तीस्ता सेतलवाड़ और माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्या बृंदा करात में हुई बातचीत में बताया गया, कि सरकार किस किस तरह से कोरोना संकट के बहाने अपने राजनीतिक एजेंडे थोप रही है. इसके अलवा दिल्ली में सीएए विरोधी आन्दोलन, वर्तमान प्रवासी संकट में मजदूरों की बेबसी और तथाकथित “आर्थिक सुधारों” जैसे अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातें हुईं. उन्होंने लॉकडाउन के संकट और सरकार के बेलगाम एजेंडे का मुकाबला करने के लिए एक मजबूत, एकजुट विपक्ष की आवश्यकता पर भी चर्चा की.