नोएडा के गालीबाज नेता श्रीकांत त्यागी के सपोर्ट में पश्चिमी यूपी के गावों में बैनर लगे हैं, `ये त्यागियों का गांव, BJP नेता न आएं अंदर, हमारी भूल कमल का फूल`।
हैरानी की बात यह है कि इन गांव के लोगों का कहना है कि श्रीकांत त्यागी कौन है, यह वह जानते ही नहीं, लेकिन क्योंकि वह त्यागी है इसलिए पूरा गांव उसके साथ खड़ा है। लोगों का कहना है कि श्रीकांत उनके समाज का आदमी है और उसका अपमान नहीं किया जाना चाहिए। वहीं भाकियू नेता नरेश टिकैत ने भी मामले में त्यागी समाज के साथ खड़े होने की बात कही है।
दरअसल चर्चित श्रीकांत त्यागी मामले को लेकर अब त्यागी समाज एकजुट होकर विरोध जाता रहा है। श्रीकांत त्यागी के पक्ष में जगह-जगह बैठकों का सिलसिला जारी है। मुजफ्फरनगर व सहारनपुर में तो गांव के बाहर होर्डिंग लगा दिए गए हैं कि भाजपा नेताओं प्रवेश वर्जित है। इसी के साथ लोग बीजेपी नेताओं का विरोध कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में स्थित सोहंजनी तगान एक गांव है, जहां त्यागी समाज बहुसंख्यक हैं। यहां के लोगों ने गांव के बाहर एक बैनर लगाया गया, जिसमें लिखा गया है, 'यह त्यागियों का एक ऐतिहासिक गांव है। बीजेपी नेताओं का इस गांव में प्रवेश बंद है। बायकॉट बीजेपी, हम सब की भूल कमल का फूल।'
वहीं, मुजफ्फरनगर के ही पुरकाजी विधानसभा क्षेत्र के गांव खाईखेड़ी में पहुंचे भाजपा के पूर्व विधायक प्रमोद ऊंटवाल का विरोध किया गया है और उन्हें गांव में एंट्री नहीं करने दी गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, त्यागी समाज के लोगों ने पूर्व बीजेपी विधायक को गांव से वापस लौटा दिया। श्रीकांत त्यागी प्रकरण को लेकर त्यागी समाज भाजपा से नाराज चल रहा है। ग्रामीणों के विरोध के चलते भाजपा के पूर्व विधायक प्रमोद ऊंटवाल को बैरंग वापस लौटना पड़ा। ग्रामीणों ने विधायक से कहा आप से कोई नाराजगी नहीं है। नाराजगी पार्टी से है जब तक मामले का पटाक्षेप नहीं हो जाता त्यागी समाज के गांव में किसी भी भाजपा नेता को एंट्री नहीं दी जाएगी।
सहारनपुर लोकसभा क्षेत्र के त्यागी बाहुल्य गांव छाछरेकी में भी भाजपा विरोधी पोस्टर लगाए गए हैं जिनमें भाजपा नेताओं के गांव में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। जनपद के त्यागी बहुल्य गांव में लगातार सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। सहारनपुर में भी लगातार तीन दिन से विभिन्न गांव में प्रदर्शन हो रहे हैं। श्रीकांत त्यागी प्रकरण को लेकर त्यागी समाज लगातार विरोध जता रहा है।
यही नहीं, मेरठ में नोएडा पुलिस के खिलाफ त्यागी समाज की महापंचायत हुई है। इस दौरान त्यागी समाज के कई संगठनों ने मिलकर संयुक्त त्यागी स्वाभिमान मोर्चा का गठन किया है। इस महापंचायत में यूपी, उत्तराखंड के कई जिलों से त्यागी संगठन शामिल हुए थे। इनका आरोप है कि श्रीकांत त्यागी के परिवार की महिलाओं से अभद्रता हुई है, उन्हें कई दिन तक अवैध हिरासत में रखा गया। साथ ही इन्होंने श्रीकांत पर गैंगस्टर, रासुका की कार्रवाई का विरोध किया। कहा त्यागी समाज 21 अगस्त को नोएडा में जुटेगा। इस दौरान पुलिस, बीजेपी नेताओं के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। इनका कहना है कि मांगे न मानी गई तो चुनाव में जवाब देंगे।
संयुक्त त्यागी स्वाभिमान मोर्चा के नेता राजकुमार त्यागी ने कहा, 'मोर्चे का गठन किया है। इसके बैनर तले नोएडा में 21 अगस्त को आंदोलन करेंगे। ताकि उसके परिवार के साथ न्याय हो। किसी भी राजनीतिक द्वेष भावना से उसे प्रताड़ित ना किया जाए। गैंगस्टर एक्ट लगाया गया है, उसे वापस लिया जाए। सही तरीके से पूरे प्रकरण की जांच करके, न्यायसंगत कार्रवाई की जाए।'
