दिल्ली हिंसा मामले में कपिल मिश्रा पर FIR के आदेश देने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के जज का ट्रांसफर

Written by Sabrangindia Staff | Published on: February 27, 2020
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस मुरलीधर का ट्रांसफर कर दिया गया है। जस्टिस मुरलीधर ने दिल्ली में लगातार बढ़ रही हिंसक गतिविधियों को देखते हुए आधी रात को कोर्ट खोल कर पीड़ितों को जरूरी इलाज मिले यह सुनिश्चित किया और आज दोपहर को उन्होंने सुनवाई करते हुए बीजेपी के तीन नेताओं अनुराग ठाकुर, परवेश वर्मा और कपिल मिश्रा पर एफ़आईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। 
 


नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुद्दे पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा और भाजपा नेताओं के भड़काऊ बयानों को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस एस मुरलीधर ने पुलिस और सरकार को फटकार लगाई थी। वे हाईकोर्ट में जजों के वरिष्ठता क्रम में तीसरे स्थान पर थे। 

कानून मंत्रालय ने बुधवार देर रात उनके तबादले का नोटिफिकेशन जारी किया। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे के साथ विचार-विमर्श के बाद यह फैसला लिया। इससे पहले 12 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने जस्टिस मुरलीधर समेत तीन जजों के ट्रांसफर की सिफारिश की थी। दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने पिछले हफ्ते कॉलेजियम से ट्रांसफर पर पुनर्विचार की मांग की थी।

वहीं, इस मुद्दे पर राजनीति भी गरमा गई है। कांग्रेस ने रातोंरात हाईकोर्ट जज के ट्रांसफर को लेकर मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। वहीं, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फैसले का बचाव करते हुए ट्वीट किया कि सबकुछ तय प्रक्रिया के मुताबिक हुआ है। 

जस्टिस मुरलीधर कड़े फैसले देने वाले जजों में से माने जाते हैं। उन्होंने हाशिमपुरा नरसंहार मामले, 1984 में हुए सिख दंगों में शामिल रहे सज्जन कुमार के मामले में भी फैसला सुनाया था। अब उनका ट्रांसफर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट कर दिया गया है। 

जस्टिस मुरलीधर को 2006 में दिल्ली हाई कोर्ट में बतौर जज नियुक्त किया गया था। 2023 में वो रिटायर होंगे। सुप्रीम कोर्ट के कोलिजियम जिसका नेतृत्व मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे कर रहे हैं, उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के तीसरे सबसे वरिष्ठ जज मुरलीधर के तबादले की सिफारिश पिछले हफ्ते ही कर दी थी।

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