नई दिल्ली: हिंसात्मक भीड़ द्वारा देशभर में किए जा रहे मुस्लिमों और दलितों की हत्यओं के खिलाफ बुधवार को राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर हजारों की संख्या में लोग जमा हुए और शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। दिल्ली के साथ-साथ दस बड़े शहरों में ये प्रदर्शन किया गया। राजधानी दिल्ली में बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी, राजनेता, महिलाएं, पत्रकार व बच्चों ने इसमें हिस्सा लिया। ज्ञात हो कि पिछले कुछ सालों में गाय के नाम पर मुस्लिम और दलितों पर जानलेवा हमला किया गया जिसमें कई लोगों की मौत भी हो गई। हाल में ईद से ठीक पहले दिल्ली से कपड़ों की खरीदारी कर जा रहे जुनैद पर उन्मादी भीड़ ने ट्रेन में चाकूओं से हमला किया जिसके बाद उसकी मौत हो गई।
देशभर में भीड़ के हमले से हो रही मुस्लिमों-दलितों की हत्या और इस पर सरकार की चुप्पी के खिलाफ बुधवार को दिल्ली के जंतर-मंतर समेत 10 बड़े शहरों में हजारों लोग जुटे। इसे नॉट इन माइ नेम नाम दिया गया है। ऑनलाइन कैम्पेन की शुरुआत गुड़गांव में रहने वाली फिल्ममेकर सबा दीवान के फेसबुक पोस्ट से हुई, जिसे उन्होंने पिछले दिनों बल्लभगढ़ में हुई जुनैद खान (16) की हत्या के बाद लिखा था। फिल्ममेकर ने लोगों से कैम्पेन के सपोर्ट और 28 जून को अगल-अलग शहरों में मार्च में शामिल होने की अपील की थी। सबा दीवान ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि हत्यायों और उसके पीछे की सांप्रदायिक विचारधारा का वे सरासर विरोध करते हैं। वे आगे लिखती हैं अगर अब नहीं तो फिर कब? आखिर जीवन और समानता का अधिकार भारत के संविधान में निहित एक मौलिक अधिकार है। अब समय आ गया है की हम भारत के नागरिक अपने संविधान की रक्षा करें। जंतर मंतर पर हुए प्रदर्शन में जुनैद के गांव से आए उनके पड़ोसी भी मौजूद थें वहीं पहलू खान के करीबी भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए।
इस प्रदर्शन में बच्चों ने भी हिस्सा लिया। वे अपने हाथों में नॉट इन माइ नेम लिखा बैनर लिए हुए थें। सभी बच्चे दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों से यहां आए थें। नाबालिग बच्चों से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इंसानों की रक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुसलमान भी भारत में ही पैदा हुए हैं इसलिए वे भी भारतीय हैं, हमें किसी तरह का भेदभाव नहीं करना है, हम सब एक हैं।
कांग्रेस नेता शहजाद पूनावाला भी नॉट इन माइ नेम कैंपेन का हिस्सा रहे। वे अपने हाथों में बेरी पहनकर प्रदर्शन में शामिल हुए। पूणावाला अपनी हाथ में संविधान की किताब लेकर आए थें। बताचीत में उन्होंने कहा कि आज हम सभी जो यहां पर जमा हुए है वो हिंदू-मुसलमान की लड़ाई के लिए नहीं और न ही गाय और भैंस की लड़ाई के लिए, ये लड़ाई इस संविधान की है, ये लड़ाई इस लोकतंत्र को भीड़तंत्र से बचाने की है, आए दिन बीफ और गाय के अफवाह पर घटनाएं हो रही है, लोगों को मारा जा रहा है, ये हमारे संविधान के आर्टिकल 21 के खिलाफ है, पहलू खान और अखलाक जैसे कई मामले हो गए लेकिन मोदी जी ने अब तक अपने मन की बात नहीं की है, यहां पर जन की बात हो रही है और जन की बात में हिंदू-मुसलमान सब एक साथ हैं। मैं यहीं मांग करने के लिए यहां पहुंचा हूं कि हमारे लोकतंत्र को इन बेरियों में मत जकड़ो।