श्रीकांत उनके समाज का, इसलिए कर रहे समर्थन
आपको बता दें कि त्यागी समाज के अधिकांश लोगों का कहना है कि श्रीकांत त्यागी को तो वह नहीं जानते लेकिन वह त्यागी है इसलिए गांव वाले उसके साथ खड़े हैं, क्योंकि श्रीकांत उनके समाज का आदमी है। लोगों का कहना है कि श्रीकांत त्यागी उनके समाज का है और उसे अपमानित किया जा रहा है। इससे पूरा त्यागी समाज श्रीकांत के साथ है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, त्यागी समाज का आरोप है कि बीजेपी त्यागी समाज का अपमान कर रही है। विरोध कर रहे लोगों की मांग है कि बीजेपी सांसद महेश शर्मा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो, क्योंकि उन्होंने त्यागी समाज को अपमानित करने का काम किया है।
त्यागी समाज का आरोप है कि श्रीकांत के साथ उसकी पत्नी का भी अपमान किया जा रहा है और जो वीडियो वायरल की गई है वह सिर्फ आधी है। दूसरा, टीवी और सोशल मीडिया पर दिखाया जा रहा है, वह उनके समाज का है और इससे उनका समाज बदनाम हो रहा है। कहा कि हर आदमी त्यागी समाज को नीचा दिखाना चाह रहा है। त्यागी समाज की मांग है कि निष्पक्ष कार्रवाई की जाए और एकतरफा कार्रवाई न हो। क्योंकि सांसद के कहने से एक ही तरफ से कार्रवाई की जा रही है। लोगों ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सब कुछ सांसद के कहने से ही होगा? पब्लिक का कोई अधिकार नहीं है?
सांसद महेश शर्मा पर भड़के हैं लोग
एक ग्रामीण का कहना है कि नोएडा के सांसद महेश शर्मा ने श्रीकांत त्यागी को अपशब्द कहे हैं। एक महिला को भी उनके इशारे पर प्रताड़ित किया जा रहा है। नोएडा के पुलिस कमिश्नर के साथ भी गाली गलौज की गई थी। सांसद ने ही श्रीकांत के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है और सांसद ने ही त्यागी समाज के बारे में अपशब्द कहे। ग्रामीणों का कहना है कि सांसद के ऊपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस चीज को लेकर पूरे समाज में रोष है। हालांकि लोगों का यह भी कहना है कि महेश शर्मा बीजेपी के सांसद हैं, जिनका विरोध किया जा रहा है। लेकिन, उनके एरिया के बीजेपी प्रतिनिधि से उनकी कोई लड़ाई नहीं है। वह सिर्फ बीजेपी की खिलाफत कर रहे हैं।
शनिवार को त्यागी समाज के बुजुर्ग लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मांगेराम त्यागी के नेतृत्व में एसीपी अब्दुल कादिर और गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह से मुलाकात की और ज्ञापन देकर दो मांग रखीं है।
मांगेराम त्यागी ने कहा कि "गौतमबुद्धनगर सांसद डॉ. महेश शर्मा के दबाव में पुलिस ने अनुचित कदम उठाए हैं। सोसाइटी में हमारे समाज के 10-15 लोग बातचीत करने गए थे। उन्होंने वहां किसी के साथ मारपीट नहीं की। किसी तरह की अभद्रता नहीं की थी। सांसद डॉ. महेश शर्मा भीड़ लेकर पहुंच गए। उन्होंने युवकों को गिरफ्तार करवाया। उनके साथ मारपीट की गई।" उन्होंने बताया कि ज्ञापन में हमने लिखा है कि त्यागी समाज के युवकों को फरार दिखाया गया है। उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। उनमें से कोई भी अपराधिक प्रवृत्ति का युवक नहीं है। सभी पढ़े लिखे और समझदार युवक हैं। उनका मकसद कानून व्यवस्था को तोड़ना और हाथ में लेना नहीं था। वह केवल श्रीकांत त्यागी के परिवार से मिलने और उन्हें ढांढस बनाने जा रहे थे।
डॉ. महेश शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो....
