BHU: संस्कृत के छात्रों को दिक्कत हुई तो प्रोफेसर फिरोज ने दूसरे विभाग में दी नौकरी की अर्जी

Written by sabrang india | Published on: November 27, 2019
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में डॉ। फिरोज खान की बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति के खिलाफ छात्रों का 16 दिनों का धरना-प्रदर्शन थम चुका है। लेकिन चर्चाओं का बाजार तब गर्म हो गया जब 29 नवंबर को होने वाले इंटरव्यू के लिए जारी सूची में फिरोज खान का नाम सामने आ गया।



इसमें उन्होंने बीएचयू आईएमएस के आयुर्वेद संकाय के संहिता और संस्कृत विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए आवेदन कर रखा था। चर्चा ये भी होने लगी कि बीएचयू ने बैकडोर से विवाद खत्म करने की नीयत से फिरोज खान को आयुर्वेद विभाग में नौकरी देना चाहता है।

बीएचयू के जनसूचना अधिकारी डॉ. राजेश सिंह ने इन चर्चाओं को खारिज किया है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में बीएचयू ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिये 3 दिनों पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि फिरोज खान ने यूनिवर्सिटी के कई विभागों में अप्लाई किया हुआ है।

डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि फिरोज खान ने आयुर्वेद विभाग में पहले से ही आवेदन कर रखा था। उनका यह आवेदन नया नहीं है। फिरोज खान ने बीएचयू के कई संकायों में संस्कृत विषय से संबंधित आई वैकेंसी के लिए अप्लाई किया हुआ है। इसमें कुछ भी नया नहीं है।

कला संकाय के संस्कृत विभाग के भी एक शिक्षक ने बताया कि फिरोज खान ने उनके विभाग में मई में आई असिस्टेंट प्रोफेसर की वैकेंसी के लिए अप्लाई किया हुआ है लेकिन अभी उसके इंटरव्यू की तारीख सामने नहीं आई है।

बता दें बीएचयू की वेबसाइट के मुताबिक मई 2019 विज्ञापन निकाला था। इसमें आवेदन की अंतिम तारीख 26 जून थी। इस वैकेंसी में संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग के अलावा आईएमएस के आयुर्वेद संकाय के संहिता और संस्कृत विभाग में अस्सिटेंट प्रोफेसर, कला संकाय के संस्कृत विभाग, शिक्षा संकाय के शिक्षा विभाग, म्यूजिकोलॉजी विभाग और राजीव गांधी साउथ कैंपस बरकछा मिर्जापुर में संस्कृत से संबंधित असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर आवेदन निकला था।

इसमें संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग पर विवाद के बाद आईएमएस के आयुर्वेद संकाय के संहिता और संस्कृत विभाग के इंटरव्यू की लिस्ट में फिरोज खान का नाम सामने आया है। इसके लिए इंटरव्यू 29 नवबंर को होगा।

डॉ खान का विरोध छात्र उनके मुस्लिम पहचान को लेकर कर रहे थे। उनका विरोध इस बात पर था कि सनातन धर्म और कर्मकांड पढ़ाने के लिए डॉ फिरोज उपयुक्त व्यक्ति नहीं हैं। जबकि यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना था उनकी नियुक्ति सारे नियम कायदे को ध्यान में रखते हुई की गई है। लेकिन वाइस चांसलर के आश्वासन पर भी छात्र नहीं माने। जिसकी वजह से फिरोज एक भी क्लास को नहीं पढ़ा पाये। आखिरकार यूनिवर्सिटी प्रशासन और छात्रों में जारी गतिरोध को देखते हुए उन्होंने छुट्टी के लिए आवेदन दिया और अपने घर जयपुर चले गये।

बाकी ख़बरें