सीएम खट्टर सुनने को तैयार नहीं, 183 दिन से धरने पर बैठे 1500 दलित छोड़ेंगे हिंदू धर्म

Written by Sabrangindia Staff | Published on: August 13, 2018
नई दिल्ली। भाजपा शासित राज्यों मे दलित उत्पीड़न की घटनाएं आम हैं। दलितों का हाल यह है कि उन्हें शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन करने के बावजूद भी इंसाफ की आस तो छोड़िये, सरकार के प्रतिनिधि उनकी बात सुनने को तैयार नहीं होते। हरियाणा के जींद में दलित 183 दिनों से धरने पर बैठे हैं। सीएम खट्टर से बात करना चाहते हैं लेकिन मिलने ही नहीं दिया जा रहा। अब 1500 दलितों ने 15 अगस्त को धर्म परिवर्तन की चेतावनी दी है। धरने पर बैठे दलितों का आरोप है कि राज्य सरकार से संपर्क और बातचीत करने की उनकी कोशिशें नाकाम रही हैं। अपनी मांगों को लेकर सरकार की उदासनीता के बाद दलितों ने अब धर्म परिवर्तन का ऐलान किया है। 


धरने पर बैठे दलितों ने बताया कि में धरनास्थल पर ही सभी अपना धर्म परिवर्तन करेंगे। दलित जॉइंट ऐक्शन कमिटी ने कहा कि उनकी तरफ से सरकार से संपर्क और बातचीत करने की सारी कोशिशें नाकाम रहीं। अब मजबूरी में उन्हें धर्म परिवर्तन जैसा कदम उठाना पड़ेगा। दलितों को धर्म त्यागने की नौबत क्यों आती है इसका सार भी शायद उनके साथ उत्पीड़न के महीन कारणों की जानकारी में छिपा है। दलितों को अकसर सवर्णों द्वारा मोहरा बनाकर काम निकलवाया जाता रहा है। लेकिन अब दलित इस मुद्दे को समझने लगे हैं। ऐसे में वे धर्म को छोड़ने में ही भलाई समझते हैं ताकि उन्हें प्रताड़ित करने वाले लोगों को अपनी गलती का एहसास हो। लेकिन ऐसा होना मुश्किल ही नजर आता है।  

दलित नेताओं ने प्रदेश सरकार पर दलितों की सुनवाई न होने और उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। झांसा गांव में दलित लड़की से रेप, आसन कांड, भिवानी कांड, भटला जैसी घटनाओं को लेकर यहां के लोग आक्रोशित हैं। दलित नेताओं ने कहा कि इन मामलों में न्याय नहीं मिलने और लगातार उत्पीड़न के कारण अब वे 15 अगस्त को धर्म परिवर्तन करेंगे। 

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