मांगेराम त्यागी ने कहा, "पूरा त्यागी समाज इस घटना से उद्वेलित है। गौतमबुद्ध नगर के सांसद ने अपनी राजनीतिक ताकत का दुरुपयोग किया है। उन्होंने राज्य के एक सीनियर आईएएस अफसर को राष्ट्रीय समाचार चैनलों पर गालियां दी है। जब श्रीकांत त्यागी को गाली देने के लिए इतनी बड़ी सजा दी गई है तो सांसद के खिलाफ अब तक मुकदमा क्यों दर्ज नहीं किया गया? सांसद डॉ. महेश शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। उन्हें पूरे त्यागी समाज और देश भर के लोगों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। अगर सांसद ऐसा नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ आंदोलन को और बड़ा किया जाएगा।
उधर, शनिवार को शामली में बीकेयू राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत का बड़ा बयान सामने आया है। टिकैत ने आरोप लगाया कि सरकार त्यागी समाज को बदनाम कर रही है। त्यागी समाज की तौहीन बर्दाश्त नहीं की जा सकती। वहीं टिकैत ने बीजेपी को नसीहत दी कि बीजेपी में लाल कृष्ण आडवाणी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे अच्छे नेता भी हैं, उनको इन नेताओं से सलाह मशवरा करना चाहिए। टिकैत ने कहा बीजेपी सरकार बड़े-बड़े नेताओं की अनदेखी कर रही है। पता नहीं बीजेपी की डोर किसके हाथ में हैं। बीजेपी ने सारी हद पार कर दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नरेश टिकैत ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये सरकार तानाशाही है। सरकार को सख्त तो होना चाहिए और विकास करने चाहिए। टिकैत ने कहा हम हमेशा त्यागी समाज के साथ हैं, बिन बुलाए भी त्यागी समाज के साथ जाएंगे चाहे वो बुलाएं या न बुलाएं। नरेश टिकैत ने ये बात शुक्रवार को शामली के खेड़ी पट्टी गांव में कही, जहां वो शहीद मनीष मलिक की मूर्ति के अनावरण में आए थे। इस पंचायत में नरेश टिकैत ने श्रीकांत त्यागी का समर्थन करते हुए कहा कि त्यागी समाज की तौहीन सहन नहीं होगी।
नरेश टिकैत ने कहा कि श्रीकांत त्यागी एक जिम्मेदार व्यक्ति है, वह गलत काम नहीं कर सकता। यह एक षड्यंत्र रचा गया है श्रीकांत त्यागी और त्यागी समाज किसी महिला का कोई अपमान नहीं कर सकता। कुछ छोटी मोटी बात गलती से हो भी जाती है यह एक षड्यंत्र है। श्रीकांत के खिलाफ 25000 का इनाम और गैंगस्टर की धाराओं में निरोध कर सब बेफिजूल बात है। त्यागी को फंसाया गया है। यह सरकार द्वारा षड्यंत्र रचाया गया है। भारतीय किसान यूनियन त्यागी समाज के साथ है। हमने उनका सदा सहयोग किया है और करते रहेंगे।
बीकेयू अध्यक्ष ने कहा कि अगर किसी से छोटी मोटी गलती हो भी जाती है, तो ऐसा थोड़ा है कि उसके आतंकवादी जैसा बर्ताव करें। एक ही दिन में गैंगस्टर और 25 हजार रुपये की इनाम राशि सरकार की अच्छी सोच नहीं है। सरकार का जाट, गुर्जर समाज के प्रति भी सही व्यवहार नहीं है जो भी कुछ बोलेगा उस पर सख्ती बरतना सही नहीं है। उन्होंने बीजेपी सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि बीजेपी में आडवाणी और राजनाथ सिंह जैसे अच्छे नेता भी हैं उनसे भी सलाह मशविरा करना चाहिए।
हैरानी की बात यह है कि इन गांव के लोगों का कहना है कि श्रीकांत त्यागी कौन है, यह वह जानते ही नहीं, लेकिन क्योंकि वह त्यागी है इसलिए पूरा गांव उसके साथ खड़ा है। लोगों का कहना है कि श्रीकांत उनके समाज का आदमी है और उसका अपमान नहीं किया जाना चाहिए। वहीं भाकियू नेता नरेश टिकैत ने भी मामले में त्यागी समाज के साथ खड़े होने की बात कही है।
