बॉम्बे हाईकोर्ट ने डॉ. वरवर राव को तत्काल अस्पताल में भर्ती करने का दिया निर्देश

Written by sabrang india | Published on: November 19, 2020
जस्टिस एसएस शिंदे और माधव जामदार की एक खंडपीठ ने 18 नवंबर, 2020 को राज्य को 81 साल वर्षीय डॉ. वरवर राव को 15 दिनों के गहन उपचार के लिए नानावती अस्पताल में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया।



वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंग ने चिकित्सा शर्तों का हवाला देते हुए डॉ. राव की तत्काल रिहाई के लिए तर्क दिए और लोक अभियोजक दीपक ठाकरे ने महाराष्ट्र राज्य का प्रतिनिधित्व किया। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के लिए पेश हुए।

बेंच ने कहा, 'अंतत: आदमी लगभग मृत्युशैया पर है। उसे कुछ उपचार की आवश्यकता है। क्या राज्य कह सकता है कि हम तलोजा में उसका इलाज नहीं करेंगे? हम केवल दो सप्ताह के लिए उसे नानावटी को स्थानांतरित स्तांतरित करने के लिए कह रहे हैं। हम दो सप्ताह के बाद आगे देखेंगे।'

बेंच ने आगे निर्देश दिया कि उन्हें अदालत को सूचित किए बिना अस्पताल से छुट्टी नहीं दी जानी चाहिए और इसके पहले उनकी मेडिकल रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी चाहिए। डॉ. राव के परिवार के सदस्यों को भी नानावती अस्पताल में उनसे मिलने की अनुमति दी गई है।

तकनीकी खामियों के कारण कल (17 नवंबर) कार्यवाही बाधित होने के बाद डिवीजन बेंच ने आज (18 नवंबर) उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा था कि हम इस मामले की गंभीरता को जानते हैं और यही कारण है कि हम इसे शारीरिक रूप से कल ही सुनेंगे।

इंदिरा जयसिंह ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि प्रसिद्ध तेलुगु कवि डॉ. राव की 12 नवंबर की मेडिकल रिपोर्ट में ब्रेन एट्रोफी का उल्लेख है। इंदिरा जयसिंह ने कहा कि मेरी अपील जमानत के लिए है। उन्होंने कहा कि गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत भी एक आरोपी जमानत का हकदार है।

जयसिंह ने हाईकोर्ट के निर्णयों का उल्लेख भी किया कि डॉ. राव को क्रूरता के साथ हिरासत में रखा गया था और जिससे मृत्यु अपरिहार्य है लेकिन हर कोई गरिमापूर्ण तरीके से बाहर निकलना चाहता है। 

12 नवंबर को जस्टिस एके मेनन और एसपी तावड़े की बेंच ने डॉ. राव की स्वास्थ्य स्थिति का पता लगाने के लिए चिकित्सीय परीक्षण का आदेश दिया था। कोर्ट ने आगे यह भी कहा था कि अगर संभव हो तो नानावती अस्पताल के डॉक्टरों के साथ वीडियो परीक्षा आयोजित की जाए और डॉ. राव की स्थिति पर एक रिपोर्ट जारी की जाए। इस मेडिकल रिपोर्ट को 16 नवंबर से पहले कोर्ट में पेश किया जाना था। 

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