लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार में जेल मंत्री जयकुमार जैकी ने अजीब बयान दिया है। जयकुमार जैकी ने सीतापुर में कहा है कि समाज में पढ़े लिखे लोग माहौल खराब करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एक नेता का पढ़ा लिखा होना जरूरी नहीं है। बड़ी बात यह है कि जयकुमार जैकी ने ये बयान तब दिया, जब वह एक कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित कर रहे थे।

कारागार राज्य मंत्री जयकुमार जैकी ने छात्रों को समझाया कि पढ़ने लिखने से कुछ नहीं होता। पढ़े लिखे गुलामी करते हैं। आईएएस और आईपीएस जैसे अधिकारी के बीच में बैठता हूं। नेता पढ़े लिखे नहीं होते। फिर भी हम पढ़े लिखे लोगों को चलाते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘’नेता का पढ़ा लिखा होना जरूरी नहीं हैय मेरे पास निजी सचिव है, विभागाध्यक्ष हैं।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘’जेल मुझे नहीं चलानी है, जेल तो जेल अधीक्षक को चलानी होती है। मेरा काम ये है कि जेल में प्रबंध अच्छा होना चाहिए। नेता को ज्ञान और डिग्री से कोई मतलब नहीं है। अगर मैने कहा है कि आईटीआई बनना है तो ये काम इंजीनियर का है। वो कैसे बनेगा ये उसको देखना है। मेरा काम सिर्फ उसकी व्यवस्था देखना है। पढ़े लिखे लोग समाज में गलत माहौल पैदा कर रहे हैं।’’
बता दें कि बीजेपी सत्ता का विरोध करने वाले बुद्धिजीवियों पर तमाम तरह से अंकुश लगाने के लिए कुख्यात रही है। इसमें चाहे भीमा कोरेगांव का मामला हो या नागरिकता एक्ट का विरोध। सत्ताधारी पार्टी को पढ़े लिखे लोग सवाल करते समय एक आंख नहीं भाते इसका नजारा आए दिन देखने को मिलता है। इसी कड़ी में योगी के मंत्री का यह बयान पार्टी की विचारधारा और मंशा की पोल खोल रहा है।

कारागार राज्य मंत्री जयकुमार जैकी ने छात्रों को समझाया कि पढ़ने लिखने से कुछ नहीं होता। पढ़े लिखे गुलामी करते हैं। आईएएस और आईपीएस जैसे अधिकारी के बीच में बैठता हूं। नेता पढ़े लिखे नहीं होते। फिर भी हम पढ़े लिखे लोगों को चलाते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘’नेता का पढ़ा लिखा होना जरूरी नहीं हैय मेरे पास निजी सचिव है, विभागाध्यक्ष हैं।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘’जेल मुझे नहीं चलानी है, जेल तो जेल अधीक्षक को चलानी होती है। मेरा काम ये है कि जेल में प्रबंध अच्छा होना चाहिए। नेता को ज्ञान और डिग्री से कोई मतलब नहीं है। अगर मैने कहा है कि आईटीआई बनना है तो ये काम इंजीनियर का है। वो कैसे बनेगा ये उसको देखना है। मेरा काम सिर्फ उसकी व्यवस्था देखना है। पढ़े लिखे लोग समाज में गलत माहौल पैदा कर रहे हैं।’’
बता दें कि बीजेपी सत्ता का विरोध करने वाले बुद्धिजीवियों पर तमाम तरह से अंकुश लगाने के लिए कुख्यात रही है। इसमें चाहे भीमा कोरेगांव का मामला हो या नागरिकता एक्ट का विरोध। सत्ताधारी पार्टी को पढ़े लिखे लोग सवाल करते समय एक आंख नहीं भाते इसका नजारा आए दिन देखने को मिलता है। इसी कड़ी में योगी के मंत्री का यह बयान पार्टी की विचारधारा और मंशा की पोल खोल रहा है।