डॉ. कफील खान ने मथुरा जेल से लिखा - मेरी क्या गलती जिसके लिए मुझे दी जा रही सजा?

Written by sabrang india | Published on: July 21, 2020
मथुरा। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के बाद पचास से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी। इस दौरान डॉ. कफील खान ने मदद की थी लेकिन उल्टे उन्हें ही आरोपी बनाकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जेल में भिजवा दिया था। इसके बाद कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें रिहा किया गया था लेकिन फिर उन्हें मथुरा जेल में डाल दिया गया, जहां वह बीते पांच महीनों से बंद हैं। 



अब डॉ. कफील खान ने जेल से पांच पत्र लिखे हैं जिनमें उन्होंने सरकार से अपनी मांगों और जेल की हालात का जिक्र किया है। द क्विंट की रिपोर्ट के मुताबिक डॉ कफील खान ने पत्र में लिखा, मेरी क्या गलती है जिसके लिए मुझे सजा दी जा रही है? मैं अपनी बीवी, बच्चों और अपने भाई बहनों के पास कब लौट पाऊंगा? मैं कब कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ पाऊंगा?



बता दें कि डॉ. खान को दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ कथित भड़काऊ भाषण को लेकर 29 जनवरी 2020 को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद जमानत पर बाहर आए डॉ. खान के खिलाफ रासुका के तहत मामला दर्ज कर दिया गया था।  

इससे पहले उन्होंने मार्च के महीने में पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा था, 'देश के कोरोना वायरस के स्टेज 3 पर पहुंचने से पहले हमें कई टेस्ट और इसकी मॉनिटरिंग की जरूरत होगी। फिलहाल सोशल डिस्टेंसिंग के कड़े नियम की जरूरत है। बीआरडी ऑक्सीजन ट्रेजडी के बाद मैंने करीब 103 फ्री मेडिकल कैंप चलाए जिसमें 50,000 बच्चे/मरीजों को एग्जामिन किया गया, मुझे लगता है मैं इस महामारी में कुछ मदद कर सकता हूं।'

पत्र में डॉ. खान बताते हैं, 'हर बरैक में 125 से 150 लोग हैं और सिर्फ 4-5 ही टॉयलेट हैं तो जाहिर तौर पर सभी को लाइन लगानी पड़ती है, अब मेरे पेट में दर्द होने लगा है और जब मैं टॉयलेट में होता हूं तो वहां मच्छर हैं और ये बहुत बदबूदार है जिससे कई बार मुझे उल्टी हुई, इसके बाद नहाने के लिए अलग लाइन लगती है, खाने में पानी जैसी दाल उबली हुई सब्जी ज्यादातर गोभी, पत्ता गोभी और साथ में मूली होती है, मैं जिंदा रहने के लिए उसे पानी से निगल लेता हूं। लॉकडाउन के चलते अब हम अपने परिवार से भी नहीं मिल सकते कई बार मैं फलों से और बाकी खाने से अपनी भूख मिटाता था जब भी वो आते थे साथ लाते थे।'

डॉ कफील खान की पत्नी शबिस्ता खान कहती हैं कि उनके पति को जेल में किसी मुजरिम की तरह रखा जा रहा है। मेरे पति ने कोई जुर्म नहीं किया है उन्होंने हमेशा लोगों की मदद की है, जिस जेल में उन्हें रखा है उसमे 500 लोगों की जगह है और उसमे 1600 कैदी रख रखें हैं, हम आज जानते हैं कि कोरोना का इनता कहर है जब घर में लोग सेफ नहीं हैं और उन्हें उस जेल में बंदी बना कर रखा है वहां सोशल डिस्टेंसींग का कोई पालन ही नहीं है।

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