नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करने पर असम सरकार ने 3 के खिलाफ दर्ज किया देशद्रोह का केस

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 14, 2019
गुवाहाटी: नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ बोलने के कारण असम सरकार ने राज्य के बुद्धिजीवी डा हिरेन गोहाईं, किसान नेता अखिल गोगोई और वरिष्ठ पत्रकार मंजीत महंत के खिलाफ राष्ट्रदोह का मामला दर्ज किया है। हालांकि, डॉ हिरेन गोहाईं को गौहाटी हाईकोर्ट से शुक्रवार को अंतरिम जमानत मिल गई। जबकि इसी मामले में कृषक मुक्ति संग्राम समिति के नेता अखिल गोगोई को अंतरिम जमानत और पत्रकार मंजीत महंत को पूरी जमानत हाईकोर्ट ने दे दी है।

गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा- हमने लतशील पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (बी), 121, 123, 124 (ए) के तहत मामला दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि यह बैठक बिना इजाजत की गई। हम इसकी जांच कर रहे हैं। इन लोगों ने विधेयक के खिलाफ धिक्कार दिवस का आयोजन किया था। इसमें डा. गोहाईं और अखिल ने कहा कि इसी तरह का रवैया रहा तो हमें स्वाधीन असम की बात पर सोचना पड़ेगा।

लतशील पुलिस थाने के प्रभारी और इस मामले के शिकायतकर्ता उपेन्द्र कलिता ने कहा कि पुलिस ने जनसभा का वीडियो फूटेज है और साक्ष्य के आधार पर मामला दर्ज किया है। अन्य लोग जो इस बैठक में मौजूद थे वे सभी जांच के दायरे में हैं। सबसे खास बात ये है कि इस बैठक में असम के पूर्व पुलिस महानिदेशक हरेकृष्ण डेका भी मौजूद थे। 

बुद्धिजीवी और किसान नेता के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किए जाने के खिलाफ राज्य में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। गोहाईं के खिलाफ मामला दर्ज करने पर साहित्यकार डा.नगेन सैकिया ने कहा कि सरकार ने एक और आंदोलन का रास्ता खोल दिया है। सरकार की गलतियों के चलते ही काफी युवक उल्फा में जा रहे हैं।

इनपुट- मीडिया रिपोर्ट्स

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