लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप पीड़िता के दम तोड़ने के बाद देश भर में आक्रोश का माहौल है। वहीं पीड़िता के परिजनों को इंसाफ दिलाने के लिए समूचा विपक्ष एक सुर में पीएम मोदी और सीएम योगी पर हमलावर है। इस बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर प्रदेश के डीएम और एसपी के खिलाफ एफआईआर की मांग की है। अखिलेश यादव कल हाथरस के पीड़ित परिवार से मिलने जाएंगे।

सपा अध्यक्ष ने ट्वीट कर लिखा, 'आज 'हाथरस की बेटी' के लिए 'मौन व्रत' रखने और धरने पर बैठने जा रहे सपा के वरिष्ठ नेताओं व विधायकों को भाजपा सरकार ने गिरफ्तार करके बापू-शास्त्री की जंयती के दिन सत्य की आवाज अहिंसक तरीके से दबाई है। निंदनीय।' उन्होंने कहा कि सपा हाथरस के डीएम, एसपी पर FIR की मांग करती है।
समाजवादी पार्टी कार्यालय की ओर से जारी ट्वीट में कहा गया, 'लखनऊ में शांतिपूर्ण पैदल मार्च कर रहे सपा विधायकों को पुलिस द्वारा दमनकारी सत्ता के इशारे पर रोकना निंदनीय! बापू ने सदा अहिंसा का वरण किया, हाथरस में हैवानियत की शिकार बेटी के समर्थन में और भाजपा सरकार के अत्याचार के खिलाफ गांधी प्रतिमा तक मार्च निकाल रहे विधायकों को अहंकारी, डरी हुई सरकार ने रोका।'
दरअसल, हाथरस कांड और कृषि संबंधी नए कानून के विरोध में मौन व्रत पर बैठने के लिए जा रहे समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं को शुक्रवार को हजरतगंज इलाके में पुलिस ने आगे नहीं जाने दिया। कई सपा विधायक और वरिष्ठ पार्टी नेता पार्टी कार्यालय से जुलूस के रूप में पार्टी कार्यालय से निकले और हजरतगंज चौराहे तक पहुंचे जहां पुलिस ने मार्ग अवरोधक लगा रखे थे। जब सपा कार्यकर्ताओं ने हजरतंगज स्थित गांधी प्रतिमा तक जाने का प्रयास किया तो उन्हें रोक दिया गया।
इससे पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी हाथरस के पीड़ित परिवार के लिए मिलने निकले थे लेकिन उन्हें आधे रास्ते में ही रोक दिया गया था, इसके बाद राहुल गांधी के साथ धक्का-मुक्की भी हुई, साथ ही उनकी गिरफ्तारी भी की गई थी। हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
दरअसल, 14 सितंबर को चार पुरुषों ने हाथरस के एक गांव में युवती से सामूहिक बलात्कार किया था। अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया था। उसकी हालत और खराब होने के बाद उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भेजा गया, जहां उसने मंगलवार को दम तोड़ दिया।

सपा अध्यक्ष ने ट्वीट कर लिखा, 'आज 'हाथरस की बेटी' के लिए 'मौन व्रत' रखने और धरने पर बैठने जा रहे सपा के वरिष्ठ नेताओं व विधायकों को भाजपा सरकार ने गिरफ्तार करके बापू-शास्त्री की जंयती के दिन सत्य की आवाज अहिंसक तरीके से दबाई है। निंदनीय।' उन्होंने कहा कि सपा हाथरस के डीएम, एसपी पर FIR की मांग करती है।
समाजवादी पार्टी कार्यालय की ओर से जारी ट्वीट में कहा गया, 'लखनऊ में शांतिपूर्ण पैदल मार्च कर रहे सपा विधायकों को पुलिस द्वारा दमनकारी सत्ता के इशारे पर रोकना निंदनीय! बापू ने सदा अहिंसा का वरण किया, हाथरस में हैवानियत की शिकार बेटी के समर्थन में और भाजपा सरकार के अत्याचार के खिलाफ गांधी प्रतिमा तक मार्च निकाल रहे विधायकों को अहंकारी, डरी हुई सरकार ने रोका।'
दरअसल, हाथरस कांड और कृषि संबंधी नए कानून के विरोध में मौन व्रत पर बैठने के लिए जा रहे समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं को शुक्रवार को हजरतगंज इलाके में पुलिस ने आगे नहीं जाने दिया। कई सपा विधायक और वरिष्ठ पार्टी नेता पार्टी कार्यालय से जुलूस के रूप में पार्टी कार्यालय से निकले और हजरतगंज चौराहे तक पहुंचे जहां पुलिस ने मार्ग अवरोधक लगा रखे थे। जब सपा कार्यकर्ताओं ने हजरतंगज स्थित गांधी प्रतिमा तक जाने का प्रयास किया तो उन्हें रोक दिया गया।
इससे पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी हाथरस के पीड़ित परिवार के लिए मिलने निकले थे लेकिन उन्हें आधे रास्ते में ही रोक दिया गया था, इसके बाद राहुल गांधी के साथ धक्का-मुक्की भी हुई, साथ ही उनकी गिरफ्तारी भी की गई थी। हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
दरअसल, 14 सितंबर को चार पुरुषों ने हाथरस के एक गांव में युवती से सामूहिक बलात्कार किया था। अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया था। उसकी हालत और खराब होने के बाद उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भेजा गया, जहां उसने मंगलवार को दम तोड़ दिया।