हाईकोर्ट ने अर्नब गोस्वामी को लगाई फटकार, कहा भाषा में संयम बरतें, प्रेस किसी को दोषी करार नहीं दे सकता

Written by sabrang india | Published on: September 11, 2020
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरूवार को टीवी एंकर अर्नब गोस्वामी और उनके चैनल रिपब्लिक टीवी को फटकार लगाई। अदालत ने अर्नब गोस्वामी से कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में समानांतर जांच चलाने को लेकर सवाल किया। 



अदालत ने अर्नब को निर्देश दिया कि वह संयम बरतें और इस मामले को कवर करते समय भाषा पर भी ध्यान दें। सुनवाई के दौरान जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने कहा कि कोर्ट यह नहीं कह रहा कि कोई मीडिया को चुप करा सकता है लेकिन जांच की 'शुद्धता' बनी रहनी चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि लोगों को पहले क्रिमिनल ट्रायल का कोर्स करना चाहिए और फिर पत्रकारिता में जाना चाहिए।

जस्टिस गुप्ता ने कहा कि एक बार पुलिस जांच शुरू हो गई तो मीडिया समानांतर जांच नहीं कर सकता है। कोर्ट ने 2017 में दिए निर्देश का हवाला दिया। तब कहा गया था कि प्रेस किसी को दोषी करार नहीं दे सकता और न इस बात पर जोर दे सकता है कि कोई दोषी है या बिना सबूतों के कोई और दावा कर सकता है। प्रेस को ऐसे मामलों में सावधानी से काम करना चाहिए जिनमें जांच या ट्रायल चल रहा हो।

पहले के निर्देश में अर्नब और उनके चैनल से संयम बरतने के लिए कहा गया था और उनके वकील ने इसे माना था। कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि अगली सुनवाई तक इसका पालन किया जाए। चैनल ने दावा किया था कि उसके पास सबूत हैं। इस पर कोर्ट ने सवाल किया कि क्या उन्होंने कुछ खुद देखा। अर्नब की वकील मालविका त्रिवेदी ने दावा किया कि AIIMS से एक सबूत मिला था जिसके आधार पर ब्रॉडकास्ट किया गया था। इस पर जज ने कहा कि यह कोर्ट को फैसला करना है कि क्रिमिनल ट्रायल में क्या सबूत है और कई बयान होते हैं जो सबूत नहीं होते हैं।

हाईकोर्ट थरूर की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने गोस्वामी के खिलाफ अंतरिम निषेधाज्ञा की मांग की थी। जुलाई और अगस्त में एक प्रोग्राम के दौरान अर्नब ने दावा किया था कि उन्होंने सुनंदा पुष्कर केस की पुलिस से बेहतर जांच की है और इस बात में शक नहीं है कि पुष्कर की हत्या की गई थी।

पुष्कर दिल्ली के एक पांच सितारा होटेल में 17 जनवरी, 2014 को संदिग्ध हालत में मृत पाई गई थीं। कोर्ट ने 29 मई, 2017 को कहा था कि चैनल केस से जुड़े तथ्य सामने रख सकता है लेकिन थरूर को अपराधी नहीं कह सकता है।

बाकी ख़बरें