दरअसल चर्चित श्रीकांत त्यागी मामले को लेकर अब त्यागी समाज एकजुट होकर विरोध जाता रहा है। श्रीकांत त्यागी के पक्ष में जगह-जगह बैठकों का सिलसिला जारी है। मुजफ्फरनगर व सहारनपुर में तो गांव के बाहर होर्डिंग लगा दिए गए हैं कि भाजपा नेताओं प्रवेश वर्जित है। इसी के साथ लोग बीजेपी नेताओं का विरोध कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में स्थित सोहंजनी तगान एक गांव है, जहां त्यागी समाज बहुसंख्यक हैं। यहां के लोगों ने गांव के बाहर एक बैनर लगाया गया, जिसमें लिखा गया है, 'यह त्यागियों का एक ऐतिहासिक गांव है। बीजेपी नेताओं का इस गांव में प्रवेश बंद है। बायकॉट बीजेपी, हम सब की भूल कमल का फूल।'
वहीं, मुजफ्फरनगर के ही पुरकाजी विधानसभा क्षेत्र के गांव खाईखेड़ी में पहुंचे भाजपा के पूर्व विधायक प्रमोद ऊंटवाल का विरोध किया गया है और उन्हें गांव में एंट्री नहीं करने दी गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, त्यागी समाज के लोगों ने पूर्व बीजेपी विधायक को गांव से वापस लौटा दिया। श्रीकांत त्यागी प्रकरण को लेकर त्यागी समाज भाजपा से नाराज चल रहा है। ग्रामीणों के विरोध के चलते भाजपा के पूर्व विधायक प्रमोद ऊंटवाल को बैरंग वापस लौटना पड़ा। ग्रामीणों ने विधायक से कहा आप से कोई नाराजगी नहीं है। नाराजगी पार्टी से है जब तक मामले का पटाक्षेप नहीं हो जाता त्यागी समाज के गांव में किसी भी भाजपा नेता को एंट्री नहीं दी जाएगी।
सहारनपुर लोकसभा क्षेत्र के त्यागी बाहुल्य गांव छाछरेकी में भी भाजपा विरोधी पोस्टर लगाए गए हैं जिनमें भाजपा नेताओं के गांव में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। जनपद के त्यागी बहुल्य गांव में लगातार सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। सहारनपुर में भी लगातार तीन दिन से विभिन्न गांव में प्रदर्शन हो रहे हैं। श्रीकांत त्यागी प्रकरण को लेकर त्यागी समाज लगातार विरोध जता रहा है।
यही नहीं, मेरठ में नोएडा पुलिस के खिलाफ त्यागी समाज की महापंचायत हुई है। इस दौरान त्यागी समाज के कई संगठनों ने मिलकर संयुक्त त्यागी स्वाभिमान मोर्चा का गठन किया है। इस महापंचायत में यूपी, उत्तराखंड के कई जिलों से त्यागी संगठन शामिल हुए थे। इनका आरोप है कि श्रीकांत त्यागी के परिवार की महिलाओं से अभद्रता हुई है, उन्हें कई दिन तक अवैध हिरासत में रखा गया। साथ ही इन्होंने श्रीकांत पर गैंगस्टर, रासुका की कार्रवाई का विरोध किया। कहा त्यागी समाज 21 अगस्त को नोएडा में जुटेगा। इस दौरान पुलिस, बीजेपी नेताओं के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। इनका कहना है कि मांगे न मानी गई तो चुनाव में जवाब देंगे।
संयुक्त त्यागी स्वाभिमान मोर्चा के नेता राजकुमार त्यागी ने कहा, 'मोर्चे का गठन किया है। इसके बैनर तले नोएडा में 21 अगस्त को आंदोलन करेंगे। ताकि उसके परिवार के साथ न्याय हो। किसी भी राजनीतिक द्वेष भावना से उसे प्रताड़ित ना किया जाए। गैंगस्टर एक्ट लगाया गया है, उसे वापस लिया जाए। सही तरीके से पूरे प्रकरण की जांच करके, न्यायसंगत कार्रवाई की जाए।'
श्रीकांत उनके समाज का, इसलिए कर रहे समर्थन
