टैंको में मजदूरों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। चाहे सीवर हों या तेल के टैंक – इनकी सफाई के दौरान- आए दिन मजदूरों की मौत की ख़बरें आती रहती हैं।
फोटो साभार : twitter
आंध्र प्रदेश के काकीनाडा की स्थानीय पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार काकीनाडा में एक फैक्टरी में तेल के टैंक की सफाई करते समय दम घुटने से सात मजदूरों की मौत हो गई।
पुलिस ने बताया कि हादसा ‘जी रागमपेट’ में सुबह करीब सात बजे हुआ। प्राथमिकी सूचना के अनुसार जान गंवाने वाले मजदूर पेद्दापुरम मंडल के पदेरू और पुलीमेरू के निवासी थे।
एक चश्मदीद ने पत्रकारों को बताया कि एक व्यक्ति पहले टैंक में घुसा और वह जब बाहर नहीं आया तो बाकी मजदूर अंदर गए।
मजदूरों के परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि फैक्टरी प्रबंधन ने मजदूरों को उचित सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं कराए।
मजदूरों के इस तरह मरने की न कोई ये पहली घटना है और न आख़िरी। चाहे सीवर हों या तेल के टैंक – आए दिन मजदूरों की मौत की ख़बरें आती रहती हैं।
ऐसी घटना अनजाने में नहीं होती बल्कि ये पंप मालिक जानबूझकर मजदूरों को बिना सुरक्षा के टैंक में उतारते हैं तो फिर इसे हत्या का मामला क्यों न माना जाए?
वर्ष 2018 में दिल्ली में भी दो मजदूरों की इसी तरह मौत हो गई थी। दिल्ली के मॉडल टाउन में गुरुवार की रात करीब 8: 30 बजे इडियन आयल पेट्रोल पंप पर पेट्रोल के टैंकर की सफाई के लिए नीचे उतरे दो कार्मचारियों की दम घुटने से मौत हो गईI पुलिस ने ठेकदारों पर लापरवाही का मामला दर्ज कर लिया था।
परन्तु मामला इतना साफ नहीं है सफाई मज़दूरों की मौत का कोई यह पहला मामला नहींI चंद रूपये बचाने के लिए मज़दूरों को बिना किसी सुरक्षा के इतने गहरे टैंको में उतारा जाता है और कई बार उनकी मौत जाती हैI इससे पहले भी गाज़ियाबाद में 40 फुट गहरे मुख्य पंपिंग स्टेशन संयंत्र (एम पी एस) में सफाई के लिए नीचे उतरे तीन सफाईकर्मियों की दम घुटने से मौत हो गई थीI
एक वर्ष पहले झारखंड की सीमा से सटे पश्चिम बंगाल के इलाके में बड़ा हादसा हुआ था। राज्य के पश्चिम बर्धमान जिले में स्थित दुर्गापुर स्टील प्लांट में शुक्रवार को काम करने के दौरान दम घुटने से 3 ठेका मजदूरों की मौत हो गई है। 5 ठेका मजदूरों को गंभीर हालत में दुर्गापुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों की पहचान साजन चौहान, सिंटू यादव औऱ संतोष चौहान के रूप में हुई थी।
करीब आठ महीने पहले (02 मई 2022 को) भी फरीदाबाद में इस तरह की घटना हुई थी जिसमे दो मजदूरों मरे थे। फरीदाबाद के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में काम करने उतरे दो मजदूरों की दम घुटने से मौत हुई थी।
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आंध्र प्रदेश के काकीनाडा की स्थानीय पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार काकीनाडा में एक फैक्टरी में तेल के टैंक की सफाई करते समय दम घुटने से सात मजदूरों की मौत हो गई।
पुलिस ने बताया कि हादसा ‘जी रागमपेट’ में सुबह करीब सात बजे हुआ। प्राथमिकी सूचना के अनुसार जान गंवाने वाले मजदूर पेद्दापुरम मंडल के पदेरू और पुलीमेरू के निवासी थे।
एक चश्मदीद ने पत्रकारों को बताया कि एक व्यक्ति पहले टैंक में घुसा और वह जब बाहर नहीं आया तो बाकी मजदूर अंदर गए।
मजदूरों के परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि फैक्टरी प्रबंधन ने मजदूरों को उचित सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं कराए।
मजदूरों के इस तरह मरने की न कोई ये पहली घटना है और न आख़िरी। चाहे सीवर हों या तेल के टैंक – आए दिन मजदूरों की मौत की ख़बरें आती रहती हैं।
ऐसी घटना अनजाने में नहीं होती बल्कि ये पंप मालिक जानबूझकर मजदूरों को बिना सुरक्षा के टैंक में उतारते हैं तो फिर इसे हत्या का मामला क्यों न माना जाए?
वर्ष 2018 में दिल्ली में भी दो मजदूरों की इसी तरह मौत हो गई थी। दिल्ली के मॉडल टाउन में गुरुवार की रात करीब 8: 30 बजे इडियन आयल पेट्रोल पंप पर पेट्रोल के टैंकर की सफाई के लिए नीचे उतरे दो कार्मचारियों की दम घुटने से मौत हो गईI पुलिस ने ठेकदारों पर लापरवाही का मामला दर्ज कर लिया था।
परन्तु मामला इतना साफ नहीं है सफाई मज़दूरों की मौत का कोई यह पहला मामला नहींI चंद रूपये बचाने के लिए मज़दूरों को बिना किसी सुरक्षा के इतने गहरे टैंको में उतारा जाता है और कई बार उनकी मौत जाती हैI इससे पहले भी गाज़ियाबाद में 40 फुट गहरे मुख्य पंपिंग स्टेशन संयंत्र (एम पी एस) में सफाई के लिए नीचे उतरे तीन सफाईकर्मियों की दम घुटने से मौत हो गई थीI
एक वर्ष पहले झारखंड की सीमा से सटे पश्चिम बंगाल के इलाके में बड़ा हादसा हुआ था। राज्य के पश्चिम बर्धमान जिले में स्थित दुर्गापुर स्टील प्लांट में शुक्रवार को काम करने के दौरान दम घुटने से 3 ठेका मजदूरों की मौत हो गई है। 5 ठेका मजदूरों को गंभीर हालत में दुर्गापुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों की पहचान साजन चौहान, सिंटू यादव औऱ संतोष चौहान के रूप में हुई थी।
करीब आठ महीने पहले (02 मई 2022 को) भी फरीदाबाद में इस तरह की घटना हुई थी जिसमे दो मजदूरों मरे थे। फरीदाबाद के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में काम करने उतरे दो मजदूरों की दम घुटने से मौत हुई थी।