भूपेन हज़ारिका के बेटे ने पिता को भारत रत्न देने पर मोदी सरकार की मंशा पर खड़े किए सवाल

Written by Sabrangindia Staff | Published on: February 13, 2019
लोकप्रिय गायक एवं संगीतकार भूपेन हज़ारिका के बेटे तेज हज़ारिका ने नागरिक संशोधन विधेयक के विरोध में पिता को मिलने वाले भारत रत्न को लेने से इनकार किया है.  उनका कहना है कि यह विधेयक वास्तव में उनके पिता की विचारधारा और  भावनाओं के खिलाफ है.



इंडियन एक्सप्रेस को भेजे गए एक ईमेल में अमेरिका में रह रहे तेज हज़ारिका ने कहा, ‘भारत रत्न और बड़े-बड़े पुल जरूरी हैं लेकिन इनसे भारत के नागरिकों की शांति और समृद्धि को बढ़ावा नहीं मिलेगा, बल्कि ऐसे नियम-कानून जिन पर सबकी सहमति हो और दूरदर्शिता से देश के नागरिकों का भला होगा. मीडिया के लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं अपने पिता के लिए भारत रत्न स्वीकार करूंगा या नहीं. मैं यहां कहना चाहता हूं कि एक तो मुझे अभी तक ऐसा कोई निमंत्रण नहीं मिला है तो नकारने का सवाल ही नहीं उठता. दूसरा, अब तक इस बारे में जो केंद्र का जो रवैया रहा है, वो किसी जाने-माने राष्ट्रीय सम्मान को देने-लेने के महत्व से ज़्यादा सस्ती और अल्पकालिक लोकप्रियता पाने का प्रदर्शन है.’

तेज हज़ारिका ने  कहा, ‘मेरा मानना है कि मेरे पिता के नाम का ऐसे समय में इस्तेमाल किया गया जब नागरिकता (संशोधन) विधेयक जैसे विवादित बिल को अलोकतांत्रिक तरीके से लाने की तैयारी की जा रही है. यह उनकी उस विचारधारा के बिल्कुल खिलाफ है जिसका उन्होंने हमेशा समर्थन किया.’

तेज हज़ारिका के बयान पर असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के मीडिया सलाहकार ऋषिकेश गोस्वामी से ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ‘भूपेन हज़ारिका के परिवार ने भारत रत्न को तहे दिल से स्वीकार कर लिया है और सार्वजनिक तौर पर भी इसका स्वागत किया है. क्या तेज हज़ारिका यह साबित करना चाहते हैं कि उनके पिता भारत रत्न के काबिल नहीं हैं? वह अमेरिका में बैठकर क्यों इस बिल पर बयान दे रहे हैं?’

बता दें कि भूपेन हज़ारिका को इस साल पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और नानाजी देशमुख के साथ भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की गई. 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सबसे लंबे पुल का नाम भी भूपेन हज़ारिका के नाम पर रखा, जो ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी लोहित पर बना है. यह पुल अरुणाचल प्रदेश के ढोला गांव से असम के सदिया गांव को जोड़ता है.

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