनय हरकत में आए और पुलिस फोर्स भेजकर मां विन्ध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं सामाजिक सेवा संस्थान पर छापेमारी करवाई. जिसमें 42 लड़कियों में से 24 लड़कियों को वहां से छुड़ा लिया गया और संस्था की संचालिका, उसके पति और बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया. 

महिला थाने पहुंची लड़की  ने कहा कि संस्था में एक दीदी हैं. उन्हें बड़ी मैम रात को कहीं भेजती थीं. कभी लाल गाड़ी तो कभी काली गाड़ी आती थी उनको ले जाने और जब दीदी सुबह में आती तो सिर्फ रोती थीं. कुछ भी पूछने पर बताती नहीं थी. हम लोगों से झाड़ू पोछा करवाया जाता था. सवाल इस बात का भी आखिर इन गाड़ियों में बैठाकर उस पीड़िता को कहां भेजा जाता था.

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