उन्मादी भीड़ द्वारा हत्याओं को लेकर जंतर मंतर पर हुए प्रदर्शन में शामिल होने एक दिव्यांग भी पहुंचे। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि कोई भी भारतीय चाहे वह जिस धर्म का हो या जिस जाति को हो या दिव्यांग हो वो व्यक्तिगत मामला है, वे सबसे पहले भारतीय हैं औऱ बाकी पहचान अलग है। अगर भारत को विकसित राष्ट्र बनना है तो हम सबको एक साथ लेकर जाना होगा, उन्हें मुस्लिम जैसा व्यवहार नहीं करना है बल्कि भाई-बहन जैसा व्यवहार करना है।
दिल्ली के रहने वाले मोइन खान भी इस प्रदर्शन का हिस्सा रहे उनके हाथ में नॉट इन माइ नेम लिखा एक तख्ती था। मोइन ने कहा कि मैं किसी भी तरह से संपूर्ण मानव जाति पर हमले के खिलाफ हूं, मैं हिंसा के खिलाफ हूं चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान हो या अन्य किसी धर्म का हो, व्यक्ति किसी भी धर्म का हो कोई हिंसा नहीं होनी चाहिए, नरसंहार नहीं होना चाहिए, मैं उसी खिलाफ यहां आवाज उठाने के लिए यहां आया हूं।
हाल में भीड़ द्वारा जबरन की गई हत्याओं की सूची नीचे दी गई है।
1.सितंबर 2015- दिल्ली से सटे दादरी इलाके में मो.अखलाक की हत्या
2.अक्टूबर 2015- जाहिद रसूल (16) की बम हमले में हत्या
3. मार्च 2016- लातेहार में मो.मजलूम और आजाद खान की मवेशी के व्यापार को लेकर हत्या
4. अप्रैल 2017- असम में अबू हनीफा और रियाजुद्दीन की हत्या
5. अप्रैल 2017- अलवर में पहलू खान पर हमला कर हत्या कर दी गई
6. मई 2017- बुलंदशहर में गुलाम मोहम्मद की हत्या
7. मई 2017- मध्य प्रदेश के भिंड में मुस्लिम युवकों पर हमला
8. मई 2017- झारखंड में बच्चे की चोरी के आरोप में मुन्ना अंसारी पर हमला
9. मई 2016- महाराष्ट्र के लातूर में मुस्लिम युवकों को जय भवानी बोलने के लिए पीटा गया
10 मई 2017- महाराष्ट्र के मालेगांव में दो व्यापारियों पर हमला किया गया
11. जून 2017- झारखंड में धनबाद इलाके में इफ्तार के वक्त बीफ खाने के आरोप में मुस्लिम व्यक्ति पर हमला किया गया
12. जून 2017- बारमेर में तमिलनाडु के एनिमल हसबेंडरी के अधिकारियों पर हमला किया गया
13. जून 2017- कॉर्पोरेशन अधिकारियों द्वारा खुले में शौच की महिलाओं की तस्वीर लेने से मना करने पर जफर हुसैन की हत्या
14. जून 2017- हरियाणा के बल्लभगढ़ के पास ट्रैन में एक युवक की हत्या और तीन जख्मी
15. जून 2017- कश्मीर के नौहट्टा में डीएसपी की हत्या
देशभर में भीड़ के हमले से हो रही मुस्लिमों-दलितों की हत्या और इस पर सरकार की चुप्पी के खिलाफ बुधवार को दिल्ली के जंतर-मंतर समेत 10 बड़े शहरों में हजारों लोग जुटे। इसे नॉट इन माइ नेम नाम दिया गया है। ऑनलाइन कैम्पेन की शुरुआत गुड़गांव में रहने वाली फिल्ममेकर सबा दीवान के फेसबुक पोस्ट से हुई, जिसे उन्होंने पिछले दिनों बल्लभगढ़ में हुई जुनैद खान (16) की हत्या के बाद लिखा था। फिल्ममेकर ने लोगों से कैम्पेन के सपोर्ट और 28 जून को अगल-अलग शहरों में मार्च में शामिल होने की अपील की थी। सबा दीवान ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि हत्यायों और उसके पीछे की सांप्रदायिक विचारधारा का वे सरासर विरोध करते हैं। वे आगे लिखती हैं अगर अब नहीं तो फिर कब? आखिर जीवन और समानता का अधिकार भारत के संविधान में निहित एक मौलिक अधिकार है। अब समय आ गया है की हम भारत के नागरिक अपने संविधान की रक्षा करें। जंतर मंतर पर हुए प्रदर्शन में जुनैद के गांव से आए उनके पड़ोसी भी मौजूद थें वहीं पहलू खान के करीबी भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए।
