CAA-NPR-NRC के खिलाफ आवाज उठाने में भी आगे है दलित समाज

सीएए के खिलाफ दलित समाज के अग्रणी कार्यकर्ता आवाज़ उठाने में आगे हैं. आवाज उठाने के साथ ही ये दलित कार्यकर्ता यह बता रहे हैं कि सीएए-एनपीआर-एनआरसी न केवल मुस्लिम विरोधी है, बल्कि देश के अनुसूचित जाति / जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए भी खतरनाक है. दलित छात्र रोहिथ वेमुला की 4 वीं पुण्यतिथि पर आइए एक नजर डालते हैं कि कैसे भारत के दबे-कुचले आबादी और कई दलित और आदिवासी नेता, हाशिए के दलितों के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं, वे यह बताने के लिए आगे आए हैं कि सीएए-एनपीआर-एनआरसी क्यों सभी अल्पसंख्यकों और हाशिए के लोगों के लिए एक बुरा सपना बन रहा है.



देश में अपने हक की रक्षा के लिए यह लड़ाई उन बहुत सी लड़ाईयों में से एक है, जिन्हें लड़ने के लिए दबे-कुचले वर्गों को मजबूर होना पड़ा है।