यूपी के मुजफ्फरनगर और उससे लगे क्षेत्रों में 2013 में हुए दंगों के 800 से ज्यादा अभियुक्त अब भी फरार हैं। दंगों के दौरान पुलिस ने लूट, आगजनी और रेप के 567 मामले दर्ज किए गए थे।
1531 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप सिद्ध हुए, 581 लोगों की गिरफ्तारी हुई, 130 लोगों ने कोर्ट के सामने सरेंडर किया, लेकिन करीब 800 अभियुक्तों को अब भी गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।
मुरादाबाद के आरटीआई कार्यकर्ता सलीम बेग को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) से मिली जानकारी के अनुसार, ‘इन दंगों में चल संपत्ति के नुकसान के 546 मामलों में से 542 मामलों में 2.14 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया। अचल संपत्ति के नुकसान के 63 मामलों में 64.12 लाख रुपये दिए गए।’
2013 में हुए इन दंगों में मुजफ्फरनगर और शामली के अलावा कुछ अन्य जिलों में हुई लूट, आगजनी, रेप के 567 मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से अकेले मुजफ्फरनगर में ही 534 मामले, शामली में 27 और बागपत, मेरठ और सहारनपुर में दो-दो मामले दर्ज किए गए। इन मामलों में अभियुक्तों के रूप में 6406 लोगों का नाम था।
भाषा की खबर के अनुसार, 2791 व्यक्तियों के खिलाफ आरोप सिद्ध नहीं हो पाए और जांच के दौरान 12 अभियुक्तों की मौत हो गई। 1531 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप सिद्ध हुए थे। 2016 के अंत तक इन मामलों में 802 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जाना बाकी था, जिनकी तलाश जारी है।
Courtesy: Janta Ka Reporter
1531 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप सिद्ध हुए, 581 लोगों की गिरफ्तारी हुई, 130 लोगों ने कोर्ट के सामने सरेंडर किया, लेकिन करीब 800 अभियुक्तों को अब भी गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।
मुरादाबाद के आरटीआई कार्यकर्ता सलीम बेग को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) से मिली जानकारी के अनुसार, ‘इन दंगों में चल संपत्ति के नुकसान के 546 मामलों में से 542 मामलों में 2.14 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया। अचल संपत्ति के नुकसान के 63 मामलों में 64.12 लाख रुपये दिए गए।’
2013 में हुए इन दंगों में मुजफ्फरनगर और शामली के अलावा कुछ अन्य जिलों में हुई लूट, आगजनी, रेप के 567 मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से अकेले मुजफ्फरनगर में ही 534 मामले, शामली में 27 और बागपत, मेरठ और सहारनपुर में दो-दो मामले दर्ज किए गए। इन मामलों में अभियुक्तों के रूप में 6406 लोगों का नाम था।
भाषा की खबर के अनुसार, 2791 व्यक्तियों के खिलाफ आरोप सिद्ध नहीं हो पाए और जांच के दौरान 12 अभियुक्तों की मौत हो गई। 1531 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप सिद्ध हुए थे। 2016 के अंत तक इन मामलों में 802 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जाना बाकी था, जिनकी तलाश जारी है।
Courtesy: Janta Ka Reporter