पीएम मोदी से पैर धुलवाने के बाद भी सफाई कर्मचारियों को सता रही पक्के रोजगार की चिंता

Written by sabrang india | Published on: February 25, 2019
कुंभ में दिन रात मेहनत का फल मिला। प्रधानमंत्री ने पैर धोए और सम्मानित कर काम को सराहा भी लेकिन, उनके जाने के साथ ही सम्मान एवं सभी के बीच छाए रहने का दौर खत्म हो गया। रविवार शाम से ही रोजगार की चिंता सताने लगी। कल यह नौकरी होगी, इसकी भी कोई गारंटी नहीं है। यह दर्द है कुंभ में दिहाड़ी पर नियुक्त सफाईकर्मियों और स्वच्छग्रहियों का। उनका कहना था, ‘सम्मान ही काफी नहीं है, स्थायी रोजगार भी चाहिए। हमें यह काम ही हमेशा करने दिया जाए। प्रधानमंत्री से यही उम्मीद और मांग है।’

प्रधानमंत्री के हाथों सम्मानित होने वालीं शीतल की कुंभ के दौरान सफाई के लिए नियुक्ति हुई है। अपनी पीड़ा बयां करते हुए शीतल भावुक हो गईं और आखें भर आईं। लड़खड़ाते आवाज में उन्होंने बताया, ‘रोजाना 310 रुपये मिलते हैं। प्रधानमंत्री के हाथों सम्मान मिला। यह गौरव की बात है लेकिन सम्मान से पेट तो नहीं भरा जा सकता। कुंभ के बाद नौकरी की चिंता शुरू हो जाएगी। 

सुमन ने भी कुछ इसी तरह का दर्द बयां किया। उनका कहना था कि हमें हमारा यही काम हमेशा के लिए दे दिया जाए। सफाई व्यवस्था पर निगरानी के लिए नियुक्त सोनू को रोजाना पांच सौ रुपये मिलते हैं। सोनू का भी कहना था कि ‘प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री नियमित मानदेय पर भी हमें रखे जाने की घोषणा कर देते तो अच्छा होता।’

ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि मैला उठाने में आध्यात्मिक सुख देखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या सफाई कर्मचारियों को नियमित रोजगार दे पाएंगे या फिर उनके जरिए अपना प्रचार कर इतिश्री कर लेंगे। सफाई मजदूरों का देश में बुरा हाल है। गटर में उतरने से आए दिन सफाई कर्मचारियों की मौत होती है। उनके लिए ना तो कोई बीमा का इंतजाम होता है और ना ही परिवार के लिए रोजगार का कोई अवसर उपलब्ध किया जाता है। 

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