देवास। मध्यप्रदेश के देवास जिले में अतिक्रमण के नाम पर जिला प्रशासन ने गुरूवार को सोयाबीन की फसल पर ही जेसीबी चला दी। इसे देख एक गरीब किसान महिला ने खुद को आग के हवाले कर दिया। महिला का शरीर काफी जला हुआ और स्थिति गंभीर बनी हुई है। इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं।

हालांकि प्रशासन की ओर से दावा किया जा रहा है कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रशासन की टीम पहुंची तो उनपर पथराव किया गया। पुलिस का कहना है कि महिला किसान ने आत्मदाह कर दबाव डालने की कोशिश की है। पथराव करने वाले 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
खबरों के मुताबिक महिला का आरोप है कि नाले की जमीन के बहाने हमारे खेत की खड़ी फसल पर जेसीबी चलाई जा रही थी। जब विनती करने पर भी अफसर नहीं मानें तो आत्मदाह की कोशिश की। सतवास पुलिस के अनुसार पटवारी किशोर चावरे और उनके साथी अतिक्रमण हटाने गए थे। महिला सावरा पति रमजान खान ने अतिक्रमण हटाने गयी टीम पर दबाव बनाने की कोशिश की।
प्रशासन का कहना है कि खेत के पास नाले की जमीन पर भी कब्जा कर रखा था। जब उसे हटाने लगे तो महिला और उसका परिवार ने पथराव कर दिया। वहीं, सावरा का कहना है कि पटवारी और पुलिस ने नाले का अतिक्रमण हटाने के बहाने जेसीबी चलाकर सोयाबीन की फसल को नष्ट कर दिया। उन्हें रोका तो पटवारी ने धक्का दिया और फेंक दिया। घटना के समय पुलिस प्रशासन मौजूद था, इसी लेकिन कोई हेल्प नहीं की।
वहीं कांग्रेस ने इसको लेकर मध्यप्रदेश सरकार पर निशाना साधा है और कहा कि शिवराज का जंगलराज, सरकार की प्रताड़ना से तंग आकर आग लगाई। देवास जिले के सतवास में खड़ी फसल पर जेसीबी चलवाने के शिवराज के फैसले का विरोध करते हुए एक बेबस महिला ने खुद को आग के हवाले कर दिया। कांग्रेस ने कहा है कि शिवराज जी, महामारी और मौत के बीच तो कम से कम जनता को मत मारो।

हालांकि प्रशासन की ओर से दावा किया जा रहा है कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रशासन की टीम पहुंची तो उनपर पथराव किया गया। पुलिस का कहना है कि महिला किसान ने आत्मदाह कर दबाव डालने की कोशिश की है। पथराव करने वाले 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
खबरों के मुताबिक महिला का आरोप है कि नाले की जमीन के बहाने हमारे खेत की खड़ी फसल पर जेसीबी चलाई जा रही थी। जब विनती करने पर भी अफसर नहीं मानें तो आत्मदाह की कोशिश की। सतवास पुलिस के अनुसार पटवारी किशोर चावरे और उनके साथी अतिक्रमण हटाने गए थे। महिला सावरा पति रमजान खान ने अतिक्रमण हटाने गयी टीम पर दबाव बनाने की कोशिश की।
प्रशासन का कहना है कि खेत के पास नाले की जमीन पर भी कब्जा कर रखा था। जब उसे हटाने लगे तो महिला और उसका परिवार ने पथराव कर दिया। वहीं, सावरा का कहना है कि पटवारी और पुलिस ने नाले का अतिक्रमण हटाने के बहाने जेसीबी चलाकर सोयाबीन की फसल को नष्ट कर दिया। उन्हें रोका तो पटवारी ने धक्का दिया और फेंक दिया। घटना के समय पुलिस प्रशासन मौजूद था, इसी लेकिन कोई हेल्प नहीं की।
वहीं कांग्रेस ने इसको लेकर मध्यप्रदेश सरकार पर निशाना साधा है और कहा कि शिवराज का जंगलराज, सरकार की प्रताड़ना से तंग आकर आग लगाई। देवास जिले के सतवास में खड़ी फसल पर जेसीबी चलवाने के शिवराज के फैसले का विरोध करते हुए एक बेबस महिला ने खुद को आग के हवाले कर दिया। कांग्रेस ने कहा है कि शिवराज जी, महामारी और मौत के बीच तो कम से कम जनता को मत मारो।