नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर एम्स में अपने हॉस्टल की 10वें फ्लोर से कथित तौर पर कूद गया। गंभीर हालत में डॉक्टर को एम्स में भर्ती करवाया गया जहां पर इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। डीसीपी साउथ अतुल कुमार ठाकुर ने इसकी पुष्टि की है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, 25 वर्षीय अनुराग एम्स में ही डॉक्टर थे। मनोचिकित्सक अनुराग शुक्रवार शाम पांच बजे अपने हॉस्टल की 10वीं मंजिल से कूद गए। पुलिस को उनका मोबाइल फोन 10वीं मंजिल पर मिला है। फिलहाल अभी तक यह साफ नही हो पाया है कि डॉक्टर ने अपने हॉस्टल की 10वीं मंजिल से क्यों छलांग लगा दी। मामले की जांच जारी है।
कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के इलाज के दौरान हो रही स्वास्थ्य कर्मियों की मौत को लेकर एम्स डॉक्टर एसोसिएशन ने चिंता जताते हुए आईसीएमआर को पत्र लिखकर एक एक्सपर्ट कमेटी गठित करने की मांग की है। एसोसिएशन ने आईसीएमआर को लिखे पत्र में कहा कि कोविड जांच को लेकर कोई भी जांच प्रक्रिया शत प्रतिशत सही नहीं है ऐसे में आईसीएमआर को मामले की गंभीरता को देखते हुए गाइडलाइन जारी करनी चाहिए।
कोरोना मरीजों के इलाज के दौरान लगातार डॉक्टरों की संक्रमण से मौत हो रही है इसको लेकर एम्स प्रशासन बेहद चिंतित है। डॉक्टर एसोसिएशन ने आइसीएमआर के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव को पत्र लिखकर मांग की है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, 25 वर्षीय अनुराग एम्स में ही डॉक्टर थे। मनोचिकित्सक अनुराग शुक्रवार शाम पांच बजे अपने हॉस्टल की 10वीं मंजिल से कूद गए। पुलिस को उनका मोबाइल फोन 10वीं मंजिल पर मिला है। फिलहाल अभी तक यह साफ नही हो पाया है कि डॉक्टर ने अपने हॉस्टल की 10वीं मंजिल से क्यों छलांग लगा दी। मामले की जांच जारी है।
कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के इलाज के दौरान हो रही स्वास्थ्य कर्मियों की मौत को लेकर एम्स डॉक्टर एसोसिएशन ने चिंता जताते हुए आईसीएमआर को पत्र लिखकर एक एक्सपर्ट कमेटी गठित करने की मांग की है। एसोसिएशन ने आईसीएमआर को लिखे पत्र में कहा कि कोविड जांच को लेकर कोई भी जांच प्रक्रिया शत प्रतिशत सही नहीं है ऐसे में आईसीएमआर को मामले की गंभीरता को देखते हुए गाइडलाइन जारी करनी चाहिए।
कोरोना मरीजों के इलाज के दौरान लगातार डॉक्टरों की संक्रमण से मौत हो रही है इसको लेकर एम्स प्रशासन बेहद चिंतित है। डॉक्टर एसोसिएशन ने आइसीएमआर के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव को पत्र लिखकर मांग की है।