डेमोक्रेसी आज कल: स्वतंत्र पत्रकारों/मीडिया के लिए मौत की घंटी?

इस बातचीत में तीस्ता सीतलवाड़ पूरे भारत में प्रेस को स्वतंत्रता देने के बजाय उसपर अंकुश लगाने व हमले के बारे में बात कर रही हैं। असम को 'संरक्षित क्षेत्र' घोषित किया जा रहा है, जिसका अर्थ है कि विदेशी पत्रकारों को दौरा करने के लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता होगी। यूपी के मिर्जापुर में मध्यान्ह भोजन योजना के तहत बच्चों को नमक से रोटी खिलाने का वीडियो सामने लाने वाले पत्रकार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। सवाल यह है कि भारत में आज के अघोषित आपातकाल में 'स्वतंत्र पत्रकार और मीडिया हाउस कैसे प्रतिक्रिया देंगे'?