इस प्रदर्शन में बच्चों ने भी हिस्सा लिया। वे अपने हाथों में नॉट इन माइ नेम लिखा बैनर लिए हुए थें। सभी बच्चे दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों से यहां आए थें। नाबालिग बच्चों से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इंसानों की रक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुसलमान भी भारत में ही पैदा हुए हैं इसलिए वे भी भारतीय हैं, हमें किसी तरह का भेदभाव नहीं करना है, हम सब एक हैं।
कांग्रेस नेता शहजाद पूनावाला भी नॉट इन माइ नेम कैंपेन का हिस्सा रहे। वे अपने हाथों में बेरी पहनकर प्रदर्शन में शामिल हुए। पूणावाला अपनी हाथ में संविधान की किताब लेकर आए थें। बताचीत में उन्होंने कहा कि आज हम सभी जो यहां पर जमा हुए है वो हिंदू-मुसलमान की लड़ाई के लिए नहीं और न ही गाय और भैंस की लड़ाई के लिए, ये लड़ाई इस संविधान की है, ये लड़ाई इस लोकतंत्र को भीड़तंत्र से बचाने की है, आए दिन बीफ और गाय के अफवाह पर घटनाएं हो रही है, लोगों को मारा जा रहा है, ये हमारे संविधान के आर्टिकल 21 के खिलाफ है, पहलू खान और अखलाक जैसे कई मामले हो गए लेकिन मोदी जी ने अब तक अपने मन की बात नहीं की है, यहां पर जन की बात हो रही है और जन की बात में हिंदू-मुसलमान सब एक साथ हैं। मैं यहीं मांग करने के लिए यहां पहुंचा हूं कि हमारे लोकतंत्र को इन बेरियों में मत जकड़ो।
उन्मादी भीड़ द्वारा हत्याओं को लेकर जंतर मंतर पर हुए प्रदर्शन में शामिल होने एक दिव्यांग भी पहुंचे। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि कोई भी भारतीय चाहे वह जिस धर्म का हो या जिस जाति को हो या दिव्यांग हो वो व्यक्तिगत मामला है, वे सबसे पहले भारतीय हैं औऱ बाकी पहचान अलग है। अगर भारत को विकसित राष्ट्र बनना है तो हम सबको एक साथ लेकर जाना होगा, उन्हें मुस्लिम जैसा व्यवहार नहीं करना है बल्कि भाई-बहन जैसा व्यवहार करना है।
दिल्ली के रहने वाले मोइन खान भी इस प्रदर्शन का हिस्सा रहे उनके हाथ में नॉट इन माइ नेम लिखा एक तख्ती था। मोइन ने कहा कि मैं किसी भी तरह से संपूर्ण मानव जाति पर हमले के खिलाफ हूं, मैं हिंसा के खिलाफ हूं चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान हो या अन्य किसी धर्म का हो, व्यक्ति किसी भी धर्म का हो कोई हिंसा नहीं होनी चाहिए, नरसंहार नहीं होना चाहिए, मैं उसी खिलाफ यहां आवाज उठाने के लिए यहां आया हूं।
हाल में भीड़ द्वारा जबरन की गई हत्याओं की सूची नीचे दी गई है।
1.सितंबर 2015- दिल्ली से सटे दादरी इलाके में मो.अखलाक की हत्या
2.अक्टूबर 2015- जाहिद रसूल (16) की बम हमले में हत्या
3. मार्च 2016- लातेहार में मो.मजलूम और आजाद खान की मवेशी के व्यापार को लेकर हत्या
4. अप्रैल 2017- असम में अबू हनीफा और रियाजुद्दीन की हत्या
5. अप्रैल 2017- अलवर में पहलू खान पर हमला कर हत्या कर दी गई
6. मई 2017- बुलंदशहर में गुलाम मोहम्मद की हत्या
7. मई 2017- मध्य प्रदेश के भिंड में मुस्लिम युवकों पर हमला
8. मई 2017- झारखंड में बच्चे की चोरी के आरोप में मुन्ना अंसारी पर हमला
9. मई 2016- महाराष्ट्र के लातूर में मुस्लिम युवकों को जय भवानी बोलने के लिए पीटा गया
10 मई 2017- महाराष्ट्र के मालेगांव में दो व्यापारियों पर हमला किया गया
11. जून 2017- झारखंड में धनबाद इलाके में इफ्तार के वक्त बीफ खाने के आरोप में मुस्लिम व्यक्ति पर हमला किया गया
12. जून 2017- बारमेर में तमिलनाडु के एनिमल हसबेंडरी के अधिकारियों पर हमला किया गया
13. जून 2017- कॉर्पोरेशन अधिकारियों द्वारा खुले में शौच की महिलाओं की तस्वीर लेने से मना करने पर जफर हुसैन की हत्या
14. जून 2017- हरियाणा के बल्लभगढ़ के पास ट्रैन में एक युवक की हत्या और तीन जख्मी
15. जून 2017- कश्मीर के नौहट्टा में डीएसपी की हत्या