आपको बता दें कि त्यागी समाज के अधिकांश लोगों का कहना है कि श्रीकांत त्यागी को तो वह नहीं जानते लेकिन वह त्यागी है इसलिए गांव वाले उसके साथ खड़े हैं, क्योंकि श्रीकांत उनके समाज का आदमी है। लोगों का कहना है कि श्रीकांत त्यागी उनके समाज का है और उसे अपमानित किया जा रहा है। इससे पूरा त्यागी समाज श्रीकांत के साथ है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, त्यागी समाज का आरोप है कि बीजेपी त्यागी समाज का अपमान कर रही है। विरोध कर रहे लोगों की मांग है कि बीजेपी सांसद महेश शर्मा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो, क्योंकि उन्होंने त्यागी समाज को अपमानित करने का काम किया है।
त्यागी समाज का आरोप है कि श्रीकांत के साथ उसकी पत्नी का भी अपमान किया जा रहा है और जो वीडियो वायरल की गई है वह सिर्फ आधी है। दूसरा, टीवी और सोशल मीडिया पर दिखाया जा रहा है, वह उनके समाज का है और इससे उनका समाज बदनाम हो रहा है। कहा कि हर आदमी त्यागी समाज को नीचा दिखाना चाह रहा है। त्यागी समाज की मांग है कि निष्पक्ष कार्रवाई की जाए और एकतरफा कार्रवाई न हो। क्योंकि सांसद के कहने से एक ही तरफ से कार्रवाई की जा रही है। लोगों ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सब कुछ सांसद के कहने से ही होगा? पब्लिक का कोई अधिकार नहीं है?
सांसद महेश शर्मा पर भड़के हैं लोग
एक ग्रामीण का कहना है कि नोएडा के सांसद महेश शर्मा ने श्रीकांत त्यागी को अपशब्द कहे हैं। एक महिला को भी उनके इशारे पर प्रताड़ित किया जा रहा है। नोएडा के पुलिस कमिश्नर के साथ भी गाली गलौज की गई थी। सांसद ने ही श्रीकांत के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है और सांसद ने ही त्यागी समाज के बारे में अपशब्द कहे। ग्रामीणों का कहना है कि सांसद के ऊपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस चीज को लेकर पूरे समाज में रोष है। हालांकि लोगों का यह भी कहना है कि महेश शर्मा बीजेपी के सांसद हैं, जिनका विरोध किया जा रहा है। लेकिन, उनके एरिया के बीजेपी प्रतिनिधि से उनकी कोई लड़ाई नहीं है। वह सिर्फ बीजेपी की खिलाफत कर रहे हैं।
शनिवार को त्यागी समाज के बुजुर्ग लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मांगेराम त्यागी के नेतृत्व में एसीपी अब्दुल कादिर और गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह से मुलाकात की और ज्ञापन देकर दो मांग रखीं है।
मांगेराम त्यागी ने कहा कि "गौतमबुद्धनगर सांसद डॉ. महेश शर्मा के दबाव में पुलिस ने अनुचित कदम उठाए हैं। सोसाइटी में हमारे समाज के 10-15 लोग बातचीत करने गए थे। उन्होंने वहां किसी के साथ मारपीट नहीं की। किसी तरह की अभद्रता नहीं की थी। सांसद डॉ. महेश शर्मा भीड़ लेकर पहुंच गए। उन्होंने युवकों को गिरफ्तार करवाया। उनके साथ मारपीट की गई।" उन्होंने बताया कि ज्ञापन में हमने लिखा है कि त्यागी समाज के युवकों को फरार दिखाया गया है। उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। उनमें से कोई भी अपराधिक प्रवृत्ति का युवक नहीं है। सभी पढ़े लिखे और समझदार युवक हैं। उनका मकसद कानून व्यवस्था को तोड़ना और हाथ में लेना नहीं था। वह केवल श्रीकांत त्यागी के परिवार से मिलने और उन्हें ढांढस बनाने जा रहे थे।
डॉ. महेश शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो....
