इलाहाबाद हाईकोर्ट से पत्रकार प्रशांत कन्नौजिया को मिली जमानत

Written by sabrang india | Published on: October 22, 2020
नई दिल्ली। प्रशांत कनौजिया को कथित तौर पर हिंदू सेना नामक संगठन के एक सदस्य द्वारा किए गए "मॉर्फ्ड" सोशल मीडिया पोस्ट को ट्वीट करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत कनौजिया को जमानत दे दी।



पिछले महीने यूपी सरकार ने हाईकोर्ट में दायर उनकी ज़मानत याचिका पर जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा था, जिसके चलते प्रशांत को एक और महीना जेल में रहना पड़ा। लखनऊ के सत्र न्यायलय द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद 8 सितंबर को प्रशांत ने हाईकोर्ट का रुख किया था।

पुलिस द्वारा प्रशांत के खिलाफ 17 अगस्त को हजरतगंज थाने के एक पुलिसकर्मी द्वारा दर्ज करवाई गई एफआईआर में कहा गया था, 'प्रशांत कनौजिया द्वारा छेड़छाड़ की गई तस्वीर से सुशील तिवारी को बदनाम करने की कोशिश की गई है। प्रशांत ने लिखा था कि यह तिवारी का निर्देश है कि अयोध्या के राम मंदिर में शूद्र, ओबीसी, अनुसूचित जाति और जनजाति का प्रवेश निषेध होना चाहिए और सभी लोग इसके लिए आवाज उठाएं।'

आगे कहा गया था, 'इसे सुशील तिवारी की पोस्ट के स्क्रीनशॉट के बतौर शेयर किया जा रहा था… सोशल मीडिया पर साझा हुई पोस्ट्स का स्क्रीनशॉट संलग्न है। इस प्रकार की आपत्तिजनक पोस्ट विभिन्न समुदायों में वैमनस्य फैलाने वाली, सामाजिक सौहार्द पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली और धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली है जिससे लोक प्रशांति भंग हो सकती है।'

इसमें आईपीसी की नौ धाराओं का जिक्र किया गया है, जिनमें 153 ए/बी (धर्म, भाषा, नस्ल वगैरह के आधार पर समूहों में नफरत फैलाने की कोशिश), 420 (धोखाधड़ी), 465 (धोखाधड़ी की सजा), 468 (बेईमानी के इरादे से धोखाधड़ी), 469 (प्रतिष्ठा धूमिल करने के उद्देश्य से धोखाधड़ी) 500 (मानहानि का दंड) 500 (1) (बी) 505(2) शामिल हैं।

इसके अलावा कंप्यूटर संबंधी मामलों के लिए उन पर आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत भी मामला दर्ज किया गया था। हाईकोर्ट के फैसले के बाद प्रशांत की पत्नी जगीशा अरोड़ा मीडिया ने उनका साथ देने वालों के प्रति आभार व्यक्त किया।



एक दूसरे ट्वीट में जगीशा ने लिखा, 'मुझे ऐसा लगा मैं तुमसे दो साल से नहीं मिली। प्रशांत दो महीने दो साल की तरह गुजरे है। तुमसे मोहब्बत ही मेरी ताकत बनी। अब इंतेज़ार नहीं हो रहा तुमसे मिलने का। तुम्हें देखकर ही गले लगाना है फिर तुमसे कहना है कि तुम्हें इतना याद किया कि क्या कहूं? मैं तुमसे मिलने को तड़प रही हूं।



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