इतिहास
April 21, 2017
* झूठ 1- 1378 मेँ भारत से एक हिस्सा अलग हुआ, इस्लामिक राष्ट्र बना
■ सच - क़सम से ऐसा झूठ तो अदालत के जरखरीद गवाह भी नहीं बोलते। ईसा पूर्व 550 ईसवी में वहां Achaemenid साम्राज्य था। शासक था साइरस। 330 ईसा पूर्व में उसे सिकन्दर ने जीत लिया। 633 ईसवी से अरबों का आधिपत्य था। इस्लाम से पहले वहां हिंदुत्व नहीं पारसी और स्थनीय Manichaeism धर्म का प्रभाव था। 1502 में सफावी वंश का शासन आ गया। 1378 में...
April 20, 2017
आनंद पटवर्धन की ऐतिहासिक डाक्यूमेंट्री "राम के नाम " के कुछ हिस्से
April 20, 2017
क्या दलितों और मुस्लिमों के बीच एकता संभव है? इस सवाल के जवाब के सूत्र 1850 के उस दौर में तलाशे जा सकते हैं, जब ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले ने फातिमा शेख के साथ मिल कर पिछड़ों, दलितों और वंचितों के लिए तालीम की रोशनी फैलाने का जिम्मा उठाया था।
पिछले कुछ सालों से कई राजनीतिक मंचों, पार्टियों और फोरम में मुसलमानों और दलितों की एकता को लेकर प्रयोग चल रहे हैं। हिन्दुस्तान में...
April 12, 2017
आधुनिक भारत के इतिहास की तारीख़ में अप्रैल 1917 का भारी महत्व है. सौ साल पहले इसी महीने मोहनदास करमचंद गाँधी ने बिहार के चंपारण में जाकर सत्याग्रह की शुरुआत की थी. भारत की धरती पर अपने पहले अहिंसक सत्याग्रह के बारे में उन्होंने लिखा है- ‘मैंने वहाँ ईश्वर का, अहिंसा का और सत्य का साक्षात्कार किया.’ भले ही गाँधी के लिए चंपारण अनजाना था, बिहार की जनता, चंपारण के लोक के लिए वे अपरिचित...
April 11, 2017
आदाब,
आज मुंबई की मुग़ल मस्जिद में आयोजित यौम-ए-अली (13 रजब, हज़रत अली के जन्मदिन) पर मुझे दो शब्द कहने का अवसर देने के लिए शुक्रिया.
मैं न ही धर्म का जानकार हूँ, न ही मेरी इल्म इतनी है कि मैं बाब-ए-इल्म (इल्म के द्वार)1 के बारे में कुछ कह सकूं.
मैं इक्कीसवीं सदी का आम भारतीय नागरिक हूँ, जिसकी लगभग वही समस्याएं हैं जो किसी अन्य भारतीय की हैं. रोटी, रोज़ी, कपड़ा, मकान, बच्चों की पढ़ाई,...
April 8, 2017
यह स्टोरी सबरंगइंडिया को व्हाट्सअप पर इसके एक पाठक ने भेजी है।
सत्ता में बैठे कुछ अज्ञानी कट्टरपंथियों को अखंड भारत के मिथक और उत्तर के वर्चस्व के आगे झुकने से मना करने मलयालियों को निशाना बनाने से पहले कुछ चीजों को समझ लेना चाहिए।
सबसे पहले तो यह जान लें कि केरल के हिंदू गाय को माता के रूप में नहीं पूजते हैं। हां हमारे यहां स्टार के मंदिरों की तरह ही शिव मंदिरों में नंदी की मूर्ति जरूर...
April 6, 2017
‘‘हम मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं रखते लेकिन प्रतीकात्मक तौर पर इसके महत्व को कम करके नहीं देखा जा सकता। हम अपने प्यारे, हीरो या गुरु की फोटो या प्रतिमा को अपने घरों में सजाते हैं, ये तस्वीरें या मूर्तिया हमारे अंदर प्रेरणा और उत्साह पैदा करती हैं। अगर मूर्तियों की कोई महत्वता न होती तो रूस में समाजवाद चले जाने के बाद व पूंजीवादी व्यवस्था के कायम होने पर महान् समाजवादी नेता लेनिन के...
March 22, 2017
( यह लेख भगत सिंह ने जेल में रहते हुए लिखा था और यह 27 सितम्बर 1931 को लाहौर के अखबार “ द पीपल “ में प्रकाशित हुआ । इस लेख में भगतसिंह ने ईश्वर कि उपस्थिति पर अनेक तर्कपूर्ण सवाल खड़े किये हैं और इस संसार के निर्माण , मनुष्य के जन्म , मनुष्य के मन में ईश्वर की कल्पना के साथ साथ संसार में मनुष्य की दीनता , उसके शोषण , दुनिया में व्याप्त अराजकता और और वर्गभेद की स्थितियों का भी विश्लेषण...
March 20, 2017
कांग्रेस सांसद, शशि थरूर लोकसभा में एक प्राइवेट बिल पेश करने जा रहे हैं। बिल का इरादा, उच्चस्तरीय सचर कमेटी की सिफारिशों की मुख्य सिफारिशों को दोबारा चर्चा में लाकर इसे लागू करवाना है। सच्चर कमेटी का गठन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मार्च, 2005 में किया था। सच्चर कमेटी का गठन भेदभाव विरोधी और समानता आयोग के तौर पर किया गया था।
लेकिन क्या थरूर के इस प्राइवेट बिल को नरेंद्र मोदी की...
March 20, 2017
इतिहास को इस देश में हमेशा से तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता रहा है। बहुत सारा भ्रम फैलाया जाता रहा है। इनमें सबसे बड़ा भ्रम ये है कि गांधीवाद और मोदीवाद दो अलग-अलग विचारधाराएं हैं। गांधी भी गुजराती, मोदी भी गुजराती। दोनो हिंदू, दोनो को चरखा कातना पसंद, दोनो रामभक्त। जब व्यक्तियों में इतनी समानताएं हैं तो फिर उनके विचार अलग-अलग कैसे हो सकते हैं। कुछ लोगो का मानना है कि दो मामूली शब्दों सत्य और...