चंडीगढ़। नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है। अमृतसर के देविदासपुर गांव में किसान मजदूर संघर्ष समिति का रेल रोको आंदोलन जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हमने आंदोलन आठ अक्टूबर तक बढ़ा दिया है।

इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को ट्रैक्टर रैली निकाली। राहुल गांधी ने केंद्र द्वारा लागू नए कृषि कानूनों के खिलाफ मोगा में आयोजित ट्रैक्टर रैली का नेतृत्व किया। राहुल गांधी रविवार दोपहर मोगा पहुंचे थे, जहां उन्होंने शुरू हो रही तीन दिवसीय ट्रैक्टर रैलियों का नेतृत्व किया। मोगा के बदनी कलां में उन्होंने जनसभा को भी संबोधित किया।
खेती बचाओ यात्रा के नाम से निकाली जा रही ट्रैक्टर रैलियों ने करीब पचास किलोमीटर से अधिक दूरी तय की और विभिन्न जिलों तथा निर्वाचन क्षेत्रों से गुजरी। वहीं राहुल आज पंजाब से हरियाणा पहुंचने वाले हैं और हरियाणा सरकार ने ऐलान कर दिया है कि भीड़ के साथ आने पर राहुल के लिए नो एंट्री होगी।
राहुल गांधी पंजाब के पटियाला जिले के दुधन साधन में एक जनसभा करेंगे जिसके बाद ट्रैक्टर रैली शुरु होगी जो 10 किमी की दूरी तय करके हरियाणा के पिहोवा में प्रवेश करेगी। पिहोवा में वह जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद राहुल गांधी कुरुक्षेत्र जाएंगे और एक रात वहां ठहरेंगे। बुधवार सुबह पीपली मंडी से उनकी यात्रा शुरू होगी, जहां से वह नीलोखेड़ी जाएंगेय़। इसके बाद वह करनाल जाएंगे, जहां से ट्रैक्टर रैली शुरू होगी।
राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा सरकार को कानून बनाने की बहुत जल्दी थी। सोचा होगा कि एक बार कानून बन गया तो किसान कुछ नहीं कर पाएंगे लेकिन प्रधानमंत्री मोदी किसानों की शक्ति को नहीं जानते, किसान एक बार अपनी जिद पर अड़ गया तो अपनी बात मनवा कर ही रहेगा।
पंजाब तक तो राहुल के लिए मामला घरेलू जैसा है क्योंकि यहां कांग्रेस की सरकार है। सीएम कैप्टन अमरिंदर खुद राहुल के वाइस कैप्टन बने हैं लेकिन ट्रैक्टर हरियाणा की तरफ मुड़ते ही तकरार शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री खट्टर भीड़ के साथ आने पर नो एंट्री का बोर्ड लिए तैयार बैठे हैं।
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा, ''लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है। हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है, केवल लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को वे अपने हाथ में न लें। अगर वो झुंड बनाकर पंजाब की तरफ से आएंगे तो ऐसा नहीं करने दिया जाएगा।''
बता दें कि नए कृषि कानूनों का पंजाब के किसान विरोध कर रहे हैं। किसानों का मानना है कि केंद्र द्वारा किए जा रहे कृषि सुधार से न्यूनतम समर्थन मूल्य को समाप्त करने का रास्ता साफ होगा और वे बड़ी कंपनियों की दया पर आश्रित रह जाएंगे। जबकि सरकार का कहना है कि एमएसपी प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को ट्रैक्टर रैली निकाली। राहुल गांधी ने केंद्र द्वारा लागू नए कृषि कानूनों के खिलाफ मोगा में आयोजित ट्रैक्टर रैली का नेतृत्व किया। राहुल गांधी रविवार दोपहर मोगा पहुंचे थे, जहां उन्होंने शुरू हो रही तीन दिवसीय ट्रैक्टर रैलियों का नेतृत्व किया। मोगा के बदनी कलां में उन्होंने जनसभा को भी संबोधित किया।
खेती बचाओ यात्रा के नाम से निकाली जा रही ट्रैक्टर रैलियों ने करीब पचास किलोमीटर से अधिक दूरी तय की और विभिन्न जिलों तथा निर्वाचन क्षेत्रों से गुजरी। वहीं राहुल आज पंजाब से हरियाणा पहुंचने वाले हैं और हरियाणा सरकार ने ऐलान कर दिया है कि भीड़ के साथ आने पर राहुल के लिए नो एंट्री होगी।
राहुल गांधी पंजाब के पटियाला जिले के दुधन साधन में एक जनसभा करेंगे जिसके बाद ट्रैक्टर रैली शुरु होगी जो 10 किमी की दूरी तय करके हरियाणा के पिहोवा में प्रवेश करेगी। पिहोवा में वह जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद राहुल गांधी कुरुक्षेत्र जाएंगे और एक रात वहां ठहरेंगे। बुधवार सुबह पीपली मंडी से उनकी यात्रा शुरू होगी, जहां से वह नीलोखेड़ी जाएंगेय़। इसके बाद वह करनाल जाएंगे, जहां से ट्रैक्टर रैली शुरू होगी।
राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा सरकार को कानून बनाने की बहुत जल्दी थी। सोचा होगा कि एक बार कानून बन गया तो किसान कुछ नहीं कर पाएंगे लेकिन प्रधानमंत्री मोदी किसानों की शक्ति को नहीं जानते, किसान एक बार अपनी जिद पर अड़ गया तो अपनी बात मनवा कर ही रहेगा।
पंजाब तक तो राहुल के लिए मामला घरेलू जैसा है क्योंकि यहां कांग्रेस की सरकार है। सीएम कैप्टन अमरिंदर खुद राहुल के वाइस कैप्टन बने हैं लेकिन ट्रैक्टर हरियाणा की तरफ मुड़ते ही तकरार शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री खट्टर भीड़ के साथ आने पर नो एंट्री का बोर्ड लिए तैयार बैठे हैं।
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा, ''लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है। हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है, केवल लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को वे अपने हाथ में न लें। अगर वो झुंड बनाकर पंजाब की तरफ से आएंगे तो ऐसा नहीं करने दिया जाएगा।''
बता दें कि नए कृषि कानूनों का पंजाब के किसान विरोध कर रहे हैं। किसानों का मानना है कि केंद्र द्वारा किए जा रहे कृषि सुधार से न्यूनतम समर्थन मूल्य को समाप्त करने का रास्ता साफ होगा और वे बड़ी कंपनियों की दया पर आश्रित रह जाएंगे। जबकि सरकार का कहना है कि एमएसपी प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।