पुणे। भीम आर्मी प्रमुख को भीमा कोरेगांव जाने की इजाजत मिल गई है। इसके बाद वे भीमा कोरेगांव की तरफ निकले तो उनके पीछे कई किमी का काफिला बताया जा रहा है। इससे पहले चंद्रशेखर आजाद को भीमा कोरेगांव में जनसभा करने की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी थी।
भीमा कोरेगांव जाने की इजाजत मिलने के बाद चंद्रशेखऱ आजाद ने ट्वीट किया है, 'सभी साथियों को शौर्य दिवस की बधाई.. अभी थोड़ी देर में पुणे से भीमा कोरेगांव के लिए निकल रहा हूँ,मेरे को भीमा कोरेगांव जाने की इजाजत मिल गई है जो बहुजन समाज के द्वारा बनाये गए दबाव की वजह से ही हो पाया है। जय भीम जय बहुजन समाज #BhimaKoregaon'
इसके साथ ही उन्होंने बहुजन समाज से अपील की है....
बता दें कि भीमा कोरेगांव में हर साल बहुजन समाज शौर्य दिवस मनाता है। इस दिन सिर्फ 500 महारों ने पेशवा की 28000 सेना को पराजित कर दिया था। यहां एक स्तंभ लगा है जिसपर इस युद्ध में शहीद हुए महार योद्धाओं के नाम अंकित हैं। पिछले साल कुछ सामंतवादी अराजक तत्वों ने शौर्य दिवस पर हिंसा फैलाने की कोशिश की थी। इनमें मिलिंद एकबोटे और शंभाजी भिडे का नाम प्रमुख तौर पर सामने आया था। एक साल बीतने के बाद भी शंभाजी भिडे पर पुलिस ने हाथ नहीं डाला है।
भीमा कोरेगांव जाने की इजाजत मिलने के बाद चंद्रशेखऱ आजाद ने ट्वीट किया है, 'सभी साथियों को शौर्य दिवस की बधाई.. अभी थोड़ी देर में पुणे से भीमा कोरेगांव के लिए निकल रहा हूँ,मेरे को भीमा कोरेगांव जाने की इजाजत मिल गई है जो बहुजन समाज के द्वारा बनाये गए दबाव की वजह से ही हो पाया है। जय भीम जय बहुजन समाज #BhimaKoregaon'
इसके साथ ही उन्होंने बहुजन समाज से अपील की है....
बता दें कि भीमा कोरेगांव में हर साल बहुजन समाज शौर्य दिवस मनाता है। इस दिन सिर्फ 500 महारों ने पेशवा की 28000 सेना को पराजित कर दिया था। यहां एक स्तंभ लगा है जिसपर इस युद्ध में शहीद हुए महार योद्धाओं के नाम अंकित हैं। पिछले साल कुछ सामंतवादी अराजक तत्वों ने शौर्य दिवस पर हिंसा फैलाने की कोशिश की थी। इनमें मिलिंद एकबोटे और शंभाजी भिडे का नाम प्रमुख तौर पर सामने आया था। एक साल बीतने के बाद भी शंभाजी भिडे पर पुलिस ने हाथ नहीं डाला है।