लखनऊ। यूपी के बलिया जिले में एक निजी चैनल के 40 वर्षीय पत्रकार रतन सिंह की सोमवार शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई। रतन पर फेफना पुलिस थाने से लगभग 500 मीटर स्थित ग्राम प्रधान के घर के सामने कुछ बदमाशों ने हमला किया जिसके बाद वह भागने का प्रयास करने लगे तभी बदमाशों ने उन्हें दौड़ाकर गोली मार दी। पुलिस ने इस मामले को पुरानी रंजिश बताया है।

बलिया के एसपी देवेंद्र नाथ ने मीडिया को बताया कि दिसंबर 2019 में गांव के ही कुछ लोग (जिनमें मृतक रतन सिंह के दूर के रिश्तेदार भी हैं) से विवाद हुआ था। उन्हीं पर गोली मारने का आरोप है। 10 लोग इस मामले में शामिल हैं जिनमें 3 को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस घटना का रतन की पत्रकारिता से लेना-देना नहीं है। किसी खबर के चलते नहीं बल्कि आपसी रंजिश के कारण रतन की हत्या हुई।
दिप्रिंट से बातचीत में बलिया पुलिस एसपी के पीआरओ एसके सिंह ने बताया कि आरोपी मौका-ए-वारदात से तुरंत फरार हो गए। थाना पास में होने से पुलिस को घटना की जानकारी मिलते ही 10 मिनट पर स्पॉट पर पहुंची लेकिन तब तक आरोपी फरार हो गए। रतन के घर वालों की तहरीर पर 10 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस
आरोपियों की तलाश में रातभर जुटी रही। आसपास के गांव में पुलिस ने कई जगह छापेमारी की है।
एसके सिंह के मुताबिक, ये जमीन के विवाद से जुड़ा मामला है। पत्रकार के तौर पर रतन सिंह सरल आदमी रहे। वह गांव की राजनीति व पुरानी रंजिश का शिकार बन गए। दिसंबर 2019 में भी आरोपियों से उनकी मारपीट हुई थी।
रतन सिंह के घर वालों ने स्थानीय मीडिया को बताया कि वह पिछले 10 वर्ष से अधिक समय से मीडिया से जुड़े थे। सोमवार को पूरे दिन जिला मुख्यालय पर रहने के बाद शाम को गांव फेफना में ही किसी के यहां बैठने के बाद पैदल ही वापस घर जा रहे थे तभी कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया। वह बचने के लिए ग्राम प्रधान के घर की तरफ भागे तभी उनकी हत्या कर दी गई। रतन सिंह का गांव में पुराना मकान है, जहां पट्टीदारों (दूर के रिश्तेदार) से विवाद है। रतन सिंह का नया मकान क रसड़ा-फेफना मार्ग पर बना हुआ है। बताया जा रहा है कि सोमवार की शाम रतन सिंह अपने पुराने मकान पर गए थे, जहां पर उन्हें गोली मारी गई।

बलिया के एसपी देवेंद्र नाथ ने मीडिया को बताया कि दिसंबर 2019 में गांव के ही कुछ लोग (जिनमें मृतक रतन सिंह के दूर के रिश्तेदार भी हैं) से विवाद हुआ था। उन्हीं पर गोली मारने का आरोप है। 10 लोग इस मामले में शामिल हैं जिनमें 3 को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस घटना का रतन की पत्रकारिता से लेना-देना नहीं है। किसी खबर के चलते नहीं बल्कि आपसी रंजिश के कारण रतन की हत्या हुई।
दिप्रिंट से बातचीत में बलिया पुलिस एसपी के पीआरओ एसके सिंह ने बताया कि आरोपी मौका-ए-वारदात से तुरंत फरार हो गए। थाना पास में होने से पुलिस को घटना की जानकारी मिलते ही 10 मिनट पर स्पॉट पर पहुंची लेकिन तब तक आरोपी फरार हो गए। रतन के घर वालों की तहरीर पर 10 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस
आरोपियों की तलाश में रातभर जुटी रही। आसपास के गांव में पुलिस ने कई जगह छापेमारी की है।
एसके सिंह के मुताबिक, ये जमीन के विवाद से जुड़ा मामला है। पत्रकार के तौर पर रतन सिंह सरल आदमी रहे। वह गांव की राजनीति व पुरानी रंजिश का शिकार बन गए। दिसंबर 2019 में भी आरोपियों से उनकी मारपीट हुई थी।
रतन सिंह के घर वालों ने स्थानीय मीडिया को बताया कि वह पिछले 10 वर्ष से अधिक समय से मीडिया से जुड़े थे। सोमवार को पूरे दिन जिला मुख्यालय पर रहने के बाद शाम को गांव फेफना में ही किसी के यहां बैठने के बाद पैदल ही वापस घर जा रहे थे तभी कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया। वह बचने के लिए ग्राम प्रधान के घर की तरफ भागे तभी उनकी हत्या कर दी गई। रतन सिंह का गांव में पुराना मकान है, जहां पट्टीदारों (दूर के रिश्तेदार) से विवाद है। रतन सिंह का नया मकान क रसड़ा-फेफना मार्ग पर बना हुआ है। बताया जा रहा है कि सोमवार की शाम रतन सिंह अपने पुराने मकान पर गए थे, जहां पर उन्हें गोली मारी गई।