गवर्नर के पद पर होते हुए किरण बेदी ने देश की 11 करोड़ की आबादी को अपराधी कहकर उनका और संविधान का अपमान किया है.
किरण बेदी अपनी ट्वीट में क्रिमिनल ट्राइब यानी अपराधी जातियों को खतरनाक और वहशी बता रही हैं.
भारत में 1952 के बाद से कोई आपराधिक जाति नही है. यह शब्द पहली बार अंग्रेजों के समय में 1871 के क्रिमिनल ट्राइब एक्ट में आया था. जो लोग किसी भी तरह से अंग्रेजों के काबू में नहीं आ रहे थे उनको कंट्रोल करने के लिए
यह कानून बना. इन जातियों को थाने में नियमित हाजिरी देनी पड़ती थी. बिना अपराध के भी इन्हें हिरासत में लेने का प्रावधान था.
आजादी के पांच साल बाद यह कानून समाप्त हो गया. भारत सरकार के समाज कल्याण मंत्रालय की रैनके कमीशन रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे लोगों की संख्या 11 करोड़ है. पूरी रिपोर्ट मंत्रालय की बेवसाइट पर उपलब्ध है.
सरकार ऐसे लोगों को विमुक्त और घुमंतू जाति VJNT कैटेगरी में रखती है.
किरण बेदी पता नहीं कैसे UPSC का इम्तिहान पास कर गईं. उनके पास यह बुनियादी जानकारी तक नहीं है.
उनके पुलिस वाले कार्यकाल की भी जांच होनी चाहिए कि कहीं आपराधिक जाति के नाम पर उन्होेंने बेकसूर लोगों का उत्पीड़न तो नहीं किया.