छत्तीसगढ़: सरकारी जांच में भी संजीवनी एक्सप्रेस हुई फेल

Written by Sabrangindia Staff | Published on: July 23, 2018
छत्तीसगढ़ में अब सरकारी जांच में भी खुलासा हो गया है कि राज्य के 108 संजीवनी एक्सप्रेस वाहन मौत का सामान बन चुकी हैं। पिछले दिनों रायपुर में एक एंबुलेंस का दरवाजा न खुलने पर एक बच्चे की मौत के बाद प्रदेश सरकार प्रदेश भर के संजीवनी एक्सप्रेस वाहनों की जांच करवाने पर मजबूर हुई है और जांच अधिकारियों ने माना है कि ये एंबुलेंस वाहन केवल ठेला गाड़ी के समान रह गए हैं।

दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार, अधिकारियों ने जांच में पाया कि एंबुलेंस में जीवन रक्षा से संबंधित 103 सामानों में से 80 गायब हैं।

मरीजों को सुविधाएं देने में ये संजीवनी एक्सप्रेस वाहन पूरी तरह से असफल साबित हो रही है। जांच अधिकारियों ने पाया कि हार्ट अटैक की स्थिति में मरीज को झटका देने के लिए जिन उपकरणों का इस्तेमाल होता है, वे भी नहीं मिले। जहां ये मशीन मिली भी तो वो चालू हालत में नहीं थी।

हालत ये है कि संजीवनी एक्सप्रेस में जच्चा-बच्चा की सुरक्षा के लिए भी ज़रूरी सामान नहीं है। एंबुलेंस में तौलिया और कंबल तक गायब मिले। कई वाहनों में ज़हर पीड़ित मरीजों का ज़हर तत्काल निकालने में सहायक पोर्टेबल सक्शन भी नहीं मिला।

एंबुलेंस में फैक्चर के मरीजों के लिए भी कोई सुविधा नहीं है। मरीज की गर्दन सीधी रखने का कॉलर और अन्य उपकरण भी इन वाहनों से गायब हैं।

इन वाहनों में गाड़ी की स्टेपनी भी मरीज के सिर के पास रखी रहती है। एक्सीडेंटल मरीज की उल्टी रोकने के लिए भी कोई इंतजाम नहीं मिला और न ही मरीजों की आंखों की सुरक्षा का कोई इंतजाम मिला।

दुर्ग-भिलाई में जिला अस्पताल में मौजूद संजीवनी एक्सप्रेस में 103 में से 80 कमियां मिलीं। सबसे बड़ी बात ये है कि मरीजों को अटैंड करने के लिए जिस सहायिका को तैनात किया गया था, उसे कोई ट्रेनिंग ही नहीं दी गई थी।

सरकार की ओर से स्टेट हेल्थ रिसोर्स सेंटर ने एंबुलेंस वाहनों की जांच शुरू की है। शनिवार को हुई आकस्मिक जांच की रिपोर्ट भी सरकार को दे दी गई है।

अधिकारियों का कहना है कि संजीवनी एक्सप्रेस का संचालन निजी संस्था करती है और अस्पतालों का उन पर कोई नियंत्रण नहीं होता। उधर संस्था जीवीके ये मानने को तैयार नहीं है कि उसके एंबुलेंस वाहनों में कोई कमी रहती है। स्टेट हेल्थ सेंटर की जांच के बारे में भी उसने कोई जानकारी होने से इन्कार किया है।
 

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