JNU में 100% वाइवा और मोदी जी
बात 2015 की है। मोदी जी रेडियो के उस पार थे। मन की बात कर रहे थे। उन्होंने ऐलान किया कि ग्रुप B, C, D के नॉन गजेटेड पदों की नौकरियों के लिए इंटरव्यू ख़त्म!दलील दी कि इंटरव्यू में करप्शन होता है। ग़रीब लुटते हैं। मोदी ने ये भी कहा था कि एक-दो मिनट में किसी को परख पाना बहुत मुश्किल काम होता है।
फिर, डेढ़ साल बाद मोदी जी के प्रतापी वीसी जगदीश कुमार ने जेएनयू में नियम बदला कि अब M.Phil और Ph.D में दाख़िला 100% वाइवा के आधार पर होगा।
अब तक व्यवस्था थी 70% लिखित और 30% वाइवा। नाफे कमेटी ने कहा कि वाइवा को और कम कीजिए। भेद-भाव किया जाता है इंटरव्यू में।
पर अपनी कमेटी की बात मानने के बजाए जगदीश ने संघ के एजेंडे को पुश किया। वाइवा का प्रतिशत घटाने के बदले बढ़ा दिया।
जेएनयू में तबसे विरोध चल रहा है। पहले एड ब्लॉक को बंद किया। फिर विरोध करने वाले स्टूडेंट्स को रस्टिकेट किया। फिर दिलीप यादव को पुलिस से उठवा लिया।
मोदी जी, ये देखिए कैसे खुलेआम जगदीश कुमार भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है। इनको 'मन की बात' की सीडी भेजिए।