मांगेराम त्यागी ने कहा, "पूरा त्यागी समाज इस घटना से उद्वेलित है। गौतमबुद्ध नगर के सांसद ने अपनी राजनीतिक ताकत का दुरुपयोग किया है। उन्होंने राज्य के एक सीनियर आईएएस अफसर को राष्ट्रीय समाचार चैनलों पर गालियां दी है। जब श्रीकांत त्यागी को गाली देने के लिए इतनी बड़ी सजा दी गई है तो सांसद के खिलाफ अब तक मुकदमा क्यों दर्ज नहीं किया गया? सांसद डॉ. महेश शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। उन्हें पूरे त्यागी समाज और देश भर के लोगों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। अगर सांसद ऐसा नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ आंदोलन को और बड़ा किया जाएगा।
उधर, शनिवार को शामली में बीकेयू राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत का बड़ा बयान सामने आया है। टिकैत ने आरोप लगाया कि सरकार त्यागी समाज को बदनाम कर रही है। त्यागी समाज की तौहीन बर्दाश्त नहीं की जा सकती। वहीं टिकैत ने बीजेपी को नसीहत दी कि बीजेपी में लाल कृष्ण आडवाणी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे अच्छे नेता भी हैं, उनको इन नेताओं से सलाह मशवरा करना चाहिए। टिकैत ने कहा बीजेपी सरकार बड़े-बड़े नेताओं की अनदेखी कर रही है। पता नहीं बीजेपी की डोर किसके हाथ में हैं। बीजेपी ने सारी हद पार कर दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नरेश टिकैत ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये सरकार तानाशाही है। सरकार को सख्त तो होना चाहिए और विकास करने चाहिए। टिकैत ने कहा हम हमेशा त्यागी समाज के साथ हैं, बिन बुलाए भी त्यागी समाज के साथ जाएंगे चाहे वो बुलाएं या न बुलाएं। नरेश टिकैत ने ये बात शुक्रवार को शामली के खेड़ी पट्टी गांव में कही, जहां वो शहीद मनीष मलिक की मूर्ति के अनावरण में आए थे। इस पंचायत में नरेश टिकैत ने श्रीकांत त्यागी का समर्थन करते हुए कहा कि त्यागी समाज की तौहीन सहन नहीं होगी।
नरेश टिकैत ने कहा कि श्रीकांत त्यागी एक जिम्मेदार व्यक्ति है, वह गलत काम नहीं कर सकता। यह एक षड्यंत्र रचा गया है श्रीकांत त्यागी और त्यागी समाज किसी महिला का कोई अपमान नहीं कर सकता। कुछ छोटी मोटी बात गलती से हो भी जाती है यह एक षड्यंत्र है। श्रीकांत के खिलाफ 25000 का इनाम और गैंगस्टर की धाराओं में निरोध कर सब बेफिजूल बात है। त्यागी को फंसाया गया है। यह सरकार द्वारा षड्यंत्र रचाया गया है। भारतीय किसान यूनियन त्यागी समाज के साथ है। हमने उनका सदा सहयोग किया है और करते रहेंगे।
बीकेयू अध्यक्ष ने कहा कि अगर किसी से छोटी मोटी गलती हो भी जाती है, तो ऐसा थोड़ा है कि उसके आतंकवादी जैसा बर्ताव करें। एक ही दिन में गैंगस्टर और 25 हजार रुपये की इनाम राशि सरकार की अच्छी सोच नहीं है। सरकार का जाट, गुर्जर समाज के प्रति भी सही व्यवहार नहीं है जो भी कुछ बोलेगा उस पर सख्ती बरतना सही नहीं है। उन्होंने बीजेपी सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि बीजेपी में आडवाणी और राजनाथ सिंह जैसे अच्छे नेता भी हैं उनसे भी सलाह मशविरा करना चाहिए।