दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्वीट से जुड़े मामले में Alt News के सह-संस्थापक की गिरफ्तारी पर लगाई रोक

Written by sabrang india | Published on: September 10, 2020
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को आल्ट न्यूज के सह-संस्तापक मोहम्मद जुबैर को गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान करने वाला एक अंतरिम आदेश पारित किया है। जुबैर की ओर से एफआईआर रद्द करने की याचिका दायर की गई थी। उनके खिलाफ पॉक्सो एक्ट और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज हैं। लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस योगेश खन्ना की एकल बेंच ने दिल्ली सरकार और साइबर सेल के डिप्टी कमिश्नर को निर्देश दिया है कि मामले की जांच को लेकर आठ सप्ताह के भीतर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें। 



जुबैर ने ट्विटर यूजर जगदीश सिंह द्वारा उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए एक याचिका दायर की थी।  जुबैर ने ट्विटर पर एक शख्स के साथ बहस के दौरान 6 अगस्त को उनकी नाबालिग पोती के साथ उनकी तस्वीर डाली थी और लिखा था, "क्या आपकी प्यारी-सी पोती को आपके पार्ट टाइम नौकरी के बारे में पता है कि आप सोशल मीडिया पर लोगों को गाली देते हैं? मेरी सलाह है कि आप अपनी प्रोफाइल फोटो बदल लें।" जुबैर ने नाबालिग लड़की का चेहरा तो ब्लर कर दिया था, लेकिन दादा के साथ फोटो होने की वजह से बच्ची की पहचान उजागर हो गई थी और कुछ लोगों ने बच्ची के बारे में भी भद्दी बातें लिखीं।

जुबैर पर इसी ट्वीट को लेकर केस दर्ज किया गया कि उनकी वजह से नाबालिग को ट्विटर पर धमकी दी गई और प्रताड़ित किया गया। एफआईआर में बताया गया है कि ऑनलाइन बहस के दौरान जुबैर की पोस्ट पर दो अन्य लोगों ने कॉमेंट किया था, जिनमें से एक ने कॉमेंट बाद में डिलीट कर दिया और दूसरे के बारे में अभी तक पता नहीं चल सका है।  NCPR ने कहा कि CPCR एक्ट 2005 के सेक्शन 13 (1) और (K) के तहत शिकायत मिलने के बाद उसने मामले का संज्ञान लिया। 

जुबैर के वकील ने हाईकोर्ट में कहा कि गैर-गंभीर प्रकृति की शिकायत पर NCPCR ने निर्देश दिया और उनके मुवक्किल के खिलाफ रायपुर में आईटी एक्ट के सेक्शन 509 और पॉक्सो एक्ट के सेक्शन 12 के तहत एफआईआर दर्ज की गई। दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कोर्ट को बताया कि मेरे पास कोई निर्देश नहीं है फिर भी विभाग को एफआईआर की कॉपी शेयर करने में कोई समस्या नहीं होगी। उन्होंने कहा कि आमतौर पर इस तरह के अपराध में एफआईआर ऑनलाइन अपलोड कर दी जाती है। 

राहुल ने कहा कि मामले की जांच पुलिस कर रही है और ट्वीट के जरिए आपत्तिजनक बातें लिखने वाले तीसरे शख्स की पहचान के बारे में ट्विटर से जानकारी मांगी गई है। इसके बाद हाईकोर्ट ने ट्विटर को भी निर्देश दिया कि वह पुलिस को जल्दी जानकारी मुहैया कराए। अब इस मामले की अगली सुनवाई 8 दिसंबर को होगी।

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