TV डिबेट में जीडी बख्शी ने लांघी भाषायी मर्यादा, हिंदुस्तानी आवाम पार्टी के प्रवक्ता को दी मां की गाली

Written by sabrang india | Published on: July 6, 2020
नई दिल्ली। भारतीय सेना पूर्व मेजर जनरल जीडी बख्शी हाल ही में एक टीवी डिबेट के दौरान अपना आपा ही खो बैठे और इस दौरान उन्होंने दूसरे पैनलिस्ट को मां-बहन की गाली तक दे दी। वहीं अब उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। 



दरअसल रिपब्लिक टीवी पर हाल ही में एक डिबेट के दौरान उनके साथ पैनलिस्ट के रूप में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान को मां की गाली दे दी थी। कुछ लोग जीडी बख्शी को सही बताते हुए उनका पक्ष ले रहे हैं और उन्हें रॉकस्टार बता रहे हैं। जबकि कई लोग टीवी पर भाषायी मर्यादा का उल्लंघन करने को लेकर उनकी आलोचना कर रहे हैं। 

शनिवार को पीड़ित हम प्रवक्ता रिजवान ने बख्शी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने और उन्हें गिरफ्तार करने को लेकर मांग उठाई। वैसे, यह पहला मौका नहीं है जब पूर्व मेजर जनरल ने टीवी पर यूं मर्यादा को तार-तार किया हो। 

The Print की रिपोर्ट के मुताबिक, बख्शी टीवी पर इससे पहले भी मर्यादा भंग कर चुके हैं। न्यूज पोर्टल Defensive Offensive से बातचीत में तो वह पाकिस्तान को पागल कुत्ता तक करार दे चुके हैं, जो हर किसी को काटता फिरता है। बख्शी के दिलो-दिमाग में पाकिस्तान के लिए धधकती आग का बड़ा कारण है। 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान खान/सुरंग में विस्फोट के दौरान उन्होंने अपने भाई Captain Srishthi Raman Bakshi को खो दिया था। वह तब महज 23 साल के थे। बख्शी ने इस बारे में द प्रिंट को बताया था कि हादसे में भाई के शरीर के छोटे-छोटे टुकड़े हो गए थे। लोगों को जो मिला था, उन्होंने अंतिम संस्कार के दौरान वही जलाया था। 

बख्शी कहते हैं, 'अस्थियां विसर्जित करने के बाद मैं आक्रोश से भर गया था। उस वक्त ही मैंने फैसला लिया कि मैं पाकिस्तान से भाई का बदला लेने के लिए सेना में शामिल होऊंगा।' 

पुलवामा हमले के बाद ABP न्यूज पर एक डिबेट के दौरान उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान को अपने नापाक इरादों के लिए भारी कीमत चुकानी होगी। मैं वादा करता हूं कि अगर पाकिस्तान को महाभारत चाहिए, तो वह हो कर रहेगी! News Nation के पत्रकार अजय कुमार के शो में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा (2019 का वाकया) के दौरान पूर्व मेजर जनरल ने भड़कते हुए पूछा था- क्या भारतीय खून इतना सस्ता हो गया है? अरे, कबूतर उड़ाने वालों! मर जाओ चुल्लू भर पानी में डूबकर। हम मरने के लिए नहीं तैयार हुए हैं। 

बख्शी को करीब 40 साल से जानने वाले एक पूर्व सैन्य कर्मचारी ने बताया था- इस हिस्से पर मैं मीडिया और दर्शकों को दोष दूंगा। इन लोगों को विवादित लोग पसंद आते हैं और अगर ऐसे लोग, यहां तक कि वह (बख्शी) भी अगर अपना ऐसा पर्सोना/औरा नहीं बनाएंगे, तब वह जानते हैं कि उन्हें सामरिक मुद्दों पर कम ही जगह और महत्व मिलेगा।

 जनवरी, 2019 में Article 35A पर एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था- मुझे उनके टॉप कमांडर (पाक के) चाहिए। मैं ऐसे पाकिस्तानी चाहता हूं, जो बगैर पासपोर्ट और वीजा के बगैर हमारे मुल्क में आए हैं। ये कोई वेश्यावृत्ति का गढ़ है? (बौखलाते हुए) नहीं आ सकते ये, हमारे घर में। हम गाड़ देंगे इन्हें। उनके करीबियों के हवाले से अंग्रेजी साइट ने बताया कि दशकों से बख्शी तल्ख मिजाज के रहे हैं। 

Indian Military Academy में 1978-79 के दौरान उनके एक पूर्व छात्र ने बताया कि एक स्टूडेंट उनकी हिस्ट्री क्लास में सो गया था, तो उन्होंने गुस्से में डस्टर और चॉक फेंककर उस पर मार दिया था। यही नहीं, वह इसके बाद स्टूडेंट को मां-बहन की गालियां तक देते थे, पर गुस्सा ठंडा होने पर माफी मांगते हुए कहते कि उन्हें अपना नहीं खोना चाहिए था। बता दें कि बख्शी मिलिट्री हिस्ट्री में पीएचडी हैं। वह दो किताबें भी लिख चुके हैं। वह इसके अलावा सैन्य-सुरक्षा के मुद्दों पर टीवी डिबेट्स में आते रहते हैं और अपने गर्म तेवर के लिए जाने जाते हैं।

बख्शी ने एक औसत सैन्य कर्मी के मुकाबले युद्ध, आपात स्थितियां और आतंकवाद को अधिक और करीब से देखा है। वह 1971 में चीन फ्रंट पर थे। 1985 में पंजाब में, 1987 में करगिल के कक्सर में रहे और साल 2000 में जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ में सैन्य मोर्चे के दौरान उन्होंने अपनी सेवाएं दीं। इन सब चीजों ने उन्हें न केवल अनुभव दिलाया, बल्कि पुरुस्कार और सम्मान भी हासिल कराए। वह सेना मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजे जा चुके हैं।"
 

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