राजस्थान हत्याकांड: न्याय की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे लोग, सरकार पर उठ रहे सवाल

Written by sabrang india | Published on: December 14, 2024
दलित उत्पीड़न के खिलाफ लड़ने वाले विशनाराम मेघवाल की हत्या से दलित समाज में बेहद नाराजगी है।


साभार : द मूकनायक

राजस्थान के बालोतरा में दलित मानवाधिकार कार्यकर्ता विशनाराम मेघवाल की हुई हत्या ने राज्य में जातिगत अत्याचार व कमजोर कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कार्यकर्ता की हत्या 10 दिसंबर को हुई थी। दलित समाज के साथ सर्व समाज और अम्बेडकरवादी संगठन से जुड़े लोग इस निर्मम हत्या के खिलाफ न्याय के लिए सड़कों पर उतर आए हैं और प्रशासनिक निष्क्रियता के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। हत्यारे की गिरफ्तारी और मुआवजे की मांग को लेकर परिजनों और समाज के लोगों का धरना लगातार चौथे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा। परिजन मंगलवार रात से ही बालोतरा हॉस्पिटल मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठे हैं।

द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, 24 वर्षीय विशनाराम मेघवाल, 10 दिसंबर को एक शादी समारोह से अपने टेंट और लाइट का सामान लेने गए थे। वहां गाड़ी हटाने की बात को लेकर विवाद के दौरान हिस्ट्रीशीटर हर्षदान चारण ने उन पर जातिसूचक अपशब्दों के साथ हमला किया और चाकू से ताबड़तोड़ वार कर उनकी हत्या कर दी।

विशनाराम को अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। परिवार और स्थानीय लोगों का आरोप है कि घटना की सूचना मिलने के बावजूद पुलिस मौके पर समय पर नहीं पहुंची, जिससे आरोपी फरार होने में कामयाब रहा।

विशनाराम एक सामाजिक कार्यकर्ता के साथ साथ दलित अधिकारों के लिए संघर्ष का एक महत्वपूर्ण चेहरा भी थे। उन्होंने अंबेडकर लाइब्रेरी और नवयुवक मंडल के जरिए गांव-गांव में शिक्षा और संवैधानिक जागरूकता फैलाई। वे मानवाधिकार हनन और दलित उत्पीड़न के मामलों को लेकर हमेशा आवाज उठाते रहे।

सामजिक कार्यकर्ता और लेखक भंवर मेघवंशी कहते हैं, विशनाराम अपने परिवार का कमाने वाला सदस्य था, इसी वर्ष फरवरी 2024 में उसकी शादी हुई थी। उक्त घटना के बाद से ही विशनाराम के परिजन, रिश्तेदार न्याय के लिए संघर्षरत है। एडवोकेट ताराचंद वर्मा द्वारा मामले में न्याय और अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन तैयार किया गया है जिसे अम्बेडकरवादी संगठन से जुड़े कार्यकर्ता अपने अपने जिलों में पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों को देंगे। जानकार कहते हैं यदि आरोपी जल्द गिरफ्तार नहीं हुआ तो आन्दोलन तेज होगा।

विशनाराम मेघवाल के भाई ने गुरूवार को मीडिया के सामने रोते हए कहा, "उसकी शादी हुए 10 महीने हुए हैं, पत्नी की डिलीवरी है, उसकी देखभाल कौन करेगा?...भाई हैं तो 1-2 महीने रोएंगे...बाप की कमी ताउ-काका पूरी नहीं कर सकते...परवरिश कौन करेगा।"

परिजन भूखे-प्यासे न्याय के लिए धरने पर बैठे है। लेकिन आरोपी को उच्च राजनैतिक व प्रशासनिक संरक्षण होने के कारण अभी गिरफ्तार नही किया गया, जिसके सम्पूर्ण अनुसूचित जाति में गहरा रोष व्याप्त है।

रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी हर्षदान चारण, जो एक घोषित हिस्ट्रीशीटर है, अब तक फरार है। परिजनों और हजारों लोगों ने तीन दिनों तक धरना दिया, लेकिन प्रशासन ने उनके साथ बातचीत करने में देर की। 12 दिसंबर को 10,000 से अधिक लोगों ने बालोतरा बंद में भाग लिया और कलेक्टर व एसपी से मिलने का प्रयास किया, लेकिन दोनों अधिकारियों ने ज्ञापन तक स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, "बालोतरा में एक दलित युवक की हत्या राज्य में कमजोर होती कानून-व्यवस्था का नमूना है। यह बेहद निंदनीय है कि दिनदहाड़े हत्या के मामले में भी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पीड़ित पक्ष द्वारा धरना-प्रदर्शन करने की नौबत आ गई। पिछले एक साल में दलित, आदिवासी एवं पिछड़े वर्ग के साथ अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हुई है। राज्य सरकार को इस प्रकरण में अविलंब कार्रवाई कर पीड़ित परिवार के साथ न्याय सुनिश्चित करना चाहिए।"

नागौर सांसद और आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने कहा कि दिल्ली में लोकसभा सत्र होने के चलते मैं उपस्थित नहीं हुआ। अगर इस मामले में न्याय नहीं मिला तो जयपुर में विशाल आंदोलन की योजना बनाई जाएगी।

बाड़मेर-जैसलमेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि बालोतरा में घटित विशनाराम मेघवाल हत्याकांड में सरकार का उदासीन रवैया निंदनीय है। बेनीवाल ने कहा कि अब यह लड़ाई सिर्फ पीड़ित परिवार की नहीं होकर थार की सम्पूर्ण जनता की है, जिसे हम सब मिलकर मजबूती से लड़ेंगे।

गुजरात के वडगाम के विधायक जिग्नेश मेवानी ने इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर आपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने लिखा, "बालोतरा में दलित युवक विश्नाराम मेघवाल की हत्या पर अभी तक सरकार और पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है। यह सरकार की दलित विरोधी सोच को दिखाता है। मेरा छत्तीस क़ौम से यह आग्रह है की आप सभी न्याय की इस लड़ाई में शामिल होकर अपनी आवाज़ बुलंद करे ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। यह लड़ाई किसी एक व्यक्ति, एक समाज, एक धर्म की नहीं यह लड़ाई अन्याय के विरुद्ध न्याय की है और हम सभी मिलकर इस लड़ाई को मजबूती से लड़ेंगे।"

संवैधानिक विचार मंच राजस्थान के संस्थापक गीगराज जोडली ने कहा मानवाधिकार कार्यकर्ता विशनाराम मेघवाल की चाकू मार मार कर हत्या की गई है, आरोपीयों की तीन दिन बाद भी गिरफ्तारी नहीं हुई, आंदोलन तेज किया जाएगा। हमारे आंदोलनों के अंदाज को सरकार समझती हैं।

सोशल एक्टिविस्ट लीला लिखती हैं, "आज 4 दिन हो गए लेकिन आरोपी अभी भी नहीं पकड़ा गया है। सरकार किसी की भी हो दलितों पर अत्याचार ऐसे ही होता रहा है। साथियों अगला नंबर हमारे ही किसी दलित भाई हो सकता है। इसलिए हम सबको मिलकर विशनाराम मेघवाल को न्याय दिलानी है। दलित समाज पर हो रहे अत्याचार को हम कैसे कम कर सकते है। हमारे पर हो रहे अत्याचारों को लेकर सरकारें इतनी उदासीन क्यों है.? सख्त कार्रवाई क्यों नहीं करती है.? हर साल एक नया दलित हत्याकांड हो जाता है। हमारी न्याय के लिए हमको ही लड़ना होगा, सरकारें हमारे लिए कभी नही लड़ेगी।"

राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी ने कहा कि बालोतरा जिले के पचपदरा में बीच बाजार में विशनाराम मेघवाल की दिनदहाड़े धारदार हथियार से हत्या का समाचार अत्यंत हृदयविदारक है। अपराधियों द्वारा हत्या करने के बाद भी उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं करना प्रशासन की नाकामी साबित करता है।

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