UP: भाजपा ने टिकट काटा तो दलित सांसद ने पार्टी कार्यालय के चौकीदार को सौंपा इस्तीफा

Written by sabrang india | Published on: March 30, 2019
लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश पर हर किसी की नजर है। कहा जाता है कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर गुजरता है। 80 लोकसभा सीट वाले यूपी में इस बार का मुकाबला काफी दिलचस्प होने जा रहा है। यूपी में हुए सपा-बसपा-रालोद गठबंधन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित बीजेपी की नींद उड़ा दी है। बीजेपी भी जीत के लिए हर तिकड़म लगा रही है और विपक्षी गठबंधन को महामिलावट बताने वाले प्रधानमंत्री को दोबारा कुर्सी छोटे दलों के सहारे ही मिलने की आस बची है। यही कारण है कि भाजपा अपने सिटिंग सांसदों के टिकट काटने पर लगी है। 

भाजपा गठबंधन के साथियों के लिए जिन सिटिंग सांसदों की टिकट काटने पर लगी है उन्हें समायोजन का भरोसा दिया गया है लेकिन कई सांसदों को पार्टी पर भरोसा नहीं है और वे दूसरी पार्टियों में अपना आसरा ढूंढ रहे हैं। हाल ही में हरदोई से बीजेपी सांसद अंशुल वर्मा टिकट काटे जाने के बाद समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए।

पाला बदलने से पहले अंशुल वर्मा प्रदेश बीजेपी कार्यालय पहुंचे और गेट पर मौजूद चौकीदार को अपना इस्तीफ़ा सौंपा। मैं भी चौकीदार कैंपेन पर तंज़ कसते हुए अंशुल वर्मा ने कहा कि आजकल हर बड़े फ़ैसले चौकीदार ही ले रहे हैं, इसलिए उन्होंने चौकीदार को अपना इस्तीफ़ा सौंपा है। आपको बता दें कि अंशुल वर्मा को पिछले चुनाव में 360501 (37।05 फीसदी) वोट मिले थे। वहीं बीएसपी को 279158 (28।69 फीसदी) सपा (ऊषा वर्मा) को 276543 (28।42 फीसदी), कांग्रेस को 23198 (2।39 फीसदी) वोट मिले थे। आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी ने इस बार फिर ऊषा वर्मा पर भरोसा जताया है और उन्हें टिकट दिया है।

गौरतलब है कि हरदोई सीट पर इस बार समीकरण बदले नजर आ रहे हैं। अगर लोकसभा चुनाव 2014 के नतीजों को देखें तो सपा और बीएसपी मिलकर इस बार मिलकर बीजेपी का खेल खराब ही नहीं कर रहीं बल्कि जीतती नजर आ रही हैं। दोनों ही पार्टियों के वोट प्रतिशत को मिला दें तो यह बीजेपी के वोट प्रतिशत से काफी आगे चला जाता है।  

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