असम। चुनाव आयोग ने असम बीजेपी नेता हेमंत बिस्व सरमा पर 48 घंटे के लिए चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी है। इसे लेकर विपक्ष ने चुनाव आयोग और मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है, वे असम, केरल, बंगाल, तमिलनाडु में चुनाव प्रभावित करना चाहते हैं। लेकिन वो इस षड्यंत्र में कामयाब नहीं होंगे है। हेमंत बिस्वा सरमा को असम और पूरे उत्तर पूर्व में 48 घंटे का बैन यह साबित करता है कि बीजेपी चुनाव हार चुकी है।
उन्होंने आगे कहा कि हम चुनाव आयोग से आग्रह करते हैं कि वो सारे इश्तेहार जो दुर्भावनापूर्ण असम के अखबारों में दिए गए थे उसमें अखबारों को तो नोटिस दिया है लेकिन इश्तेहार में जिस-जिस का चेहरा है वो चाहे मोदी जी,अमित शाह या सर्बानंद जी हो उन पर भी इस तरह का बैन लगे ताकि निष्पक्ष चुनाव हो।
बता दें कि बता दें कि असम में गुरुवार को दूसरे चरण का मतदान के दौरान भाजपा की चिंता बढ़ाने वाली यह खबर सामने आई थी। दरअसल, चुनाव आयोग ने असम सरकार में मंत्री और भाजपा नेता हेमंत बिस्वा सरमा को नोटिस जारी किया था। इस नोटिस में विपक्षी दल बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के नेता हग्रामा मोहिलरी के खिलाफ कथित तौर पर धमकाने वाली टिप्पणियां करने के आरोप में आयोग ने शुक्रवार शाम पांच बजे तक जवाब तलब किया था।
चुनाव आयोग के आदेश के अनुसार, आयोग हेमंत बिस्वा सरमा के बयानों की कड़ी निंदा करता है। आयोग दो अप्रैल (शुक्रवार) को तत्काल प्रभाव से 48 घंटे के लिए उनके कोई सार्वजनिक सभा करने, सार्वजनिक जुलूस निकालने, रैलियां करने, रोड शो, साक्षात्कार देने और मीडिया में सार्वजनिक बयान देने पर रोक लगाता है।
कांग्रेस ने आयोग से सरमा के बयान को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। सरमा ने कहा था कि अगर मोहिलारी विद्रोही नेता एम बाथा के साथ उग्रवाद को बढ़ावा देते हैं तो केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए के माध्यम से उन्हें जेल भेजा जाएगा। बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट असम में कांग्रेस का सहयोगी दल है। पहले यह दल भाजपा के साथ था।
असम में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान कराए जा रहे हैं। राज्य में दो चरण के मतदान हो चुके हैं और 40 सीटों पर तीसरे और अंतिम चरण का मतदान 6 अप्रैल को होना है। 27 मार्च को पहले चरण के चुनाव में 47 सीटों के लिए करीब 79.97 फीसदी मतदाताओं ने वोट दिया। चुनाव के नतीजे 2 मई को आएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि हम चुनाव आयोग से आग्रह करते हैं कि वो सारे इश्तेहार जो दुर्भावनापूर्ण असम के अखबारों में दिए गए थे उसमें अखबारों को तो नोटिस दिया है लेकिन इश्तेहार में जिस-जिस का चेहरा है वो चाहे मोदी जी,अमित शाह या सर्बानंद जी हो उन पर भी इस तरह का बैन लगे ताकि निष्पक्ष चुनाव हो।
बता दें कि बता दें कि असम में गुरुवार को दूसरे चरण का मतदान के दौरान भाजपा की चिंता बढ़ाने वाली यह खबर सामने आई थी। दरअसल, चुनाव आयोग ने असम सरकार में मंत्री और भाजपा नेता हेमंत बिस्वा सरमा को नोटिस जारी किया था। इस नोटिस में विपक्षी दल बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के नेता हग्रामा मोहिलरी के खिलाफ कथित तौर पर धमकाने वाली टिप्पणियां करने के आरोप में आयोग ने शुक्रवार शाम पांच बजे तक जवाब तलब किया था।
चुनाव आयोग के आदेश के अनुसार, आयोग हेमंत बिस्वा सरमा के बयानों की कड़ी निंदा करता है। आयोग दो अप्रैल (शुक्रवार) को तत्काल प्रभाव से 48 घंटे के लिए उनके कोई सार्वजनिक सभा करने, सार्वजनिक जुलूस निकालने, रैलियां करने, रोड शो, साक्षात्कार देने और मीडिया में सार्वजनिक बयान देने पर रोक लगाता है।
कांग्रेस ने आयोग से सरमा के बयान को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। सरमा ने कहा था कि अगर मोहिलारी विद्रोही नेता एम बाथा के साथ उग्रवाद को बढ़ावा देते हैं तो केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए के माध्यम से उन्हें जेल भेजा जाएगा। बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट असम में कांग्रेस का सहयोगी दल है। पहले यह दल भाजपा के साथ था।
असम में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान कराए जा रहे हैं। राज्य में दो चरण के मतदान हो चुके हैं और 40 सीटों पर तीसरे और अंतिम चरण का मतदान 6 अप्रैल को होना है। 27 मार्च को पहले चरण के चुनाव में 47 सीटों के लिए करीब 79.97 फीसदी मतदाताओं ने वोट दिया। चुनाव के नतीजे 2 मई को आएंगे।