हरियाणा: 8 दिन से भूख हड़ताल पर MBBS के छात्र, 50 अस्पताल में भर्ती

Written by Anuj Shrivastava | Published on: October 14, 2019
झज्जर। देश में शिक्षा के निजीकरण, बाजारीकरण का नंगा स्वरूप आज देखने को मिल रहा है। हरियाणा के झज्जर जिले में स्थित WORLD COLLEGE OF MEDICAL SCIENCE AND RESEARCHES के MBBS के छात्र अपनी पढ़ाई संबंधित समस्या को लेकर बीते 42 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी अनिश्चित कालीन भूखहड़ताल का आज 8वां दिन है।



फोन पर हुई बातचीत में वहीं के पीड़ित छात्र डॉ. गौरव गुप्ता ने बताया कि देश की प्रतिष्ठित मेडिकल प्रवेश परीक्षा, NEET की काउंसलिंग के माध्यम से साल 2016 में उन्होंने प्रवेश लिया था। इस नए प्राइवेट कॉलेज में उन लोगों का पहला प्रवेश था। उसके बाद से इसमें अभी तक कोई एडमिशन नही हुआ है। इन छात्रों के पास पढ़ाई लिखाई संबंधित न्यूनतम सुविधा भी प्रशासन ने नहीं उपलब्ध कराई है।

छात्रों का आरोप है कि पहले-दूसरे साल में तो उन लोगों ने थ्योरी की परीक्षा किसी तरह अध्यापकों और कोचिंग के माध्यम से पूरी कर ली है लेकिन जब तीसरे साल में प्रैक्टिकल की बारी आई तो वहां कोई भी बंदोबस्त नही था। न कोई मरीज, न कोई ढांचा और न पर्याप्त मात्रा में डॉक्टर।

अब तक कॉलेज प्रशासन ने प्रत्येक छात्र से लगभग 40 लाख रुपये की वसूली की है। किसी के घरवालों ने जमीन किसी ने घर तो किसी की माँ ने अपने जेवरात बेचकर अपने बच्चों को डॉक्टर बनाने का सपना पाला है। जो अब मटियामेट होता नजर आ रहा है क्योंकि MCI ने इस कॉलेज की मान्यता को ही रद्द कर दिया है। अब इन सभी छात्रों का भविष्य एक झटके में अंधेरे में चला गया है।

किसी कॉलेज की मान्यता रद्द होने पर वहा पढ़ने वाले छात्रों को दूसरे कॉलेज में ट्रांसफर किया जाता है, ये लिखित प्रावधान होता है। ये पेपर कॉलेज प्रशासन और इन छात्रों के पास भी हैं जो 2014 में आदेशित हुआ है। वे इसे ही लेकर हाइकोर्ट और सरकार से लड़ रहे हैं। सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह छात्रों के भविष्य को बर्बाद होने से बचाए और तत्काल उचित कार्यवाही करे। पर सरकार इन छात्रों की मांगो पर गूंगी बहरी बनी हुई है, शिक्षा माफिया और पार्टियों का सामूहिक गठजोड़ छात्र विरोधी काम कर रहा है। सरकार ने एक छात्रा के ऊपर फर्जी FIR भी दर्ज करवाई है, गुंडों के द्वारा इन छात्रों को धमकाया भी जा रहा है।

राज्य में 21 अक्टूबर को होने वाले चुनाव में सभी पार्टियां और उनके नेता इतने मशगूल हैं कि उन्हें इन बच्चों की चीखें नही सुनाई दे रही हैं। अब ये छात्र निराश हो कर इच्छामृत्यु तक की मांग करने के लिए मजबूर हैं। इस वर्तमान न्यायव्यवस्था और लोकतंत्र में उनका विश्वास कमजोर हो रहा है।

आज इन धरनारत छात्रों में लगभग 50 छात्र हॉस्पिटल में एडमिट किये गए हैं। गौरव गुप्ता ने बताया कि सिविल चिकित्सालय के प्रशासन ने इन डॉक्टरों के साथ बदसलूकी की है। अस्पताल में उनके साथ धक्कामुक्की भी की गई है। एक ग्लूकोज चढ़ाने के बाद बिना ट्रीटमेंट पूरा किए ही उन्हें डिस्चार्ज किया जा रहा है। कुछ लोगों को भर्ती किया गया है तो उनके लिए बेड की व्यवस्था तक नहीं है, कुछ हड़ताली छात्रों को जमीन पर लिटाकर ट्रीटमेंट दिया जा रहा है, कुछ को ही बेड मिल पाया है।

ये छात्र पहले भी कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं। 30- 31 अगस्त को जंतर मंतर पर भी मार्च निकाल चुके हैं। झज्जर जिले की आम जनता के बीच समर्थन जुटाने के लिए कैंडल मार्च, विरोध प्रदर्शन और 5 रूपये में जूता पालिश जैसा विरोध भी कर चुके हैं, अनगिनत पत्रों, ज्ञापनों को देश के सभी प्रशानिक अधिकारियों को प्रेषित कर चुके हैं। पिछली बार इन्होंने 12 दिन की भूख हड़ताल की थी तब आश्वासन मिलने पर धरना खत्म किया गया था पर समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ।

इस बार ये छात्र अंतिम लड़ाई लड़ने का संघर्ष कर रहे हैं। मांग पूरी न होने पर इच्छा मृत्यु की मांग भी कर रहे हैं। यह बात सभी मानवता को प्यार करने वाले, इंसाफ पसन्द, संवेदनशील लोगों को झकझोरने वाली है।

ये भावी डॉक्टर देश भर के मानवाधिकार कार्यकर्ता, छात्र संगठन, कर्मचारी संगठनों, सामाजिक राजनीतिक संगठनों और डॉक्टरों के संगठन से अपील कर रहे हैं कि सभी लोग उनका साथ दें, समर्थन करें, संघर्ष करते हुए उनकी मांगों को पूरा करवाने में मदद करें। ये छात्र फेसबुक और इंस्टाग्राम पेज SAVE YOUR FUTURE बनाकर अपनी बात लोगों तक पहुंचा रहे हैं।

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