नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव का सेमी फाइनल माने जा रहे राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में भारतीय जनता पार्टी का पत्ता साफ हो गया है। इन राज्यों में से विशेषकर हिंदी पट्टी वाले राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ तीनों ही राज्य बीजेपी की झोली से निकल गए हैं। तीनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार बन रही है। इस बीच मध्य प्रदेश में भाजपा ने भी सरकार बनाने का दावा पेश किया है।
ईवीएम के 20 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी राज्य के नतीजों की तस्वीर 24 घंटे में साफ हो पाई। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की मतगणना मंगलवार सुबह 8 बजे शुरू हुई थी और बुधवार सुबह 8 बजे तक सभी 230 सीटों पर आधिकारिक नतीजों का ऐलान हुआ। देश के चुनाव में 1998 से ईवीएम का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि जब पूरे राज्य के नतीजे 24 घंटे में नहीं आ पाए। वहीं, परिणाम से यह तय है कि कांग्रेस ही सबसे बड़ी पार्टी है।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में कांग्रेस को 230 में से 114 सीटें मिली हैं जो कि बहुमत से सिर्फ दो सीट दूर है। BJP को 109 सीटें मिली हैं। BSP को 2 और अन्य को पांच सीटें मिली हैं। मध्य प्रदेश में तीन कार्यकाल सत्ता से दूर रही कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव से पहले अच्छे संकेत हैं।
राजस्थान
राजस्थान की 199 सीटों में से Cong ने 99 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, BJP 73 सीटों पर सिमट गई है। RLM को 3 और अन्य को 5 सीटें मिली हैं। यहां भी कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है।
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ की बात करें तो रमन सिंह का जादू इस बार बिल्कुल नहीं चल पाया। उनके 9 में से 7 मंत्रियों की भी हार हुई है। 90 विधानसभा सीटों वाले राज्य में Cong को 68, BJP को 15, JCC को 7 सीटें मिली हैं। यहां दो तिहाई बहुमत कांग्रेस को मिला है।
तेलंगाना
119 विधानसभा सीटों वाले तेलंगाना में TRS-AIMIM को 95 सीटें मिली हैं वहीं, TDP-Cong को 21 सीटें मिली हैं। बीजेपी सिर्फ एक सीट पर खाता खोल पाई है और दो सीटें अन्य के खाते में गई हैं। माना जा रहा है कि केसीआर की किसान हितैषी नीतियों की वजह से वे दोबारा सत्ता कब्जाने में कामयाब नजर आए हैं। तेलंगाना में बीजेपी की तरफ से योगी आदित्यनाथ प्रचार के लिए गए थे लेकिन वे पुरानी सीटों पर भी भाजपा के उम्मीदवार जिताने में नाकामयाब रहे।
मिजोरम
40 सीटों वाले मिजोरम में MNF को 26 सीटें मिली हैं। इस बार कांग्रेस को सिर्फ पांच सीटें मिल पाई हैं। एक सीट पर बीजेपी भी खाता खोलने में कामयाब रही है औऱ अन्य के खाते में 8 सीटें आई हैं। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भी यहां से अपनी हार नहीं रोक पाए।
ईवीएम के 20 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी राज्य के नतीजों की तस्वीर 24 घंटे में साफ हो पाई। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की मतगणना मंगलवार सुबह 8 बजे शुरू हुई थी और बुधवार सुबह 8 बजे तक सभी 230 सीटों पर आधिकारिक नतीजों का ऐलान हुआ। देश के चुनाव में 1998 से ईवीएम का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि जब पूरे राज्य के नतीजे 24 घंटे में नहीं आ पाए। वहीं, परिणाम से यह तय है कि कांग्रेस ही सबसे बड़ी पार्टी है।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में कांग्रेस को 230 में से 114 सीटें मिली हैं जो कि बहुमत से सिर्फ दो सीट दूर है। BJP को 109 सीटें मिली हैं। BSP को 2 और अन्य को पांच सीटें मिली हैं। मध्य प्रदेश में तीन कार्यकाल सत्ता से दूर रही कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव से पहले अच्छे संकेत हैं।
राजस्थान
राजस्थान की 199 सीटों में से Cong ने 99 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, BJP 73 सीटों पर सिमट गई है। RLM को 3 और अन्य को 5 सीटें मिली हैं। यहां भी कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है।
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ की बात करें तो रमन सिंह का जादू इस बार बिल्कुल नहीं चल पाया। उनके 9 में से 7 मंत्रियों की भी हार हुई है। 90 विधानसभा सीटों वाले राज्य में Cong को 68, BJP को 15, JCC को 7 सीटें मिली हैं। यहां दो तिहाई बहुमत कांग्रेस को मिला है।
तेलंगाना
119 विधानसभा सीटों वाले तेलंगाना में TRS-AIMIM को 95 सीटें मिली हैं वहीं, TDP-Cong को 21 सीटें मिली हैं। बीजेपी सिर्फ एक सीट पर खाता खोल पाई है और दो सीटें अन्य के खाते में गई हैं। माना जा रहा है कि केसीआर की किसान हितैषी नीतियों की वजह से वे दोबारा सत्ता कब्जाने में कामयाब नजर आए हैं। तेलंगाना में बीजेपी की तरफ से योगी आदित्यनाथ प्रचार के लिए गए थे लेकिन वे पुरानी सीटों पर भी भाजपा के उम्मीदवार जिताने में नाकामयाब रहे।
मिजोरम
40 सीटों वाले मिजोरम में MNF को 26 सीटें मिली हैं। इस बार कांग्रेस को सिर्फ पांच सीटें मिल पाई हैं। एक सीट पर बीजेपी भी खाता खोलने में कामयाब रही है औऱ अन्य के खाते में 8 सीटें आई हैं। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भी यहां से अपनी हार नहीं रोक पाए।