अलीगढ़ में जिंदा दफन मिलीं कई गाय, जमकर बवाल

Written by Sabrangindia Staff | Published on: December 28, 2018
अलीगढ़। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में गायों को लेकर गुरुवार को जमकर बवाल हुआ। इलाके में एक दर्जन गायों को जिंदा दफनाने की सूचना से सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आए। लोगों ने सरकार विरोधी नारे लगाए और अलीगढ़-मथुरा रोड पर जाम लगा दिया। घंटों मशक्कत के बाद गायों को जमीन से निकलवाकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। पोस्टमॉर्टम के बाद पुलिस ने दावा किया कि सिर्फ मरी हुई गायें ही दफन की गई थीं। 


अलीगढ़ में बुधवार को सैकड़ों किसानों ने गोवंश से अपनी फसलें बचाने के लिए गायों को एक प्राइमरी स्कूल में बंद कर दिया था। इस घटना के एक दिन बाद गुरुवार को इगलास थाना क्षेत्र के टीकापुर गांव में गायों को जिंदा दफनाने को लेकर यह मामला सामने आया। प्रत्यक्षदर्शियों ने गुरुवार की सुबह पुलिस और जिला प्रशासन को सूचना दी कि नहर किनारे गायों के कुछ शरीर के टुकड़े पड़े हैं। पास में ताजा खुदाई के बाद कोई गड्ढा बंद किया गया है। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन के अधिकारी अर्थ मूवर मशीन के साथ मौके पर पहुंचे। 

जिला प्रशासन और पुलिस के पहुंचने से पहले वहां सैकड़ों लोग जमा हो गए थे और उन्होंने वहां खुदाई करनी शुरू कर दी थी। बाद में मशीन से खुदाई की गई और पांच गायों को निकाला गया। लोगों ने बताया कि जब गायों को निकाला गया तो उनमें से एक गाय जिंदा थी, लेकिन कुछ देर बाद वह मर गई। 

पांच गायों का शव निकालने के बाद टीम ने उनके शव पोस्टमॉर्टम के लिए पशु चिकित्सालय भेज दिए। अधिकारी वहां से जाने लगी तो लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। गांववालों ने कहा कि उस एरिया के आसपास और खुदाई की जाए। लोगों के हंगामे के बाद जब वहां फिर से खुदाई की गई तो सात और गायों के शव निकाले गए। 

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. केवी वार्ष्णेय ने कहा कि कुल 12 गायों का पोस्टमॉर्टम किया गया। उन गायों की मौत दम घुटने के कारण हुई थी। हालांकि उन्होंने साफ किया कि यह स्थिति तेज ठंड के कारण भी हो सकती है। पांच गायों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि वे गायें उसी जगह से खोदकर लाई गई थीं या कहीं और से यहां लाई गई हैं। 

अलीगढ़ के डीएम सीबी सिंह ने इस बात से साफ इनकार किया है कि गायों को जिंदा दफनाया गया थ। उन्होंने कहा कि वहां सिर्फ मरी हुई गायें ही दफन की गई थीं। जिन गायों का इलाज अस्पताल में चल रहा है वे खुदाई वाली जगह के पास बैठी हुई मिली थीं। कुछ स्थानीय लोग अफवाह फैला रहे हैं और माहौल खराब कर रहे हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से यह साबित हो गया है कि जिन गायों को दफनाया गया था, वे 24 से 36 घंटे पहले मर चुकी थीं। 

 

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