नई दिल्ली। दुनिया भर में कोरोना वायरस के मामलों का आंकड़ा एक करोड़ 30 लाख के पार होने के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक बार फिर चेताया है। संस्था ने कहा है कि अगर बुनियादी बातों का पालन नहीं किया गया तो यह संकट बद से बदतर होता जाएगा।
खबरों के मुताबिक डब्ल्यूएचओ प्रमुख डॉ टेड्रॉस एडनॉम गेब्रियेसस ने कहा कि कई देशों में कोरोना वायरस से उपजी महामारी कोविड-19 का दायरा बढ़ता ही जा रहा है और इससे साफ है कि जरूरी सावधानियों का पालन नहीं किया जा रहा।
उन्होंने कहा, ‘कोरोना वायरस अब भी लोगों का नंबर वन दुश्मन है लेकिन, दुनिया भर की कई सरकारें इसे लेकर जो कदम उठा रही हैं उनसे ऐसा नहीं लगता कि वे इसे किसी गंभीर खतरे की तरह ले रही हैं।’
डब्ल्यूएचओ प्रमुख के मुताबिक सोशल डिस्टेंसिंग, हाथ धोना और मास्क पहनना इस महामारी से बचने के कारगर तरीके हैं और इन्हें गंभीरता से लिए जाने की ज़रूरत है। उनका यह भी कहना था कि दुनिया के कोरोना से पहले वाले सामान्य हालात में लौटने के अभी दूर-दूर तक कोई आसार नहीं हैं।
दुनिया भर में कोरोना वायरस से अब तक करीब पौने छह लाख लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमण की सबसे ज्यादा मार अमेरिका पर है। वहां अब तक इस महामारी के 33 लाख मामले सामने आ चुके हैं और एक लाख 35 हजार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 19 लाख मामलों के साथ ब्राजील दूसरे और नौ लाख के आंकड़े को छूने के कगार पर खड़ा भारत तीसरे स्थान पर है।
खबरों के मुताबिक डब्ल्यूएचओ प्रमुख डॉ टेड्रॉस एडनॉम गेब्रियेसस ने कहा कि कई देशों में कोरोना वायरस से उपजी महामारी कोविड-19 का दायरा बढ़ता ही जा रहा है और इससे साफ है कि जरूरी सावधानियों का पालन नहीं किया जा रहा।
उन्होंने कहा, ‘कोरोना वायरस अब भी लोगों का नंबर वन दुश्मन है लेकिन, दुनिया भर की कई सरकारें इसे लेकर जो कदम उठा रही हैं उनसे ऐसा नहीं लगता कि वे इसे किसी गंभीर खतरे की तरह ले रही हैं।’
डब्ल्यूएचओ प्रमुख के मुताबिक सोशल डिस्टेंसिंग, हाथ धोना और मास्क पहनना इस महामारी से बचने के कारगर तरीके हैं और इन्हें गंभीरता से लिए जाने की ज़रूरत है। उनका यह भी कहना था कि दुनिया के कोरोना से पहले वाले सामान्य हालात में लौटने के अभी दूर-दूर तक कोई आसार नहीं हैं।
दुनिया भर में कोरोना वायरस से अब तक करीब पौने छह लाख लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमण की सबसे ज्यादा मार अमेरिका पर है। वहां अब तक इस महामारी के 33 लाख मामले सामने आ चुके हैं और एक लाख 35 हजार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 19 लाख मामलों के साथ ब्राजील दूसरे और नौ लाख के आंकड़े को छूने के कगार पर खड़ा भारत तीसरे स्थान पर है।